Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Cinema Aur Sitaron Ka Mayajaal   

₹500

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Jayprakash Chowksey
Features
  • ISBN : 9789351860983
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Jayprakash Chowksey
  • 9789351860983
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 224
  • Hard Cover

Description

हिंदी फिल्में अब इतनी लोकप्रिय हो गई हैं और जीवन का अहम हिस्सा बन गई हैं कि पत्र-पत्रिकाओं में इन्हें खूब जगह मिलती है। दरअसल कृषि-प्रधान भारत जाने कैसे फिल्ममय भारत हो गया है। हमारी रोजमर्रा की भाषा में भी फिल्म के शब्द व मुहावरे आ गए हैं, जैसे किसी भी घटना का हिट या फ्लॉप होना या अस्पताल में उम्रदराज आदमी के क्लाईमेक्स की रील चल रही है, यह कहना! हालात तो कुछ ऐसे हैं, मानो पूरा भारत ही एक विशाल परदा है और उस पर कोई मसाला फिल्म चल रही है, जिसमें मारधाड़ के दृश्य हैं, मेलोड्रामा है और गीत-संगीत भी है। कभी-कभी यह फिल्म फूहड़ भी हो जाती है। हमारा यथार्थ ही इतना फिल्मी हो गया है कि यह कालखंड  काल्पनिक लगता है।
यह संकलन प्रसिद्ध फिल्म समालोचक जयप्रकाश चौकसे के हिंदी सिनेमा पर लिखे रोचक-रोमांचक और जाने-अनजाने दृष्टांतों का लेखा-जोखा है। वे कुछ क्लोजअप और लॉन्ग शॉट्स के जरिए भी हमारे लिए दृश्य रच देते हैं। जो कुछ भी परदे के पीछे रह जाता  है, नेपथ्य में ओझल है, उसे वे प्रतिदिन के रंगमंच पर ले आते हैं और ऐसा वे किसी अदाकारी अथवा नाटकीयता के जरिए नहीं बल्कि सरलता और सहजता से करते हैं। हिंदी सिनेमा, उसके कलाकारों, उसकी सफलता-असफलता का पूरा सफर बड़ी सुंदर शैली में प्रस्तुत करती रोचक पुस्तक!

 

The Author

Jayprakash Chowksey

जन्म :  1 सितंबर, 1939 को बुरहानपुर में। 
कृतित्व :  गुजराती महाविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर रहे। 1980 में इंदौर में फिल्म वितरण का काम शुरू किया। ‘शायद’, ‘कत्ल’, ‘वो मेरा नाम’ और ‘बॉडीगार्ड’ फिल्मों की पटकथाएँ लिखीं। टेलीविजन के लिए ‘दस का दम’ और ‘बिग बॉस’ (4) का लेखन किया। इसके अलावा ‘राजकपूर सृजन की प्रक्रिया’, ‘सिनेमा का सच’ और ‘परदे के पीछे’, ‘दराहा और ताज बेकरारी का रहस्य’ का भी लेखन किया है। विगत 45 वर्षों से अखबारों में सतत लेखन। अठारह वर्ष से दैनिक भास्कर के चर्चित स्तंभ ‘परदे के पीछे’ का भी लेखन। चौकसेजी मनमोहन शेट्टी द्वारा प्रमोटिड वॉक वाटर मीडिया के सलाहकार हैं। संप्रति सिद्धार्थ तिवारी की स्वास्तिक फिल्म्स के सीरियल ‘महाभारत’ के कथा विभाग के प्रमुख भी हैं। 
सम्मान :  प्रतिष्ठित ‘सुब्रह्मण्यम भारती’ पुरस्कार से सम्मानित।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW