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Author Nirupma
Features
  • ISBN : 9788177212549
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Nirupma
  • 9788177212549
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2018
  • 152
  • Hard Cover

Description

कई दशक से व्यापक और चर्चित सवाल ‘आरक्षण’ पर तरह-तरह के सवाल, सुझाव, शिकायतें और भोग; कहीं आरक्षण से उपजी कुंठा, कहीं निश्चितता; कभी नौकरशाही द्वारा रिश्वत की माँग से आरक्षण के बावजूद नौकरी का न मिल पाना। ऐसे में अति दलित का बद से बदतर होते जाना एक भयावह समस्या है। शराबी पति से पिटती पत्नियाँ, दो वक्त की रोटी के लिए लुटती अस्मिता, जिसका उन्हें नैतिक ज्ञान भी नहीं। मानसिक रूप से गुलाम, वैचारिक दृष्टि से विकलांग, जीवित लाश सा जीवन का भार ढोते वाल्मीकि समाज में चेतना की कमी रही। इसी चेतना को व्यापक रूप देने का प्रयास है यह उपन्यास।

उपन्यास का नायक भोला दलित वाल्मीकि समाज से है। परिस्थितियों की शिकार उसकी माँ है, परिस्थितियों से समझौता करती बहन है और परिस्थितियों का लाभ उठाकर तरक्की का रास्ता पाते ही जाति-समाज को अलविदा कहनेवाला भाई है। मूलभूत जरूरतों को पूरा करने की जद्दोजहद में कभी भूख और कभी अपमान से तिल-तिल मरता उसका समाज है।

भोला के पास संघर्ष है, वित्त-विहीन, संसाधन-विहीन, समर्थन की क्षीण संभावनाओं के साथ अपने समाज को नई दिशा देने के सपने हैं। इस उपन्यास को पढ़कर एक भी वाल्मीकि जागरूक होता है तो एक-एक करके कारवाँ स्वतः बनता चला जाएगा। तब इस उपन्यास का लेखन सार्थक हो जाएगा।

The Author

Nirupma

जन्म : 18 नवंबर, लखनऊ (उ.प्र.)।

प्रकाशन : ‘इंद्रधनुष अनुभूति के’, ‘झाँकता गुलमोहर’, ‘नई सदी के हस्ताक्षर’, ‘कहने को बहुत कुछ था’, ‘ठहरा हुआ सच’ (कहानी-संग्रह)।

सम्मान-पुरस्कार : ‘महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान’, ‘जनाब अब्दुल खालिक बच्चा सम्मान’, ‘मानव सेवा सम्मान’, ‘वैश्य गौर सम्मान’, ‘भारतीय बाल कल्याण साहित्य सम्मान’, ‘पांचाल महिला रत्न’, ‘शहीद महिला रत्न’ के अलावा अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित।

संप्रति : अध्यक्ष (प्रदेश शाखा), नारायणी साहित्य एकेडमी, नई दिल्ली; संस्थापक महासचिव, सृजन जनकल्याण सेवा समिति, बरेली।

वस्त्र मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की सदस्य।

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