Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Corona Ka Pralayakaal    

₹600

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author R.K. Sinha
Features
  • ISBN : 9789355622921
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • R.K. Sinha
  • 9789355622921
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2023
  • 200
  • Hard Cover
  • 240 Grams

Description

Corona Ka Pralayakaal "कोरोना का प्रलयकाल" Book In Hindi- R.K. Sinha

आर.के.सिन्हा पुरानी पीढ़ी के राजनेता रहे हैं। समाज में घटित प्रत्येक घटना पर इनकी पैनी नजर रहती है। चूँकि सिन्हा ने अपने कॅरियर की शुरुआत पत्रकारिता से की थी, इसलिए समाज की बेहतरी और खुशहाली के लिए इनकी कलम हमेशा चलती रहती है। वैसे भी पत्रकार का काम समाज और सरकार को दिशा दिखाना होता है, जिसे वे लगातार करते रहते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में न सिर्फ कोरोना काल की विभीषिका का वर्णन है अपितु इससे बचाव के उपायों की भी पग-पग पर चर्चा की गई है। जब न सिर्फ अपना देश, बल्कि पूरा विश्व कोरोना के आगे असहाय नजर आता था, मानवता की रक्षा के लिए कलम के सिपाही आर.के. सिन्हा की लेखनी कोरोना से बचाव के लिए कोरोना वॉरियर की तरह लगातार राह दिखाती रही थी। उनके आलेख विभिन्न अखबारों में हर रोज कुछ-न-कुछ सीख देते रहे थे। वे न सिर्फ अपना बचाव कर रहे थे, बल्कि समाज कैसे बचे, इसके लिए चिंतित थे। इसके लिए भले ही उन्हें अपनी सरकार को खरी बातें कहनी पड़ीं, वे कभी चुप नहीं रहे। जहाँ सरकार ने अच्छा काम किया, वहाँ उसकी पीठ भी थपथपाई। महानगरों से दहशत में पैदल घर जा रहे मजदूरों को बेबस नहीं, ‘श्रमवीर’ बताया। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रस्तुत पुस्तक में संकलित एक-एक जीवंत और पठनीय लेख न सिर्फ कोरोना की त्रासदी को समझने में मददगार साबित होगा, बल्कि आनेवाली पीढ़ी और शोधार्थियों के काम आएगा।

The Author

R.K. Sinha

राजनीतिशास्त्र से स्नातक श्री सिन्हा ने अपने कॅरियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की। उन्होंने सन् 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में संवाददाता की भूमिका निभाई। सन् 1974-75 में लोकनायक जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में चले छात्र आंदोलन पर ‘जन आंदोलन’ पुस्तक लिखी। उन्होंने 1974 में ‘सिक्योरिटी एंड इंटेलीजेंस सर्विसेज इंडिया’ की स्थापना की। एक निजी सुरक्षा विशेषज्ञ के रूप में उन्होंने युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका, यूरोप और चीन सहित कई देशों का भ्रमण किया और कई अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संस्थानों में महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे। 1999-2004 के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठंबधन के शासनकाल में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विज्ञान व तकनीकी एवं समुद्री विकास मंत्रालय में सुरक्षा सलाहकार रहे। बहुआयामी प्रतिभा के धनी रवीन्द्र किशोर सिन्हा ने देहरादून में ‘द इंडियन पब्लिक स्कूल’ की स्थापना की। वे कई सामाजिक और कल्याणकारी संस्थाओं के अध्यक्ष हैं। फरवरी 2014 में भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए।

 

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW