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Denpa Tibbat Ki Diary   

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Author Neerja Madhav
Features
  • ISBN : 9789350486139
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Neerja Madhav
  • 9789350486139
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 232
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

तिब्बत की सांस्कृतिक मृत्यु पर भारत चुप नहीं रह सकता। पूरा विश्‍व मानवाधिकार हनन के प्रश्‍न पर मौन नहीं रह सकता। ये दोनों ही बिंदु तिब्बत आंदोलन को बल प्रदान करते हैं। भारत सरकार क्या सोचती है, यदि इस प्रश्‍न को एक ओर रख दिया जाए तो इतना स्पष्‍ट है कि पूरा हिंदुस्तान यह सोचता है कि तिब्बत की स्वतंत्रता की लड़ाई उनकी अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई के समान है। यदि सन् 1947 के पूर्व उन्हें आजादी एवं लोकतंत्र चाहिए था, तो क्या कारण है कि वह आजादी और लोकतंत्र आज तिब्बत के लोगों को नहीं मिलना चाहिए?
विस्तारवादी चीन का अस्तित्व शेष दुनिया के लिए खतरा है। जो देश इस खतरे को समझेंगे, वे आपस में मिलेंगे। चीन टूटेगा और तिब्बत को आजादी भी मिलेगी। बफर स्टेट के रूप में तिब्बत सदियों से भारत का अच्छा पड़ोसी रहा है। तिब्बत की स्वतंत्रता के बाद विश्व भर में शांति, भाईचारा और अध्यात्म को शक्‍त‌ि मिलेगी। अहिंसा और शांति मानव मात्र के विकास के लिए जरूरी है। तिब्बत की स्वतंत्रता से इन्हें बल मिलेगा।
—इसी उपन्यास से
तिब्बत-अस्मिता के जलते सवाल पर अपने लेखन से चर्चा में आई सिद्धि-संपन्न लेखिका नीरजा माधव की ताजा औपन्यासिक कृति ‘देनपा : तिब्बत की डायरी’। तिब्बती समाज की संघर्षगाथा का युगीन दस्तावेज, जो सुरक्षित रहेगा सदियों तक तेन्ग्यूर की तरह।

The Author

Neerja Madhav

जन्म : 15 मार्च, 1962 को ग्राम कोतवालपुर, पो. मुफ्तीगंज, जौनपुर में।
शिक्षा : एम.ए. (अंग्रेजी), बी.एड, पी-एच.डी.।
प्रकाशन : ‘चिटके आकाश का सूरज’, ‘अभी ठहरो अंधी सदी’, ‘आदिमगंध तथा अन्य कहानियाँ’, ‘पथ-दंश’, ‘चुप चंतारा रोना नहीं’, ‘प्रेम संबंधों की कहानियाँ’ (कहानी संग्रह); ‘प्रथम छंद से स्वप्न’, ‘प्रस्थानत्रयी’, ‘प्यार लौटना चाहेगा’ (कविता संग्रह); ‘यमदीप’, ‘तेभ्यः स्वधा’, ‘गेशे जंपा’, ‘अनुपमेय शंकर’, ‘अवर्ण महिला कांस्टेबल की डायरी’, ‘ईहामृग’, ‘धन्यवाद सिवनी’, ‘रात्रिकालीन संसद्’ (उपन्यास); ‘चैत चित्त मन महुआ’, ‘साँझी फूलन चीति’, ‘रेडियो का कला पक्ष’, ‘हिंदी साहित्य का ओझल नारी इतिहास (सन् 1857-1947)’, ‘साहित्य और संस्कृति की पृष्‍ठभूमि’। विविध कृतियों का अनुवाद। कुछ रचनाएँ विभिन्न पाठ्यक्रमों में शामिल।
पुरस्कार-सम्मान : ‘सर्जना पुरस्कार’, ‘यशपाल पुरस्कार’, ‘म.प्र. साहित्य अकादमी पुरस्कार, ‘शंकराचार्य पुरस्कार’, ‘शैलेश मटियानी राष्‍ट्रीय कथा पुरस्कार’, ‘राष्‍ट्रीय साहित्य सर्जक सम्मान’।
संप्रति : कार्यक्रम अधिशासी, आकाशवाणी (प्रसार भारती)।
इ-मेल: neerjamadhav@gmail.com
मो. : 09792411451

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