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Author Himanshu Dwivedi
Features
  • ISBN : 9789386231789
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Himanshu Dwivedi
  • 9789386231789
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2016
  • 136
  • Hard Cover

Description

दीनदयालजी का व्यक्तित्व जितना सरल था, उनका जीवन उतना ही कठिन था। इसी प्रकार दीनदयालजी के विचारों को पढ़ना जितना सरल है, उन्हें समझना उतना ही कठिन है। जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जिसे उन्होंने अपने चिंतन के दायरे में शामिल न किया हो। सामाजिक विषयों से लेकर आर्थिक विषयों तक उन्होंने जितने आयामों के साथ उन्हें विश्लेषित किया है, वह अद्भुत है। यह उनके विचारों की शाश्वतता ही है कि उनके देहावसान के 48 वर्ष बीतने के बाद भी वे अप्रासंगिक नहीं हुए हैं। उनका ‘एकात्म मानववाद’ भारतीय संस्कृति का वह जयघोष है, जिसकी गूँज कभी समाप्त नहीं होगी। 
दीनदयालजी का अध्ययन क्षेत्र बहुत विस्तृत और विस्तीर्ण था। समाज-संस्कृति-राजनीति का शायद ही कोई विषय हो, जिस पर उनकी दृष्टि न गई हो। उनकी इसी दूरदृष्टि और चिंतन ने कोटि-कोटि कार्यकर्ताओं का पथ-प्रशस्त किया है। 
वर्तमान में केंद्र और कई प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी का शासन है। वे सब दीनदयालजी के चिंतन को व्यवहार रूप देकर राष्ट्र-निर्माण के काम में संलग्न हैं। विगत 13 वर्षों से डॉ. रमन सिंह के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सरकार प्राणपण से विकास-कार्यों में जुटी है। दीनदयालजी के कथनानुसार प्रदेश के आमजन तक शासन की सुविधाओं का लाभ पहुँचे, यह स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। इस पुस्तक में दीनदयालजी के स्वप्न को पूरा करने में छत्तीसगढ़ सरकार कितना प्रभावी काम कर रही है, यही दर्शाया गया है। 
पं. दीनदयाल उपाध्याय के स्वप्नों को साकार करने की सफलता की कहानी है यह पुस्तक।

 

The Author

Himanshu Dwivedi

डॉ. हिमांशु द्विवेदी

जन्म : 4 मार्च, 1973 को ग्वालियर में।

शिक्षा : स्नातकोत्तर (पत्रकारिता), पत्रकारिता में पी-एच.डी.।

कृतित्व : 1990 में सत्रह वर्ष की आयु से ‘आज’ ग्वालियर से पत्रकारिता की शुरुआत; इसके पश्चात् कई महत्त्वपूर्ण समाचार-पत्रों में संपादकीय एवं प्रबंधकीय दायित्व निभाए। प्रखर वक्ता एवं राजनीतिक विश्लेषक के रूप में पहचान। 1995 में देश के ‘सर्वश्रेष्ठ युवा वक्ता’ के रूप में चयनित होकर जापान के छह शहरों में भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति पर व्याख्यान। थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, नेपाल, स्कॉटलैंड, इंग्लैंड, अमेरिका आदि देशों की यात्राएँ। जून 2007 में अमेरिकी प्रशासन के ‘इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम’ के अंतर्गत अमेरिका और इंग्लैंड की 35 दिन की यात्रा।

भारत के राष्ट्रपति द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित ‘माधवराव सप्रे राष्ट्रीय सम्मान’ से विभूषित।

संप्रति : ‘हरिभूमि’ समाचार-पत्र समूह के प्रधान संपादक।

संपर्क : गुरसुख विला, शगुन फॉर्म के सामने, एयरपोर्ट रोड, रायपुर (छ.ग.)।

इ-मेल : dwivedih7@gmail.com

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