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Alha-Udal Ki Veergatha   

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Author Acharya Mayaram ‘Patang’
Features
  • ISBN : 9789387980006
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : Ist
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  • Kindle Store

More Information

  • Acharya Mayaram ‘Patang’
  • 9789387980006
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • Ist
  • 2018
  • 176
  • Hard Cover

Description

कवि जगनिक रचित ‘परिमाल रासो’ में वर्णित आल्हा-ऊदल की इस वीरगाथा को प्रत्यक्ष युद्ध-वर्णन के रूप में लिखा गया है। बारहवीं शताब्दी में हुए वावरा (52) गढ़ के युद्धों का इसमें प्रत्यक्ष वर्णन है। स्वयं कवि जगनिक ने इन वीरों को महाभारत काल के पांडवों-कौरवों का पुनर्जन्म माना है। बुंदेलखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान में इनकी शौर्य गाथाएँ गाँव-गाँव में गाई जाती हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ भागों में तो आल्हा को ‘रामचरित मानस’ से भी अधिक लोकप्रियता प्राप्त है। गाँवों में फाल्गुन के दिनों में होली पर ढोल-नगाड़ों के साथ होली गाने की परंपरा है तो आल्हा गानेवाले सावन में मोहल्ले-मोहल्ले रंग जमाते हैं।
मातृभूमि व मातृशक्ति की अपनी अस्मिता, गौरव और मर्यादा की रक्षा के लिए अपूर्व शौर्य और साहस का प्रदर्शन कर शत्रु का प्रतिकार करनेवाले रणबाँकुरों की वीरगाथाएँ, जो पाठक को उस युग की विषमताओं से परिचित कराएँगी; साथ ही आप में शक्ति और समर्पण का भाव जाग्रत् करेंगी।

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अनुक्रम

प्रस्तावना—5

1. महाभारत से नाता—9

2. आल्हा-ऊदल का जन्म—12

3. आल्हा का परिचय—17

4. परिमाल राय का विवाह—22

5. संयोगिता स्वयंवर—31

6. बनाफरों का महोबा प्रवेश—37

7. मांडौगढ़ की लड़ाई—42

8. सूरजमल से लड़ाई—55

9. नैनागढ़ की लड़ाई—63

10. संभल तीर्थ पर तीन युद्ध—71

11. पथरीगढ़ की लड़ाई—75

12. दिल्ली की लड़ाई, बेला का विवाह—81

13. बौरीगढ़ की भीषण लड़ाई—88

14. सिरसागढ़ की लड़ाई—91

15. नरवरगढ़ की लड़ाई (ऊदल का विवाह)—96

16. कुमायूँ की लड़ाई—सुलिखे का विवाह—105

17. बुखारे की लड़ाई—धाँधू का विवाह—111

18. इंदल हरण—119

19. इंदल का विवाह : बलख बुखारे का युद्ध—124

20. पथरीकोट की लड़ाई—127

21. आल्हा परिवार : महोबे के बाहर—130

22. बूँदी (बंगाल) की लड़ाई : लाखन का ब्याह—132

23. सिंहलगढ़ की लड़ाई—137

24. गाँजर (कर-वसूली) की लड़ाई—141

25. सिरसागढ़ की दूसरी लड़ाई—144

26. कीर्ति सागर पर युद्ध —148

27. आल्हा की महोबा वापसी —154

28. बेतवा नदी के आर-पार लड़ाई—157

29. ऊदल का हरण—160

30. मलखान के पुत्र जलशूर का विवाह—163

31. सागर पार की लड़ाई—166

32. बेला का गौना—168

33. रानी बेला के सती होने पर योद्धाओं का अंत—172

34. सच्ची सलाह—174

The Author

Acharya Mayaram ‘Patang’

आचार्य मायाराम ‘पतंग’
जन्म : 26 जनवरी, 1940; ग्राम-नवादा, डाक गुलावठी, जिला बुलंदशहर।
शिक्षा : एम.ए. (दिल्ली), प्रभाकर, साहित्य रत्न, साहित्याचार्य, शिक्षा शास्त्री।
रचना-संसार : ‘गीत रसीले’, ‘गीत सुरीले’, ‘चहकीं चिडि़या’ (कविता); ‘अच्छे बच्चे सीधे बच्चे’, ‘व्यवहार में निखार’, ‘चरित्र निर्माण’, ‘सदाचार सोपान’, ‘पढ़ै सो ज्ञानी होय’, ‘सदाचार सोपान’ (नैतिक शिक्षा); ‘व्याकरण रचना’ (चार भाग), ‘ऑस्कर व्याकरण भारती’ (आठ भाग), ‘भाषा माधुरी प्राथमिक’ (छह भाग), ‘बच्चे कैसे हों?’, ‘शिक्षक कैसे हों?’, ‘अभिभावक कैसे हों?’ (शिक्षण साहित्य); ‘पढ़ैं नर-नार, मिटे अंधियार’ (गद्य); ‘श्रीराम नाम महिमा’, ‘मिलन’ (खंड काव्य); ‘सरस्वती वंदना शतक’, ‘हमारे विद्यालय उत्सव’, ‘श्रेष्ठ विद्यालय गीत’, ‘चुने हुए विद्यालय गीत’ (संपादित); ‘गीतमाला’, ‘आओ, हम पढ़ें-लिखें’, ‘गुंजन’, ‘उद्गम’, ‘तीन सौ गीत’, ‘कविता बोलती है’ (गीत संकलन); ‘एकता-अखंडता की कहानियाँ’, ‘राष्ट्रप्रेम की कहानियाँ’, ‘विद्यार्थियों के लिए गीता’ एवं ‘आल्हा-ऊदल की वीरगाथा’।
सम्मान : 1996 में हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा सम्मानित; 1997 में दिल्ली राज्य सरकार द्वारा सम्मानित।
संप्रति : ‘सेवा समर्पण’ मासिक में लेखन तथा परामर्शदाता; राष्ट्रवादी साहित्यकार संघ (दि.प्र.) के अध्यक्ष; ‘सविता ज्योति’ के संपादक।

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