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Jammu-Kashmir Ki Lokkathayen   

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Author Gauri Shankar Raina
Features
  • ISBN : 9789355210364
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more

More Information

  • Gauri Shankar Raina
  • 9789355210364
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2021
  • 160
  • Soft Cover
  • 200 Grams

Description

जम्मू-कश्मीर में किस्से-कहानियों को सुनाने की परंपरा पुरानी है। ‘कथासरितसागर’ को कश्मीर में ही रचा गया था। इसके रचनाकार महाकवि सोमदेव ने जहाँ बैतालपचीसी, किस्सा तोतामैना तथा सिंहासनबत्तीसी के कथानक इसमें समेट लिये, वहीं भारतीय परंपराओं और संस्कृति को प्रस्तुत किया है। कश्मीर के राजा अनंतदेव के शासन काल में सोमदेव ने इसकी रचना रानी सूर्यमती के कहने पर 1070 ई. में की थी।
विश्व के लोक-साहित्य में विचारों से भरे-पूरे और उत्कृष्ट माने जानेवाले जम्मू-कश्मीर की लोककथाओं का साहित्य सुननेवालों और प्राच्यविदों को वर्षों से प्रभावित करता आ रहा है। इन मौखिक कथाओं को कागज पर उतारने का उपक्रम 19वीं सदी में शुरू हुआ था।
ये कथाएँ संस्कृति और समाज का परिदृश्य प्रस्तुत करने के साथ ही देवी-देवताओं, राजा-रानियों तथा साधारण व्यक्तियों के चरित्रों को प्रस्तुत करती हैं और संदेश भी देती हैं। ये लोककथाएँ प्रेरणादायक भी हैं और मनोरंजक भी।

The Author

Gauri Shankar Raina

सं. गौरीशंकर रैणा 
5 फरवरी, 1954 को श्रीनगर में जन्म। कश्मीरी-हिंदी लेखक, अनुवादक एवं फिल्मकार। हिंदी में पी-एच.डी., फिल्म टी.वी. संस्थान, पुणे से कार्यक्रम निर्माण तकनीक में प्रशिक्षण; टेलीविजन ट्रेनिंग सेंटर, बर्लिन तथा एशियन मीडिया कम्यूनिकेशन सेंटर, सिंगापुर से टेलीविजन नाटकों के निर्देशन में प्रशिक्षण एवं मास मीडिया में स्नातकोत्तर डिप्लोमा। मौलिक लेखन तथा अनुवाद की लगभग 15 पुस्तकें प्रकाशित, जिनमें प्रमुख हैं- 'एक वही मैं' (लघु नाटक संकलन), ‘पालने का पूत' (कश्मीरी नाटक का हिंदी अनुवाद), 'संचार माध्यम लेखन' (मीडिया), जब उजाला हुआ (कश्मीरी कहानियों का हिंदी अनुवाद)। कहानियाँ, एकांकी, लेख आदि देश के प्रमुख पत्रपत्रिकाओं में प्रकाशित । जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी द्वारा प्रथम अनुवाद पुरस्कार; लोक सेवा प्रसारण पुरस्कार; केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा हिंदीतर भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार; उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा सौहार्द सम्मान सहित कई पुरस्कार-सम्मान प्राप्त। हिंदी में 25 टेलीफिल्म तथा एकल नाटकों का निर्माण एवं निर्देशन । दूरदर्शन के कार्यक्रम 'सबद निरंतर' की 200 कड़ियों का निर्माण-निर्देशन एवं प्रसारण। संप्रति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में सलाहकार।

 

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