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Padma Sachdev ki Lokpriya Kahaniyan   

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Author Padma Sachdev
Features
  • ISBN : 9789386300393
  • Language : Hindi
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  • Kindle Store

More Information

  • Padma Sachdev
  • 9789386300393
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2017
  • 184
  • Hard Cover

Description

उसने कहा, ‘‘चनैनी का हूँ। जम्मू से कश्मीर जाते हुए दाईं तरफ सफेद-सफेद महल है न, वहीं एक नदी बहती है। वहीं बिजलीघर भी है। चनैनी के राजा की माँ हमारे ही गाँव की बेटी थी। मैं कई बार राजा के महल में भी गया हूँ।’’ राजा की बात करते-करते उसके चेहरे पर बड़प्पन की एक परछाईं उजलाने लगी। मुझे लगा, यह खुद भी राजा है।
मैंने पूछा, ‘‘घर में कौन-कौन हैं?’’
उसकी आँखें भर आईं, फिर वह मुसकराकर बोला, ‘‘सब कोई है। मेरी माँ, बापूजी, बड़ी भाभी, भाईजी और उनके बच्चे। वैसे तो गाँव में हर कोई अपना ही होता है।’’ फिर वह बोला, ‘‘बोबोजी (बड़ी बहन), आप कहाँ की हैं?’’
मैंने कहा, ‘‘पुरमंडल की हूँ। नाम सुना है?’’
वह उत्साह से बोला, ‘‘मैं वहाँ शिवरात्रि में गया था। देविका में भी नहाया था। देविका को गुप्तगंगा कहते हैं न?’’
मैंने मुसकराकर कहा, ‘‘हाँ।’’
फिर वह बोला, ‘‘मैं अपनी भाभी को लिवाने गया था।’’
मैंने पूछा, ‘‘तुम्हारी भाभी कौन से मुहल्ले की है?’’
उसने रस में डूबकर कहा, ‘‘बोबो, मुहल्ला तो नहीं जानता, पर उसके घर अत्ती है। भाभी की छोटी बहन अत्ती। यह उसका नाम है।’’
—इसी संग्रह से

प्रसिद्ध कथाकार पद्मा सचदेव की भावप्रवण कहानियों में मानवता और संवेदना का ऐसा समावेश होता है, जो पाठक को भावुक कर देता है, उसके हृदय को स्पर्श कर जाता है। प्रस्तुत है उनकी लोकप्रिय कहानियों का पठनीय संकलन।

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अनुक्रम

भूमिका — 5

1. मेरा गुल्ला कहाँ है? — 9

2. हमवतन — 17

3. गठरी — 28

4. ईद — 48

5. आधा कुआँ — 55

6. मुत — 63

7. हमने खुद ही किया — 70

8. बू तूँ राजी? — 77

9. चौकीदारिन — 86

10. पाँव तले — 100

11. कानवाई — 112

12. कल कहाँ जाओगी — 129

13. पेंशन — 137

14. धुआँ — 145

15. गोरे भैनजी — 154

16. सूरज जग गया — 164

17. शेरा करक — 174

The Author

Padma Sachdev

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