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Pashchim Bengal Ki Lokkathayen   

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Author Pankaj Saha
Features
  • ISBN : 9789355210432
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more

More Information

  • Pankaj Saha
  • 9789355210432
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2021
  • 160
  • Soft Cover
  • 200 Grams

Description

लोक और जीवन के बीच अटूट संबंध है। अपनी  परंपरा,  सामाजिक  व्यवस्था, राजनीतिक समझ, आर्थिक तंत्र और धार्मिक मान्यताओं से आबद्ध आम-जीवन ही लोक-जीवन है। लोक-जीवन में लोक-संस्कृति अपने विभिन्न रूपों में विद्यमान रहती है। कभी यह लोकाचार, कभी लोक-विश्वास, लोक-पर्व आदि के रूप में रहती है, तो कभी लोकगीत के रूप में, कभी लोककथा के रूप में, कभी लोकनाट्य और कभी सुभाषित के रूप में।
लोक-साहित्य में लोककथाओं का विशेष महत्त्व है। भारत की समस्त लोक-भाषाओं में लोककथाएँ भरी पड़ी हैं। इन लोककथाओं में मानव-मूल्यों एवं मानवीय संवेदनाओं का सागर लहराता है। इन कथाओं में मानवीय समाज की विसंगतियों एवं त्रासदियों का गहराई से अवगाहन किया जा सकता है। जातक, पंचतंत्र, हितोपदेश, वृहत्कथा, कथासरितसागर भारत की प्राचीनतम एवं अत्यंत समृद्ध लोककथाएँ हैं।
बंगाल की लोककथाएँ भी बहुत पुरानी एवं समृद्ध हैं। अन्य भारतीय भाषाओं की तरह इनका भी जन्म मुख्यतः दादी एवं नानी के मुख से ही हुआ है। इस पुस्तक में संकलित समस्त लोककथाएँ बंगाल (पूर्व एवं पश्चिम) के हृदय का दर्पण हैं। इन लोककथाओं में बंगाल के लोक-जीवन की धड़कनें सुनाई पड़ती हैं।

The Author

Pankaj Saha

पंकज साह
जन्म : 2 जनवरी, 1959 राजमहल (झारखंड)।
शिक्षा : एम.ए. (हिंदी), पी-एच.डी.।
भाषा ज्ञान : हिंदी, संस्कृत, बाँग्ला, अंग्रेजी।
लेखन विधा : कहानी, कविता, लघुकथा, लेख, व्यंग्य, संस्मरण, यात्रा-वृत्तांत।
प्रकाशन : दो लेख-संग्रह, एक-एक व्यंग्य-संग्रह, काव्य-संग्रह व कहानी-संग्रह तथा आलोचना की एक पुस्तक प्रकाशित। हिंदी की अनेक स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं, शोध-पत्रों में 300 से अधिक रचनाएँ प्रकाशित। संपादन व सह-संपादन में पत्रिकाएँ व पाठ्य पुस्तक प्रकाशित।
अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित।
विदेश यात्राएँ : मॉरीशस, नेपाल, भूटान।
संप्रति : एसोशिएट प्रोफेसर, हिंदी-विभाग, खड़गपुर कॉलेज, खड़गपुर-721305 (प. बंगाल)।

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