Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Yugantarikari   

₹400

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Shubhangi Bhadbhade
Features
  • ISBN : 9788173155543
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Shubhangi Bhadbhade
  • 9788173155543
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2009
  • 268
  • Hard Cover

Description

‘गुरुजी, आप इतना भ्रमण करते हैं। हर रोज नए गाँव, नए प्रदेश, नई भाषाएँ, नई राहें। आपको सबकुछ नया या अपरिचित जैसा नहीं लगता?’
‘कभी नहीं; एक बार हिंदुस्थान को अपना समझ लिया तो सभी देशवासी अपने परिवार जैसे लगते हैं। आप भी एक बार मेरे साथ चलें—लेकिन आत्मीयता के साथ—तो देखेंगे कि आपको भी सारा देश अपने घर, अपने परिवार जैसा प्रतीत होगा।’
‘गुरुजी, आप इतनी संघ शाखाओं में जाते हैं, प्रवास करते हैं। क्या आपको लगता है कि पचास वर्षों के पश्‍चात‍् संघ का कुछ भविष्य होगा?’
‘अगले पचास वर्ष ही क्यों, पचास हजार वर्षों के पश्‍चात‍् भी संघ की आवश्यकता देश को रहेगी, क्योंकि संघ का कार्य व्यक्‍ति-निर्माण है। जिस वृक्ष की जड़ें अपनी मिट्टी से जुड़ जाती हैं, भूगर्भ तक जाती हैं, वह कभी नष्‍ट नहीं होता। दूर्वा कभी मरती नहीं, अवसर पाते ही लहलहाने लगती है।
‘संस्कृति व जीवन-मूल्यों पर आधारित, संस्कारों से निर्मित, साधना से अभिमंत्रित संघ अमर है और रहेगा। उसके द्वारा किया जा रहा राष्‍ट्र-कार्य दीर्घकाल तक चलनेवाला कार्य है।’
—इसी पुस्तक से
रा.स्व. संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ‘गुरुजी’ का जीवन त्यागमय व तपस्यामय था। वे प्रखर मेधा-शक्‍तिवाले, अध्यात्म-ज्ञानी एवं प्रभावशाली वक्‍ता थे। आधुनिक काल के वे एक असाधारण महापुरुष थे।
प्रस्तुत है—आदर्शों, महानताओं एवं प्रेरणाओं से युक्‍त जीवन पर आधारित एक कालजयी उपन्यास।

The Author

Shubhangi Bhadbhade

जन्म : 21 दिसंबर, 1942 को बंबई में।
शिक्षा : एम.ए. (हिंदी), साहित्य रत्‍न।सौ. शुभांगी भडभडे मराठी की अत्यंत लोकप्रिय एवं प्रख्यात साहित्यकार हैं। पौराणिक, ऐतिहासिक और सामाजिक घटना-प्रतिघटनाओं से प्रभावित होकर अपनी खास शैली में लिखनेवालों में उनका नाम आदर के साथ लिया जाता है।
कृतियाँ : ग्यारह चारित्रिक तथा अठारह सामाजिक उपन्यास, पाँच कथा-संग्रह, बारह एकांकी। विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद कार्य के अतिरिक्‍त तीन नाटक और स्तंभ लेखन; साथ ही किशोर साहित्य। दूरदर्शन व आकाशवाणी पर नाटकों का प्रसारण तथा वार्त्ता आदि।
सम्मान-पुरस्कार : महाराष्‍ट्र साहित्य सभा का ‘कविता पुरस्कार’, विदर्भ साहित्य संघ का ‘एकांकी लेखन पुरस्कार’, साहित्य अकादमी, बड़ौदा का ‘कथा पुरस्कार’, ‘कै. सुमन देशपांडे बाल साहित्य पुरस्कार’, ‘बाल उपन्यास पुरस्कार’, अ.भा. नाट्य परिषद्, मुंबई का ‘एकांकी लेखन पुरस्कार’ तथा ‘सारांश’ कथा-संग्रह पर महाराष्‍ट्र सरकार का ‘उत्कृष्‍ट वाड‍्मय पुरस्कार’।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW