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Shishir Samagra (PB)   

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Author Sabitri Badaik
Features
  • ISBN : 9789353226251
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more

More Information

  • Sabitri Badaik
  • 9789353226251
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2019
  • 280
  • Soft Cover

Description

शिशिर टुडू सबके आत्मीय थे। उनके व्यक्तित्व की जो सबसे बड़ी खूबी सबको आकर्षित करती थी, वह थी उनके आदिवासियत से लबरेज होने के बावजूद हमारे-आपके जैसे सामान्य ‘इनसान’ होना। उनमें न आदिवासी होने की हीनता थी और न दंभ। एक निहायत विनम्र, सहृदय और जिंदादिल इनसान थे वे, जिन्हें किसी ने कभी भी तीखा होते नहीं देखा, न सुना। आदिवासियत का सबसे बड़ा गुण यह कि वह समभाव से जीवन के सुख-दुख को ग्रहण करता है। अपनी भवनाओं को संयत रूप में प्रकट करता है। शिशिर टुडू इसके मूर्त रूप थे।
कला, संस्कृति और संघर्ष से जुड़ा उनका लंबा जीवनानुभव था। हिंदी, अंग्रेजी सहित कई आदिवासी भाषाओं पर उनका समान अधिकार था। वे एक संवेदनशील व्यक्ति थे और लिखते वक्त उनकी भाषाशैली जीवंत हो उठती थी। वे फिल्मकार भी थे। लेकिन उन्होंने कभी भूले से भी अपने व्यक्तित्व की इन खूबियों का प्रदर्शन नहीं किया। वे बस जरूरत के हिसाब से उसका यथा समय उपयोग करते थे। उन्होंने अपने ज्ञान का, यश और आर्थिक क्षमता बढ़ाने में दुरुपयोग नहीं किया। 
वे अपने मूल से गहरे जुड़े, देश-दुनिया के अद्यतन ज्ञान से संपन्न आदिवासी थे। वे हमें हमेशा याद रहेंगे, एक संपूर्ण व्यक्ति के रूप में।

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अनुक्रम

यह किताब  —Pgs. 3

शिशिर दा  —Pgs. 9

शिशिर दा का रचना संसार  —Pgs. 11

इंटरव्यू  —Pgs. 29

उपन्यास (असमाप्त) —Pgs. 41

कहानी  —Pgs. 97

कविता  —Pgs. 143

संस्मरण  —Pgs. 159

आलेख  —Pgs. 187

पटकथा  —Pgs. 233

संपादकीय  —Pgs. 249

The Author

Sabitri Badaik

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