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Vyathit Jammu-Kashmir   

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Author Narender Sehgal
Features
  • ISBN : 9788177211856
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Narender Sehgal
  • 9788177211856
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 256
  • Hard Cover

Description

अनुक्रमणिका

प्रस्तावना —Pgs. 7

1. भारत माता के मुकुट कश्मीर का गौरवशाली अतीत —Pgs. 13

2. दिग्विजयी कश्मीर —Pgs. 21

3. धर्मांतरण से राष्ट्रांतरण —Pgs. 31

4. डुग्गर धरती का गौरवशाली अतीत —Pgs. 35

5. आत्म बलिदान की अनूठी मिसाल डुग्गर रत्न बाबा जो —Pgs. 41

6. डुग्गर पौरुष के प्रतीक वीर बंदा वैरागी —Pgs. 45

7. विजयी डोगरा सेनानायक जनरल जोरावर सिंह —Pgs. 49

8. राष्ट्रभत डोगरा शासक —Pgs. 55

9. जम्मू क्षेत्र में संघ —Pgs. 61

10. जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय —Pgs. 66

11. कश्मीर घाटी में संघ —Pgs. 75

12. रक्षा मोरचे पर संघ —Pgs. 78

13. शेख अदुल्ला का उदय —Pgs. 84

14. पं. नेहरू की अदूरदर्शिता —Pgs. 92

15. प्रजा परिषद् आंदोलन —Pgs. 109

16. आत्मनिर्णय का इसलामी जुनून —Pgs. 123

17. देशभत कश्मीरी पंडित —Pgs. 131

18. डोडा क्षेत्र में आतंक —Pgs. 141

19. जम्मू क्षेत्र से भेदभाव —Pgs. 145

20. मंदिरों का शहर बना शरणार्थियों का शहर —Pgs. 150

21. हिंदू स्वाभिमान की विजय —Pgs. 158

22. हिंदू विहीन कश्मीरियत? —Pgs. 179

23. फसाद की जड़ अनुच्छेद 370 —Pgs. 184

24. भारतीय सुरक्षा बल —Pgs. 191

25. लद्दाख में राष्ट्रवाद का जागरण —Pgs. 199

26. खतरे में लद्दाखी सभ्यता —Pgs. 203

27. समाधान की तलाश —Pgs. 205

परिशिष्ट-1 मैंने श्री गुरुजी को ‘कर्ण महल’ में प्रवेश करते देखा —Pgs. 227

परिशिष्ट-2 The Accession oh the J&K State and Maharaja Hari Singh —Pgs. 228

परिशिष्ट-3 In Saving Kashmir —Pgs. 230

परिशिष्ट-4 Accession of Kashmir sangh's Efforts —Pgs. 233

परिशिष्ट-5 महाराजा का सरदार पटेल को पत्र —Pgs. 236

परिशिष्ट-6 महाराजा का भारत में विलय का प्रस्ताव —Pgs. 241

परिशिष्ट-7 26 अतूबर, 1947 को महाराजा हरिसिंह द्वारा कार्यान्वित विलय-पत्र —Pgs. 244

परिशिष्ट-8 भारत के संविधान की धारा-370 —Pgs. 247

परिशिष्ट-9 शिमला समझौता —Pgs. 249

परिशिष्ट-10 कश्मीर समझौता (फरवरी 1975 ) —Pgs. 252

संदर्भ-ग्रंथ —Pgs. 254

पत्र-पत्रिकाएँ —Pgs. 256

The Author

Narender Sehgal

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