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Smritiyan

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Author Garima Sanjay
Features
  • ISBN : 9789382898405
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more

More Information

  • Garima Sanjay
  • 9789382898405
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2013
  • 160
  • Hard Cover
  • 330 Grams

Description

‘हाय, नीतू! कैसी है?’ उसकी बचपन की सहेली, मीनाक्षी का फोन था।
‘अच्छी हूँ, मीनाक्षी। तू बता, इस समय कैसे फोन किया?’
‘बस, तेरी याद आई, और फोन मिला दिया !’
‘यहाँ शाम के आठ बजे हैं, यानी इस समय वहाँ सुबह के साढ़े छह बज रहे होंगे। तू कहना चाहती है कि आज इतनी सुबह तुझे मेरी याद आ रही थी?’ इस बार नीतू हँस पड़ी थी!
‘उँह! तुझसे तो बात करना ही बेकार है। ले अपने भैया से बात कर।’
‘कैसी है नीतू?’ विजय भैया की आवाज हमेशा ही उसे खुशी देती थी। खुश न हो, तब भी उसे आवाज से खुश दिखना होता था। वह कहीं आवाज के जरिए उसके दर्द में न झाँक लें!
‘अच्छी हूँ, भैया। आप सुनाइए, ऐसी कौन सी खबर है, जो आप लोगों ने इस समय फोन किया?’
‘हम्म! बड़ी सयानी है, तू!’
नीतू फीकी सी हँसी हँस दी थी।
‘खबर यह है कि अभी-अभी ओम का फोन आया था। भारद्वाज आंटी की डेथ हो गई।’
—इसी पुस्तक से
बीते जीवन की स्मृतियाँ ही मानव की सबसे बड़ी धरोहर होती हैं। अपनी खुशनुमा स्मृतियों में व्यक्‍ति विकट वर्तमान को भी भूल जाता है। स्मृतियों के ऐसे ही तानों-बानों से बुना है मर्मस्पर्शी उपन्यास ‘स्मृतियाँ’।

The Author

Garima Sanjay

गरिमा संजय अब तक दो उपन्यास' आतंक के साए में' और 'स्मृतियाँ एवं दर्जन से अधिक कहानियाँ और लघुकथाएँ प्रकाशित। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी
और संस्कृत साहित्य में ग्रेजुएट एवं प्राचीन इतिहास तथा पत्रकारिता एवं जनसंचार में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्राप्त।
अनेक सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं के लिए लेखन, पटकथा-लेखन, डॉक्यूमेंटरी/कॉरपोरेट/विज्ञापन आदि फिल्मों का निर्देशन, जिनमें प्रमुख हैंफिल्म्स डिवीजन, दूरदर्शन, एन.एफ. डी.सी., गृह मंत्रालय, यू.एन.डी.पी., यू.एन.एड्स, डिस्कवरी चैनल, इग्नू, उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, बी.पी.आर.एन.डी., एन.आई.ओ.एस, आदि। संस्कृति मंत्रालय के विभिन्न ऐतिहासिक संग्रहालयों में लेखन एवं कंसलटेंट के रूप में कार्य।
विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं एवं ऑनलाइन पोर्टल आदि के लिए नियमित रूप से लेखन।
 garimasanjay.com पर अंतर्ध्वनि नाम से ब्लॉग लेखन।

 

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