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Meditation Ke Naveen Aayam   

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Author Manoj Srivastava
Features
  • ISBN : 9789351868699
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Manoj Srivastava
  • 9789351868699
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2020
  • 199
  • Hard Cover

Description

आज के जीवन में हम इतने खो गए हैं कि ईश्वर या आस्था को भूलते जा रहे हैं। इसका मूल कारण है— हमारे ऊपर अस्तित्ववादी प्रभाव। अर्थात् मेरा ही अस्तित्व है एवं केवल मैं ही हूँ। केवल ‘मैं’ से अहं आता है। इस प्रभाव से हम एकांगी सोच में जीवन जीने लगते हैं। जब व्यक्ति के सामने चुनौतियाँ, कठिनाइयाँ आती हैं तो वह अपने को अकेला पाता है। जब व्यक्ति असफल होता है तो उसमें कुंठा, हताशा, निराशा व अवसाद जन्म लेते हैं। वह समाज, मित्र, सगे-संबंधी, ईश्वर को इसका दोष देता है। हमें अगर सही जीवन जीना है तो हमारे पास आस्था के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है। व्यक्ति के पास आज सूचनाओं का अंबार है, परंतु ज्ञान नहीं है। जिनके पास ज्ञान है, उनके पास अहंकार भी है।
कहना न होगा कि जीवन की समस्याओं के समाधान के लिए हमें विचारों का समुचित प्रबंधन करना होगा और पूर्वाभासी ज्ञान जाग्रत् करना होगा। यह हम मेडिटेशन व ध्यान द्वारा कर सकते हैं। इस पुस्तक में इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु अनेक विधियाँ दी गई हैं, लेकिन सहज राजयोग हमें वह विधि सिखाता है, जिससे हम कम समय में, कम परिश्रम से बेहतर रूप में ध्यान व मेडिटेशन कर सकते हैं। 
जीवन को सहजता के साथ जीने का मार्ग दिखाती एक व्यावहारिक पुस्तक।

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अनुक्रम

यह तो परमात्मा का ही चमत्कार! — Pgs. 5

बेजोड़ कृति है ‘मेडिटेशन के नवीन आयाम’ — Pgs. 7

भूमिका — Pgs. 9

आभार — Pgs. 13

1. मेडिटेशन के नवीन आयाम : राजयोग के संदर्भ में — Pgs. 17

2. भगवद्गीता के संदर्भ में स्थितप्रज्ञ के आयाम — Pgs. 35

3. आध्यात्मिक भारतीय दार्शनिकता के आयाम — Pgs. 41

4. धर्म और आस्था के आयाम — Pgs. 44

5. जीवन नियंत्रण के आयाम — Pgs. 48

6. निद्रा अथवा स्लीपिंग के आयाम — Pgs. 71

7. सामान्य दिनचर्या के आयाम — Pgs. 75

8. मनसा, वाचा, कर्मणा के आयाम — Pgs. 79

9. युवा वर्ग की समस्याओं के आयाम — Pgs. 82

10. डिप्रेशन : अवसाद के आयाम — Pgs. 90

11. जीवन में क्रोध के आयाम — Pgs. 99

12. व्यसन से मुक्ति के आयाम — Pgs. 108

13. स्वस्थ मानव जीवन के आयाम — Pgs. 114

14. डर या भय के आयाम — Pgs. 138

15. वैचारिक प्रवृत्ति के आयाम — Pgs. 141

16. मस्तिष्क क्षमता के आयाम — Pgs. 149

17. आनंदमय जीवन के व्यावहारिक आयाम — Pgs. 164

18. मेडिटेशन से ध्यान तक के विभिन्न आयाम — Pgs. 174

19. प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय के आयाम — Pgs. 183

20. महत्त्वपूर्ण विचार — Pgs. 188

उपसंहार — Pgs. 194

संदर्भ सूची — Pgs. 198

 

The Author

Manoj Srivastava

जन्म : 2 फरवरी, 1971, सिधारी आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश)।
शिक्षा : सन् 1991 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से आधुनिक इतिहास, अर्थशास्त्र व प्रतिरक्षा में स्नातक की उपाधि के पश्चात् प्राचीन इतिहास, पत्रकारिता व जनसंचार विषयों में परास्नातक की डिग्री।
पद एवं व्यवसाय : उत्तराखंड राज्य गठन के पश्चात् लोक सेवा आयोग द्वारा पी.सी.एस. 2002 के पहले बैच में जिला सूचना अधिकारी के रूप में चयनित। संप्रति देहरादून में सहायक निदेशक, सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग में सेवारत।
मो. :  9412074595
इ-मेल :
dio.hdr2010@gmail.com

 

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