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Author Deepak Chaurasia
Features
  • ISBN : 9789352666775
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Deepak Chaurasia
  • 9789352666775
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 184
  • Hard Cover

Description

...कूड़ा-कबाड़ जैसी कोई चीज इस दुनिया में है ही नहीं। अगर कुछ कूड़ा-कबाड़ है तो हमारी सोच के चलते। या है कि हम जिन चीजों के इस्तेमाल के बारे में सोच नहीं पाते, उसे बेकार समझ लेते हैं, कूड़ा समझ लेते हैं। हमें उनका इस्तेमाल करना नहीं पता, इसलिए उन चीजों को फेंकना शुरू कर देते हैं।
आज बहुत कम लोग हैं, जो दवा-दारू की खाली शीशियाँ और बोतलें फेंकते हैं। लोहे और धातुओं से बने सामान अगर खराब भी हो जाएँ तो ज्यादातर लोग उसे कूड़ेदान में नहीं फेंकते। नालों में नहीं फेंकते। यों? योंकि सबको शीशे और धातुओं की कीमत का अंदाजा है। जिन्हें ज्यादा नहीं पता, वे भी जानते हैं कि कबाड़ी वाला शीशी-बोतल और लोहा-लकड़ अच्छे दाम पर खरीद लेता है। लेकिन ऐसा हम पॉलीथिन, प्लास्टिक की बोतलों, बाल या घरेलू कचरे के बारे में नहीं सोचते, योंकि हमें पता ही नहीं कि इनका भी बहुत कुछ इस्तेमाल हो सकता है।
यह इनसानी फितरत का मामला है। हर कोई आसान काम करना चाहता है, जिसमें जोखिम न हो, जबकि हर कोई यह ज्ञान भी बाँटता रहता है कि ‘नो रिस्क, नो गेन’। प्लास्टिक कचरे से पेट्रोल-डीजल बनाने में भी यही मानसिकता आड़े आ रही है। तकनीक मौजूद है, लेकिन उस तकनीक का इस्तेमाल करने का इरादा नदारद है।
यह पुस्तक ‘वेस्ट टु वैल्थ’ यानी कूड़े से धन अर्जित करने के व्यावहारिक तरीके बताती है।

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अनुक्रम

प्रस्तावना—9

मेरी बात—15

भूमिका—21

1. कूड़ा : संकट या संपदा?—31

2. कूड़े का अर्थशास्त्र —38

3. प्लास्टिक कचरे का टापू या पेट्रोल का भंडार?—52

4. पराली बनी परेशानी—70

5. सीवर से बायोगैस—87

6. बाल-बाल का कमाल—103

7. घर का कूड़ा-कबाड़ करोड़ों का—123

8. कूड़ा-कबाड़ से हाइवे—139

9. ई-कचरा—148

10. मानो तो कूड़ा, नहीं तो धन—169

The Author

Deepak Chaurasia

दीपक चौरसिया
जन्म : 23 दिसंबर, 1972 को मध्य प्रदेश में जन्म।
शिक्षा : बड़बानी जिले के सेंधवा कस्बे में स्कूली शिक्षा; होल्कर साइंस कॉलेज, इंदौर से गणित में स्नातक; भारतीय जनसंचार संस्थान (ढ्ढढ्ढरूष्ट) दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में स्नातकोार डिप्लोमा। इंदौर से प्रकाशित हिंदी दैनिक ‘लोकस्वामी’ और ‘नवभारत’ से पत्रकारिता की शुरुआत; 1995 से वीडियो मैगजीन न्यूज-ट्रैक से टी.वी. पत्रकारिता में कदम; कार्डिफ यूनिवर्सिटी (यू.के.) से शिवनिंग स्कॉलरशिप; देश के पहले हिंदी न्यूज चैनल ‘आजतक’ में संवाददाता से राजनीतिक संपादक तक का सफर; 2003 में दूरदर्शन के चौबीस घंटे के समाचार चैनल ‘डीडी न्यूज’ के पहले कार्यकारी संपादक।
सम्मान-पुरस्कार : 2003 में प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा विशिष्ट नचिकेता सम्मान के अंतर्गत ‘राजीव लोचन अग्निहोत्री सम्मान’; ‘इंडिया टुडे’ मैंगजीन की ‘भविष्य के 50 युवा नायकों’ की सूची में स्थान; उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए दिल्ली हिंदी साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश सरकार 
से सम्मानित; सर्वश्रेष्ठ टीवी पत्रकार और प्रस्तोता का एनटी अवॉर्ड; श्वहृख््न की ओर से बेस्ट एडिटर-इन-चीफ अवॉर्ड; ‘जायंट्स इंटरनेशनल अवॉर्ड’।
संप्रति : एडिटर-इन-चीफ, इंडिया न्यूज।
deepakchaurasia2001@yahnigh

 

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