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HIMALAYA KE SANTON KI RAHASYA-GATHA   

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Author Dr. Sant S. Dharmanand
Features
  • ISBN : 9789390900473
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more

More Information

  • Dr. Sant S. Dharmanand
  • 9789390900473
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 12-07-2021
  • 312
  • Soft Cover
  • 500 Grams

Description

पुस्तक के हर प्रसंग में एक अप्रत्यक्ष और अदृश्य शाश्वत शक्ति परिलक्षित होती है। यह पुस्तक एक उन्नत साधक से लेकर  आध्यात्मिक  पथ  के  प्रथम जिज्ञासुओं के लिए रोमांचक मार्गदर्शिका है। हिमालयवासी दिव्य संतों के रहस्यों से परिचय  कराती  आत्मकथा,  जिसमें पुनर्जन्म, साधना, आध्यात्मिक उन्नयन आदि की अनसुनी घटनाएँ पाठकों को अचंभित कर देंगी।
‘‘मैं तुम्हारे परिवार में लौट रहा हूँ।’’ ‘‘हमने पिछले जन्म में भी साथ गाया है।’’ जैसे वाक्य इस पुस्तक में दृष्टिगोचर होते हैं। यह पुस्तक शरीर से निकलकर सूक्ष्म यात्रा कर पिछले जन्म के संबंधियों को सँभालने जैसे रहस्योद्घाटनों से भरी विस्मयकारी कृति है, जिसको आप अवश्य पढ़ना चाहेंगे। 
इसमें आपको भौतिकवादी पश्चिम जगत् में प्रेम से ओत-प्रोत लोक-कल्याणार्थ हिमालयवासी भारतीय संतों की गौरवशाली करुणा गाथा का विस्तृत विवरण मिलेगा। साथ ही यह आपको सत्य और धर्म पर आधारित दुःख, पीड़ा और मृत्यु से निवृत्ति दिलाती दिव्य उद्देश्य से भरपूर ईश्वर के चिरसेवकों के चमत्कारों का परिचय भी देगी।
अवतारों और अलौकिक महापुरुषों की क्रीड़ाभूमि भारत की अक्षुण्ण संत परंपरा की अत्यंत रोमहर्षक नवीनतम गाथा।

 

The Author

Dr. Sant S. Dharmanand

स्वनामधन्य डॉ. संत एस. धर्मानंद का जन्म त्रिनिदाद एवं टोबैगो के खूबसूरत द्वीप में हुआ, लेकिन वर्तमान में वह अमेरिका के विस्कॉन्सिन शहर में रहते हैं। विदेश में जन्म एवं पालन-पोषण होने के बावजूद वह स्वयं को अपने हृदय और आत्मा से भारत का वासी ही मानते हैं। इसलिए पुस्तक के माध्यम से भारत के प्रति उनका प्रेम समझा जा सकता है। वह न केवल एक संत, बल्कि एक वैज्ञानिक, समाजसेवी, दार्शनिक और संगीतकार हैं। वह श्री स्वामी राम के प्रत्यक्ष शिष्य हैं। उन्होंने कई हिमालयन गुरुओं के सान्निध्य में रहकर अध्ययन किया और ध्यान एवं योग में अपने अभ्यास को गहरा करने के लिए भारत में लंबा समय बिताया है। इसके अलावा वह वर्षों से आधुनिक विज्ञान और तकनीक के साथ हिमालयन ज्ञान को समाहित और संघटित कर विदेशों में उसका प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। साथ ही, नियमित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में साधनहीन और जरूरतमंद योग्य विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा की व्यवस्था करते हैं।
आशा नयाल नई पीढ़ी की एक सशक्त अनुवादक हैं। वह पूर्व में ‘लाइफ पॉजीटिव’ पत्रिका के हिंदी विभाग में सहयोगी संपादक थीं, आज एक स्वतंत्र लेखिका, संपादक एवं अनुवादक के रूप में काम कर रही हैं। आध्यात्मिक विषयों के भावपूर्ण अनुवाद करने में विशेष दक्षता।

 

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