Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Delhi ko Poorna Rajya ka Darza?   

₹350

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author S.K. Sharma
Features
  • ISBN : 9789353229054
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more

More Information

  • S.K. Sharma
  • 9789353229054
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2020
  • 176
  • Hard Cover

Description

संविधान निर्माताओं को इसमें कोई संशय नहीं था और वे स्पष्ट थे कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की संकल्पना तब तक अव्यावहारिक है जब तक कि दिल्ली भारत संघ की राजधानी और केंद्र सरकार का मुख्यालय है।
संविधान निर्माताओं द्वारा प्रकट किए गए एकमत वाले विचारों के बावजूद एवं संकीर्ण निहित स्वार्थों हेतु स्थानीय स्तर पर कुछ राजनीतिक दलों ने हमारे राष्ट्रीय प्रतिरूपों के बुद्धिमत्तापूर्ण विजन के प्रतिकूल समय-समय पर पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की माँग जारी रखी है।
दिल्ली के मतदाताओं के विजन, बुद्धि और दूरदर्शिता का अभिवादन, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में इस माँग के हिमायतियों को लोकसभा में एक भी सीट न देकर पूर्ण राज्य के दर्जे के मुद्दे को खारिज कर दिया।
इस विषय पर यह एक ऐसी पुस्तक है, जो अनेक रहस्यों को खोलती है। अतः इसका अध्ययन पाठकों का ज्ञानवर्धक करेगा।

____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

अनुक्रम

प्राक्कथन —Pgs. 5

प्रस्तावना —Pgs. 7

पूर्व-भूमिका —Pgs. 13

घटनाओं का कालक्रम —Pgs. 21

1. राजधानी का स्थानांतरण —Pgs. 31

2. दिल्ली : एक संक्षिप्त विवरण —Pgs. 39

3. दिल्ली के लिए राज्य का दर्जा : एक नजर —Pgs. 49

4. दिल्ली का संवैधानिक इतिहास —Pgs. 115

5. दिल्ली की प्रशासन व्यवस्था : स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत प्रयोग —Pgs. 119

6. वर्तमान व्यवस्था : एक नजर में —Pgs. 134

7. मुख्यमंत्री-उप-राज्यपाल में मतभेद : उच्चतम न्यायालय का निर्णय —Pgs. 151

8. सेवाओं पर नियंत्रण : बिना बात का बतंगड़ —Pgs. 155

परिशिष्ट—

राष्ट्रीय राजधानी राज्य-क्षेत्र दिल्ली की सरकार बनाम भारत संघ (यूनियन ऑफ इंडिया) (2017 की सिविल अपील संख्या 2357) के संबंध में उच्चतम न्यायालय के निर्णय का मूलपाठ —Pgs. 159

The Author

S.K. Sharma

एस.के. शर्मा
शिक्षा : राजनीति विज्ञान और कानून की शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से, विधान लेखन और विधि व्याख्या पाठ्यक्रम का उच्च प्रशिक्षण लंदन के रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्टे्रशन से।
कृतित्व : लोकसभा सचिव पद से सेवानिवृत्त, दिल्ली विधानसभा के शैशवकाल में चार मुख्यमंत्रियों, राजनिवास व वरिष्ठ नौकरशाही के विधायी सलाहकार रहे। नवनिर्मित विधानसभा की नींव डालने, नियमावली बनाने, विधायी प्रक्रिया तय करने, सदन पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों एवं समितियों हेतु दिशा-निर्देश तय करने, पहली, दूसरी एवं तीसरी विधानसभा के विधायकों को प्रशिक्षण देकर राजधानी में नई पीढ़ी का नेतृत्व तैयार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका। भारत के राष्ट्रपति व राज्यसभा सदस्यों के चुनाव में चुनाव अधिकारी, संसद् में आर.टी.आई. कानून के अंतर्गत अपीलीय अधिकारी व अनेक संसदीय शिष्टमंडलों के सचिव रहे।
रचना-संसार : दिल्ली की विधायिका एवं शासन प्रणाली पर हिंदी व अंग्रेजी में ग्यारह पुस्तकें प्रकाशित। संसदीय सचिव लाभ का पद मामले में कानूनी सलाहकार। उच्च शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में भारतीय संविधान, संसदीय प्रक्रिया, दिल्ली की संवैधानिक स्थिति आदि विषयों पर प्रशिक्षण प्राख्यान एवं भाषण देते हैं।
लगभग दो दर्जन देशों की यात्रा की।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW