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Author R.K. Sinha
Features
  • ISBN : 9789386231710
  • Language : hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
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  • Kindle Store

More Information

  • R.K. Sinha
  • 9789386231710
  • hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2016
  • 312
  • Hard Cover

Description

इस पुस्तक का हर लेख एक विषय पर केंद्रित है। किसी को कम श्रेष्ठ कहना कठिन काम है। पुस्तक के लेखों का समग्र फलक बहुत बड़ा है। इसकी व्यापकता में राजनीति, संसद्, राजनीतिक मर्यादा, संस्कृति, राजनीतिक इतिहास, शिक्षा, देश के ज्वंलत प्रश्न, हिंदू-मुसलिम संबंध, पाकिस्तान और काला धन आदि विषय समाए हुए हैं। राजनीति के केंद्र और परिधि में जो-जो विषय आ सकते हैं, उन्हें इसमें पाया जा सकता है। एक अर्थ में यह कहना ज्यादा उचित है कि इसमें समसामयिक विषयों में से कुछ छूटा ही नहीं है। सब कुछ आ गया है। विषय अलग-अलग हैं। इन्हें पढ़ते हुए पाठक भाषा का मनोरम प्रवाह अनुभव कर सकेंगे। उलझाव तो कहीं नहीं है। एक राजनीतिक दल के नेता और सांसद की कलम पर कई बार इतना बोझ आ जाता है कि वह ठिठक जाती है। कुंठित हो जाती है। इसे लेखन में लेखक कोशिश कर छिपाता है, पर वह छिपता नहीं है। रवींद्र किशोर सिन्हा ने न तो बोझ महसूस किया है और न ही वे लेखन में कहीं से पाठक को गुफाओं से गुजारते हैं। इसलिए इन लेखों को पढ़ते हुए किसी गुफा से गुजरने की ऊब नहीं होती। हर पाठक अनुभव कर सकता है कि वह पौ फटने की बेला में है। नया दिन नए विचार और नए दृष्टिकोण से शुरू करने का उसे सुअवसर प्राप्त हो रहा है। अपनी राजनीतिक-सांस्कृतिक निष्ठा बनाए रखते हुए वे पेशेवर मर्यादाओं का अपने लेखों में पूरा पालन करते देखे जा सकते हैं।
—इसी पुस्तक से

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अनुक्रम

पुरोकथन — Pgs. 5

अपनी बात — Pgs. 9

1. बंद करो मेड इन चाइना दीवाली मनाना — Pgs. 15

2. भारत-पाक संबंध वक्त एक नए सूरज के निकलने का — Pgs. 19

3. नेताजी को यों चोट पहुँचाते रहे नेहरूजी — Pgs. 25

4. सावधानीपूर्वक निपटना होगा धूर्त पाकिस्तान से — Pgs. 30

5. पठानकोट से संदेश जागे देश, जारी रहे पाक से बातचीत भी — Pgs. 35

6. राजेंद्र बाबू से यों बचते थे नेहरू — Pgs. 40

7. अब बस करो नदियों में मूर्तियों को विसर्जित करना — Pgs. 46

8. सहिष्णुता तो मूल स्वभाव है भारत का — Pgs. 52

9. कौन दे रहा हैअसहिष्णुता के मसले को हवा — Pgs. 58

10. जनमत यों न बने शराब के खिलाफ — Pgs. 62

11. आरक्षण का पैमाना बदलने पर बहस जरूरी — Pgs. 68

12. बिहार के बिनाभारत का विकास कैसा — Pgs. 73

13. बढ़ती आबादी का विस्फोट, कब तक सोएगा देश — Pgs. 78

14. किसने कहा बीमारू राज्य? — Pgs. 83

15. दो प्रधानमंत्री गंगा आरती और बुलेट ट्रेन — Pgs. 87

16. यों सेयूलरवादी नहीं पोंछते पीड़ितों के आँसू — Pgs. 91

17. नापाक इरादों पर रखनी होगी कड़ी नजर — Pgs. 95

18. जिद में जकड़ी संसद् — Pgs. 99

19. राजनीति की मर्यादा तार-तार करते लालू-नीतीश — Pgs. 102

20. हादसों से सबक लें — Pgs. 106

21. गंगा सफाई में मील का पत्थर — Pgs. 109

22. तो संसद् होती रहेगी बाधित — Pgs. 113

23. कब तक यह आयकर चोरी? — Pgs. 116

24. बिहार में बेहतर राजनेता के रूप में दिखे प्रधानमंत्री मोदी — Pgs. 119

25. कौन बचाएगा इनसे देश को — Pgs. 122

26. शराबबंदी पर तुरंत अमल जरूरी — Pgs. 125

27. कॉल ड्रॉप, यानी लूट-ही-लूट! — Pgs. 128

28. मोदी सरकार : बढ़ चले कदम — Pgs. 133

29. कौन खड़ा कर रहा भगत सिंह को लादेन के साथ? — Pgs. 139

30. तीस्ता के घोटाले और सेयूलरवादियों की चुप्पी — Pgs. 143

31. तो मरते रहेंगे धार्मिक आयोजनों में लोग — Pgs. 149

32. जागी मुसलमान महिलाएँ — Pgs. 152

33. मत भुलाएँ मुसहरी में जयप्रकाश को — Pgs. 157

34. राजनीति के कबीर का जाना — Pgs. 164

35. सिनेमा, साहित्य और हिंदी — Pgs. 169

36. या होगा पी.एम. के डिजिटल इंडिया के सपने का — Pgs. 173

37. गैर-भाजपावाद बनाम गैर-कांग्रेसवाद — Pgs. 177

38. ...तो श्रवण नहीं बनेगा कन्हैया — Pgs. 181

39. कब तक होगा शहीदों का अपमान — Pgs. 185

40. अब सुधरेंगे देश के बेलगाम बिल्डर — Pgs. 189

41. संघ को गंभीर मसलों पर, लें गंभीरता से — Pgs. 193

42. बजट से बदलेगी गाँवों और नौजवानों की जिंदगी — Pgs. 197

43. देश कब पहचानेगा अपने दुश्मनों को — Pgs. 201

44. तीन ऐतिहासिक दिन : 21, 22 और 23 जून — Pgs. 205

45. अमृत को विष बनाते मिलावटखोर — Pgs. 209

46. संकट में प्रवासी भारतीय मजदूर — Pgs. 213

47. इशरत जहाँ : देश की बेटी या दुश्मन — Pgs. 218

48. मधोक कैसे करीब आए बाबा साहब के — Pgs. 222

49. बिहार में मुरझाता ‘बचपन — Pgs. 226

50. तंजील अहमद की शहादत के मायने — Pgs. 230

51. किसके पोस्टर वॉय बने कन्हैया — Pgs. 234

52. यों खलनायक बनाया श्री श्री रविशंकर को — Pgs. 238

53. अखलाक, डॉ. नारंग और सेयूलर बिरादरी — Pgs. 242

54. भाजपा को गले लगाते मुसलमान — Pgs. 246

55. कश्मीर में सुरक्षा बलों के मानवाधिकार का या होगा — Pgs. 250

56. अरुंधति राय : देश विरोधी ताकतों का मोहरा — Pgs. 255

57. आमने-सामने सरकार और न्यायपालिका — Pgs. 259

58. विकास के सवालों से कन्नी काटते नीतीश-लालू — Pgs. 264

59. लालू ने पहुँचाई बिहारी जनभावना को चोट — Pgs. 268

60. भारत में सौ सिंगापुर बनाने का सपना — Pgs. 272

61. कौन बचाएगा रोगी को डॉटरों से — Pgs. 277

62. मत करो मनरेगा पर सियासत — Pgs. 282

63. मोदी की विदेशी नीति — Pgs. 285

64. ईरान यों खास है भारत के लिए — Pgs. 289

65. काले धन का बनना रोकें — Pgs. 293

66. गिरमिटिया देशों में हिंदी — Pgs. 299

 

The Author

R.K. Sinha

राजनीतिशास्त्र से स्नातक श्री सिन्हा ने अपने कॅरियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की। उन्होंने सन् 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में संवाददाता की भूमिका निभाई। सन् 1974-75 में लोकनायक जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में चले छात्र आंदोलन पर ‘जन आंदोलन’ पुस्तक लिखी। उन्होंने 1974 में ‘सिक्योरिटी एंड इंटेलीजेंस सर्विसेज इंडिया’ की स्थापना की। एक निजी सुरक्षा विशेषज्ञ के रूप में उन्होंने युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका, यूरोप और चीन सहित कई देशों का भ्रमण किया और कई अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संस्थानों में महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे। 1999-2004 के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठंबधन के शासनकाल में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विज्ञान व तकनीकी एवं समुद्री विकास मंत्रालय में सुरक्षा सलाहकार रहे। बहुआयामी प्रतिभा के धनी रवीन्द्र किशोर सिन्हा ने देहरादून में ‘द इंडियन पब्लिक स्कूल’ की स्थापना की। वे कई सामाजिक और कल्याणकारी संस्थाओं के अध्यक्ष हैं। फरवरी 2014 में भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए।

 

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