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Avadhi Vachik Katha Lok : Abhipray Chintan   

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Author Vidhya Vindu Singh
Features
  • ISBN : 9789386871374
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Vidhya Vindu Singh
  • 9789386871374
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 584
  • Hard Cover

Description

प्रातिभ साहित्य और वाचिक साहित्य दोनों में कथा अभिप्राय अपनी गूढ़ व्यंजना के कारण विशेष महत्त्व रखते हैं। लोककथाओं की वाचिक परंपरा में व्यक्त इन अभिप्रायों का अध्ययन करके लोक साहित्य का मूलभाव लोकमंगल की अवधारणा को समझा जा सकता है। इसलिए लोककथाओं, लोक सुभाषितों में व्यक्त अभिप्रायों को उनके संदर्भों से जोड़कर लोक में प्रस्तुत करने से कथा का उद्देश्य स्पष्ट होता है।
इस पुस्तक में अभिप्राय चिंतन की पृष्ठभूमि कुछ उदाहरणों के माध्यम से प्रस्तुत की गई है। अभिप्रायों के अध्ययन, उनकी उपयोगिता, उनकी व्यंजना तथा उनके प्रभाव रेखांकित करने का प्रयास किया गया है। अलग-अलग निबंधों के माध्यम से लोक-संस्कृति, लोककथाओं और उनमें व्यक्त कथानक रूढि़यों, अभिप्रायों को व्यक्त किया गया है। विविध व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ तथा अन्य प्रचलित कथाएँ दी गई हैं, जिन्हें पढ़कर उनमें व्यक्त अभिप्राय पहचानने की दृष्टि स्वयं मिल सकती है। इन अभिप्रायों में प्रकृति के प्रति गहरी संवेदना,  कृतज्ञता  और  परस्पर अन्योन्याश्रितता के भाव पाठक स्वयं अनुभव कर सकते हैं। आधुनिक समाज की संवेदन शून्यता, जो प्रकृति और मानव जीवन को असह्य और असहज बनाती जा रही है, उसे लोककथाओं की गहरी संवेदना का स्पर्श मिलेगा तो सकारात्मक सोच के प्रति हम आश्वस्त हो सकेंगे।
—इसी पुस्तक से

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अनुक्रमणिका   
लोकवार्त्ता की चिंता का प्रश्न — Pgs. 7 13. रविदास जयंती — Pgs. 324
लोककथा-अभिप्रायों की प्रासंगिकता — Pgs. 15 फागुन मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 325-330
अवधी लोककथाओं की परंपरा और समसामयिकता का अध्ययन — Pgs. 27  1. गणेश चतुर्थी — Pgs. 325
बदलते परिवेश में लोककथाओं की प्रासंगिकता एवं प्रतिबद्धता — Pgs. 36  2. जानकी अष्टमी — Pgs. 325
भारतीय लोकवार्त्ता में अभिप्राय (मोटिफ) मिथक बिंब और प्रतीक — Pgs. 40  3. जानकी नवमी — Pgs. 326
भारतीय लोक-साहित्य में रामकथा के अभिप्राय एवं नए संदर्भ — Pgs. 70  4. विजया एकादशी — Pgs. 326
लोक और शास्त्र : भारतीय लोक कला अभिप्राय चिंतन — Pgs. 98  5. महा शिवरात्रि — Pgs. 327
अवध की ललित कलाओं के अभिप्राय — Pgs. 119  6. फुलेरा दूज — Pgs. 327
समकालीन साहित्य और अवधी वाचिक साहित्य — Pgs. 126  7. कामदा सप्तमी — Pgs. 328
राष्ट्रीय एकता और भारतीय लोक-नृत्य-नाट्य परंपरा — Pgs. 133  8. आनंदा नवमी — Pgs. 328
अवधी-भोजपुरी साहित्य और समाज — Pgs. 141  9. आमलकी एकादशी/ रंगभरनी एकादशी — Pgs. 328
जनजातीय संस्कृति और साहित्य — Pgs. 151 10. अशोक पूर्णिमा — Pgs. 329
मानवीय संवेदना और मानवाधिकार एक सिंहावलोकन — Pgs. 158 11. महाप्रभु चैतन्य जयंती — Pgs. 329
मानवीय परिवेश के प्रति लोक-साहित्य की चिंता के अभिप्राय — Pgs. 166 12. होलिका दहन — Pgs. 330
लोक मंगल : प्रासंगिकता, प्रतिबद्धता — Pgs. 173 कुछ अन्य व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 331-363
लोक-साहित्य में जन आकांक्षाओं की सहज अभिव्यंजना — Pgs. 182  1. संपदा देवी की कथा — Pgs. 331
लोक और संस्कृति — Pgs. 196  2. औषान माई का पूजन (दुरदुरिया) — Pgs. 333
अवध की लोककथाएँ — Pgs. 205  3. संकठा माई का पूजन — Pgs. 334
क. बारहों महीनों के व्रत-पर्व, त्योहारों से संबंधित कथाएँ — Pgs. 207-229  4. वैभव लक्ष्मी व्रत-पूजन कथा — Pgs. 336
चैत्र मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ 207  5. संतोषी माता का व्रत — Pgs. 337
 1. होली पर्व — Pgs. 207  6. चातुर्मास व्रत — Pgs. 341
 2. बुढ़वा मंगल — Pgs. 208  7. दशाफल व्रत — Pgs. 341
 3. भइया दूज — Pgs. 209  8. पुरुषोत्तम मास/मलमास/अधिक मास — Pgs. 342
 4. झूले लाल-चैती चाँद — Pgs. 210  9. प्रदोष व्रत — Pgs. 342
 5. गणेश चौथ — Pgs. 211 10. श्री सत्यनारायण व्रत कथा — Pgs. 343
 6. शीतला सप्तमी — Pgs. 213 11. सातों वारों की व्रत कथाएँ (रविवार से शनिवार तक) — Pgs. 345
 7. शीतला अष्टमी/बसौरे की अष्टमी — Pgs. 215 12. सूर्य ग्रहण/चंद्र ग्रहण/स्नान दान — Pgs. 354
 8. पापमोचनी एकादशी — Pgs. 216 13. सोमवती अमावस्या — Pgs. 354
 9. अरुंधती व्रत — Pgs. 217 14. सोलह सोमवार व्रत की कथाएँ — Pgs. 355
10. वासंती नवरात्र — Pgs. 218 15. कुंभ/अर्द्ध कुंभ/महाकुंभ — Pgs. 357
11. गणगौर — Pgs. 219 16. सूरज-चंद्रमा — Pgs. 357
12. जमुना छठ — Pgs. 220 17. पुण्य की जड़ पाताल में हरी होती है — Pgs. 358
13. कामदा एकादशी — Pgs. 221 18. महालक्ष्मी का डोरा — Pgs. 359
14. कौमुदी महोत्सव/काम महोत्सव — Pgs. 221 19. बुद्धो रानी का ब्याह (तुलसी पूजा का माहात्म्य) — Pgs. 360
15. हनुमान जयंती — Pgs. 222 ख. अन्य अवधी लोककथाएँ — Pgs. 365-478
16. जगन्नाथजी का सोमवार — Pgs. 223  1. इंद्रासन पर आदमी — Pgs. 367
17. सत्तू संक्रांति/मेष संक्रांति/कपिला षष्ठी — Pgs. 229  2. जादुई चक्की — Pgs. 367
बैशाख मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 230-244  3. शेरनी का दूध — Pgs. 368
1. पार्वती के बेटवा गणेश की कथा — Pgs. 230  4. लड्डू का सपना — Pgs. 369
2. श्री कच्छपावतार — Pgs. 233  5. छड़ी की करामात — Pgs. 369
3. आस माई की दूज — Pgs. 233  6. सूत शंख राजकुमार और राक्षसी — Pgs. 370
4. अक्षय तृतीया — Pgs. 238  7. राजकुमार और परी — Pgs. 371
5. बरूथनी एकादशी व्रत — Pgs. 241  8. चटोरी सेठानी और कंजूस सेठ — Pgs. 372
6. गंगा सप्तमी — Pgs. 241  9. जादुई चुटकी — Pgs. 372
7. मोहिनी एकादशी — Pgs. 242 10. गरीब किसान और लालची बनिया — Pgs. 373
8. नृसिंह चतुर्दशी — Pgs. 242 11. निपूते राजा की बेटी — Pgs. 374
9. सत्य विनायक — Pgs. 242 12. रानी कौवा हँकनी — Pgs. 375
ज्येष्ठ मास के व्रत-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 245-247 13. सपूत — Pgs. 378
1. वट-सावित्री व्रत (बरगदाही, बरमावस) — Pgs. 245 14. लुढ़कता घड़ा — Pgs. 380
2. गंगा दशहरा — Pgs. 246 15. राजा की पोल — Pgs. 381
3. भीमसेनी निर्जला एकादशी — Pgs. 247 16. टका पसीना — Pgs. 383
आषाढ़ मास के व्रत-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 248-255 17. शीत-बसंत — Pgs. 385
1. योगिनी एकादशी — Pgs. 248 18. जुए की शर्त — Pgs. 390
2. रथ यात्रा (आषाढ़ शुक्ल द्वितीया) — Pgs. 248 19. बुद्धि का कमाल — Pgs. 392
3. देवशयनी एकादशी — Pgs. 254 20. सात बिटिया क बाप — Pgs. 396
4. पद्मनाभा/आषाढ़ी महाएकादशी — Pgs. 254 21. पंडितजी का नेवता कल — Pgs. 397
5. गुरु पूर्णिमा/आषाढ़ी पूर्णिमा/व्यास पूर्णिमा — Pgs. 255 22. जंगल में राजकुमारी — Pgs. 398
श्रावण मास के व्रत-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 256-263 23. नीलकंठ — Pgs. 401
1. गणेश चतुर्थी — Pgs. 256 24. न अब न तब — Pgs. 402
2. कामदा एकादशी — Pgs. 256 25. सच्‍चा सपना — Pgs. 404
3. नागपंचमी — Pgs. 256 26. जुलाहे की राम! राम! — Pgs. 407
4. नेवला नवमी/जवारा नवमी/कजरी नवमी — Pgs. 262 27. पीर परायी — Pgs. 408
5. पुत्रदा एकादशी/पवित्रा एकादशी — Pgs. 262 28. बना रहै बाबा क खेतवा — Pgs. 410
6. रक्षा बंधन पर्व/टूटे बीर की कथा — Pgs. 263 29. पहाड़ को दिया चूहे का वचन — Pgs. 413
भादों मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 264-281 30. अनपढ़ दामाद — Pgs. 415
 1. बहुरा चौथ — Pgs. 264 31. चरवाहे की मस्ती — Pgs. 416
 2. गूँगा पंचमी — Pgs. 265 32. मुर्दाखानी — Pgs. 417
 3. बलराम जयंती(हल षष्ठी)/ललही छठ — Pgs. 266 33. टूटी चोंच — Pgs. 420
 4. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी — Pgs. 267 34. ऊँट और सियार — Pgs. 421
 5. हरतालिका तीज व्रत — Pgs. 268 35. सोंठ-गाँठ — Pgs. 422
 6. सिद्घि विनायक/गणेश पूजा/कलंकी चौथ/गणेशोत्सव — Pgs. 268 36. रक्त से रँगी चुनरी — Pgs. 425
 7. भादों का बड़ा इतवार (रविवार) — Pgs. 269 37. बड्ढे-बड्ढे खूँटा चीर — Pgs. 429
 8. ओक दुवास (गोवत्स द्वादशी) — Pgs. 270 38. मृत्यु लोक का प्राणी — Pgs. 433
 9. गाजवीज पर्व — Pgs. 270 39. राजा उदित — Pgs. 434
10. कपर्दि विनायक — Pgs. 272 40. नाग भाई — Pgs. 437
11. ऋषि पंचमी व्रत — Pgs. 273 41. प्रतिज्ञा — Pgs. 438
12. दुबड़ी सातें/संतान सप्तमी — Pgs. 274 42. कौवा-गौरैया — Pgs. 441
13. दूर्वा अष्टमी — Pgs. 276 43. रानी चंपाकली — Pgs. 444
14. राधा अष्टमी — Pgs. 277 44. छल की सजा — Pgs. 446
15. परिवर्तनी एकादशी/वामन एकादशी/वामन द्वादशी — Pgs. 278 45. बुद्धू राम — Pgs. 449
16. अनंत चतुर्दशी — Pgs. 278 46. नेउरा (नेवला) भाई — Pgs. 450
17. रंभा चतुर्दशी/कदली व्रत — Pgs. 280 47. कंजूस का निमंत्रण — Pgs. 454
18. उमा महेश्वर व्रत — Pgs. 280 48. चल ढोलकिया ठामक ठुम — Pgs. 455
19. कुक्कुटी, मर्कटी व्रत — Pgs. 280 49. चाम की चमोटी — Pgs. 456
20. महालक्ष्मी व्रत — Pgs. 281 50. गृहस्थी का तप — Pgs. 461
आश्विन मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 282-285 51. गंगा देहु भगीरथ पूत — Pgs. 463
1. पितृ-पक्ष — Pgs. 282 52. भर पाया — Pgs. 466
2. जिउतिया/जीवित पुत्रिका व्रत — Pgs. 282 53. पड़ोसी का पतीला — Pgs. 467
3. इंदिरा एकादशी — Pgs. 283 54. राजा के दुइ सींग — Pgs. 468
4. शरद पूर्णिमा/कोजागर — Pgs. 284 55. गीदड़ और फुरगुद्दी — Pgs. 469
कार्तिक मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 286-309 56. सिंदूर की डिबिया — Pgs. 470
 1. कार्तिक नहान — Pgs. 286 57. धर्मात्मा चोर — Pgs. 472
 2. करवा चौथ — Pgs. 289 58. ग्यारह हंसों की बहन — Pgs. 473
 3. अहोई अष्टमी/अशोक अष्टमी — Pgs. 291 59. आँझुलि रोवैं बीच बना — Pgs. 474
 4. कामधेनु व्रत — Pgs. 292 60. नागराज की अशर्फी — Pgs. 476
 5. धनतेरस की कथा — Pgs. 293 61. बालालखंदर — Pgs. 477
 6. नरक चतुर्दशी/रूप चौदस/हनुमान जयंती — Pgs. 295 ग. अवधी हास्य कथाएँ — Pgs. 479-506
 7. केदार गौरी व्रत — Pgs. 296  1. आँख ललाई-मूँछ मलाई — Pgs. 481
 8. दीपावली — Pgs. 297  2. चतुर बुद्धू — Pgs. 482
 9. अन्नकूट /गोवर्धन पूजा/चित्रगुप्त पूजा — Pgs. 298  3. सटनुआ सट जा — Pgs. 484
10. चिरैया गौर — Pgs. 302  4. हेई-हेई (शिव-पार्वती की कथा) — Pgs. 486
11. सूर्य षष्ठी/डाला छठ — Pgs. 302  5. बैगन बेटा — Pgs. 487
12. संतान सप्तमी — Pgs. 303  6. नेकी का बदला बदी — Pgs. 490
13. गोपाष्टमी — Pgs. 304  7. लालच की सजा — Pgs. 491
14. अक्षय नवमी/आँवला नवमी — Pgs. 304  8. मुच्छी जैसी नाक — Pgs. 493
15. देवोत्थान एकादशी — Pgs. 305  9. चिड़िया और किसान — Pgs. 494
16. बैकुंठ चतुर्दशी — Pgs. 307 10. बंदर और पंडित — Pgs. 494
17. तुलसी पूजन — Pgs. 307 11. चिड़िया दाना लेकर फुर्र — Pgs. 496
18. कार्तिक पूर्णिमा/तुलसी विवाह — Pgs. 308 12. एक कौआ उड़ा फुर्र — Pgs. 497
19. भीष्म-पंचक — Pgs. 309 13. अँजोरिया क बच्चा — Pgs. 498
अगहन मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 310-313 14. किस्सा वाले बाबा — Pgs. 498
1. गणेश चतुर्थी — Pgs. 310 15. परछाईं — Pgs. 499
2. नवान्न — Pgs. 310 16. घर सास न नंदा — Pgs. 500
3. वैतरणी व्रत — Pgs. 311 17. कोठिला क धान भूसी होय जाए — Pgs. 501
4. सीताराम विवाह पंचमी — Pgs. 311 18. एक खाँव कि दुइ खाँव — Pgs. 502
5. अगहन पूर्णिमा/दत्तात्रेय जयंती — Pgs. 312 19. दुइ गप्प, दुइ सच्च — Pgs. 503
6. नरक पूर्णिमा — Pgs. 313 20. मसखरी — Pgs. 505
पौष मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 314-315 घ. प्रेरक संत एवं देव कथाएँ — Pgs. 507-515
1. पुत्रदा एकादशी — Pgs. 314  1. संत तुकाराम की क्षमाशीलता — Pgs. 509
2. सुरूपा द्वादशी — Pgs. 314  2. संत तुकाराम की सहनशीलता — Pgs. 509
3. पौष पूर्णिमा स्नान पर्व — Pgs. 315  3. देवराज इंद्र और किसान — Pgs. 510
4. पौष व माघ मास के सभी रविवार — Pgs. 315  4. स्वार्थी रिश्ते — Pgs. 510
माघ मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 316-324  5. संत त्यागराज — Pgs. 511
 1. गणेश चतुर्थी या संकट चौथ — Pgs. 316  6. श्रीकृष्ण और अर्जुन — Pgs. 512
 2. षटतिला एकादशी — Pgs. 318  7. संत एकनाथ की एकाग्रता — Pgs. 512
 3. मौनी अमावस्या — Pgs. 319  8. संत एकनाथ की क्षमा और शांति — Pgs. 513
 4. मकर संक्रांति — Pgs. 319  9. शिवाजी और उनके गुरु समर्थदास — Pgs. 513
 5. गौरी चतुर्थी — Pgs. 320 10. आम और बाँस — Pgs. 514
 6. वसंत पंचमी — Pgs. 320 11. प्रभु की प्राप्ति के लिए विकलता — Pgs. 514
 7. शीतला छठ — Pgs. 321 12. संत त्यागराज ने पत्नी को गुरु माना — Pgs. 515
 8. अचला सप्तमी — Pgs. 322 अवधी के लोक सुभाषित शब्द सामर्थ्य रूप — Pgs. 516-570
 9. भीष्म अष्टमी — Pgs. 322 क. मुहावरे, लोकोक्तियाँ, कहावतें — Pgs. 516
10. जया एकादशी — Pgs. 323 ख. बुझनी/बुझौव्वल (पहेली) — Pgs. 552
11. वाराह द्वादशी/भीष्म द्वादशी — Pgs. 323 ग. लोक-साहित्य में प्रयुक्त अवधी की कुछ पारंपरिक विशिष्ट शब्दावली — Pgs. 555
12. माघी पूर्णिमा — Pgs. 323 उत्तर प्रदेश की लुप्तप्राय : लोक संपदा — Pgs. 571

The Author

Vidhya Vindu Singh

कृतित्व : 105 प्रकाशित एवं 18 प्रकाशनार्थ। 9 उपन्यास, 10 कहानी-संग्रह, 10 कविता-संग्रह, 25 लोक साहित्य, 6 नाटक, 8 निबंध-संग्रह, 20 नवसाक्षर एवं बाल साहित्य, 17 संपादित। अन्य अनेक पुस्तकों और पत्रिकाओं का संपादन। आकाशवाणी व दूरदर्शन के विभिन्न केंद्रों से निरंतर प्रसारण। देश-विदेश की संस्थाओं, विश्वविद्यालयों से संबद्ध। अनेक विश्वविद्यालयों से इनके कृतित्व पर शोध कार्य। इनकी अनेक रचनाओं का भारतीय व विदेशी भाषाओं में अनुवाद।
साहित्यिक आयोजनों में देश-विदेश में सक्रिय भागीदारी।
सम्मान : देश-विदेश की 90 संस्थाओं द्वारा सम्मान एवं पुरस्कार।
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ में संयुक्त निदेशक पद से सेवानिवृत्त।
संपर्क : ‘श्रीवत्स’, 45 गोखले विहार मार्ग, लखनऊ।
दूरभाष : 0522-2206454, 9335904929, 9451329402
इ-मेल : 45srivatsa@gmail.com 
वेब : www.drvidyavindusingh.in

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