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Author Sudha Murty
Features
  • ISBN : 9789352662784
  • Language : Hindi
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  • Kindle Store

More Information

  • Sudha Murty
  • 9789352662784
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2017
  • 144
  • Hard Cover
  • 200 Grams

Description

अर्जुन के कितने नाम थे?
यम को शाप क्यों मिला?
एक नन्हे नेवले ने युधिष्ठिर को क्या पाठ पढ़ाया?
कुरुक्षेत्र का युद्ध, जिसने देवों को भी पक्ष लेने पर विवश कर दिया, भले ही आप सब जानते हों; परंतु इसके पहले, इसके बाद और इसके दौरान भी ऐसी असंख्य कथाएँ हैं, जो महाभारत को विविध रूप और छटा प्रदान करती हैं।
इस संग्रह में प्रख्यात लेखिका सुधा मूर्ति इन अल्पज्ञात और असाधारण कथाओं के माध्यम से भारत के महानतम महाकाव्य के रोचक जगत् से नए सिरे से परिचय करवा रही हैं, जिनमें से प्रत्येक कथा आपको विस्मित और मंत्रमुग्ध करने की क्षमता रखती है।
समृद्ध भारतीय वाङ्मय के एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण ग्रंथ की लोकप्रिय पठनीय कथाओं का अद्भुत संकलन।

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अनुक्रम

धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र— Pgs. 7

परिचय— Pgs. 9

1. एक पुरुष, जो स्त्री बना— Pgs. 15

2. स्मृति मुद्रिका— Pgs. 18

3. जिन्होंने वेदों को विभाजित किया— Pgs. 29

4. अभिशापित देव— Pgs. 32

5. गांडीवधारी अर्जुन के विभिन्न नाम— Pgs. 35

6. आचार्य का प्रतिशोध— Pgs. 38

7. अग्नि देवता का भोजन— Pgs. 44

8. अक्षय पात्र— Pgs. 49

9. इंद्रद्युम्न की विरासत— Pgs. 53

10. यक्ष के प्रश्न— Pgs. 56

11. जन-संहार का अस्त्र— Pgs. 61

12. एक पुष्प की इच्छा— Pgs. 64

13. चतुर घटोत्कच— Pgs. 66

14. विश्वरूप दर्शन— Pgs. 70

15. असाधारण योद्धा— Pgs. 76

16. महान् रणनीतिज्ञ कृष्ण— Pgs. 82

17. मैं किसका पक्ष लूँ?— Pgs. 86

18. पाँच सुनहरे बाण— Pgs. 88

19. सूर्यास्त का भ्रम— Pgs. 91

20. द्रोण की दुर्बलता— Pgs. 95

21. सूर्य पुत्र— Pgs. 97

22. अंतिम व्यति की पराजय— Pgs. 101

23. बर्बरीक— Pgs. 106

24. उडुपि का राजा— Pgs. 111

25. निष्ठा की कीमत— Pgs. 113

26. सोने का नेवला— Pgs. 115

27. खोया हुआ पुत्र— Pgs. 118

28. भाग्यशाली युवक— Pgs. 123

29. चंडी और उद्दालक— Pgs. 128

30. अंतिम यात्रा— Pgs. 131

31. सर्प का प्रतिशोध— Pgs. 134

32. प्रतिशोध चक्र— Pgs. 138

पारिभाषिक शदावली— Pgs. 142

चंद्र वंश— Pgs. 143

The Author

Sudha Murty

सुधा मूर्ति का जन्म सन् 1950 में उत्तरी कर्नाटक के शिग्गाँव में हुआ। उन्होंने कंप्यूटर साइंस में एम.टेक. किया और वर्तमान में इन्फोसिस फाउंडेशन की अध्यक्षा हैं। बहुमुखी प्रतिभा की धनी सुधा मूर्ति ने अंग्रेजी एवं कन्नड़ भाषा में उपन्यास, तकनीकी पुस्तकें, यात्रा-वृत्तांत, लघुकथाओं  के  अनेक  संग्रह, अकाल्पनिक लेख एवं बच्चों हेतु चार पुस्तकें लिखीं। सुधा मूर्ति को साहित्य का ‘आर.के. नारायणन पुरस्कार’ और वर्ष 2006 में ‘पद्मश्री’ तथा कन्नड़ साहित्य में उत्कृष्ट योगदान हेतु वर्ष 2011 में कर्नाटक सरकार द्वारा ‘अट्टीमाबे पुरस्कार’ प्राप्त हुआ। अब तक भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में लगभग दो सौ पुस्तकें प्रकाशित होकर बहुचर्चित-बहुप्रशंसित।

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