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Smritiyon Ke Moti    

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Author Prempal Sharma
Features
  • ISBN : 9789392573651
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Prempal Sharma
  • 9789392573651
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2024
  • 200
  • Soft Cover
  • 220 Grams

Description

ऐसा नहीं कि प्रेमपालजी ने सिर्फ यात्रा- वृत्तांत ही लिखे हों। मैंने उनके लिखे लेख, संस्मरण, समीक्षाएँ और आलोचनात्मक लेख भी पढ़े हैं। सभी में उनके सरल प्रीतिमय व्यक्तित्व की झलक है और हृदय की ऐसी सरलता है, जो पाठक के मन में पैठ जाती है। कुछ अरसा पहले प्रेमपालजी ने अपने प्यारे और लाड़ले डॉगी 'रफ्तार' के बारे में एक सुंदर सा रेखाचित्र लिखा। वह इतना मार्मिक था कि उसे पढ़ते हुए मेरी आँखें भीग गईं। और एक अजब बात यह थी कि लिखा तो उन्होंने अपने लाडले कुत्ते रफ्तार के बारे में था, पर मुझे उसमें उनके बच्चों और पूरे परिवार की आत्मीय छवि दिखाई दे गई, और मैं मानो उनमें से एक-एक को पहचान पा रहा था । इसी तरह एक बार मैंने उन्हें 'बालवाटिका' के लिए अपने बचपन और गुरुजनों के बारे में लिखने को कहा तो उन्होंने संस्मरण लिखते हुए मानो एक पूरा वातावरण निर्मित कर दिया। प्रेमपालजी अपने कर्तव्यनिष्ठ और धुनी अध्यापकों को याद करते हैं, तो उन्हें वे सुमधुर गीत और लंबी कविताएँ तक याद आ जाती हैं, जो उन्होंने छुटपन में अपने अध्यापकों से सुनी थीं। आज कई दशकों बाद भी वे उन्हें इस तरह उकेर रहे थे, जैसे यह कल की ही बात हो। मैंने पढ़ा तो अवाक् रह गया । विस्मित !

मेरे लिए इससे बढ़कर आनंद की बात कुछ और नहीं हो सकती कि प्रेमपाल शर्माजी के संस्मरणों की पुस्तक छप रही है। इन सुखद क्षणों में अपने अंतर्मन के नेह और सद्भावनाओं के साथ मैं यही दुआ कर सकता हूँ कि वे लिखें, निरंतर लिखें, और खूब अच्छा लिखें, जिससे दूसरों के दिलों में भी उजास पैदा हो, और यह दुनिया थोड़ी सी ज्यादा उजली और सुंदर हो जाए !

The Author

Prempal Sharma

प्रेमपाल शर्मा

जन्म : 5 जुलाई, 1963 को बुलंदशहर (उ.प्र.) के मीरपुर-जरारा गाँव में।

कृतित्व : विश्वप्रसिद्ध वनस्पतिविद् एवं वन्यजीव-विज्ञानी डॉ. रामेश बेदी के सान्निध्य में अनेक वर्षों तक शोध सहायक के रूप में कार्य एवं 'बेदी वनस्पति कोश' (छह खंड) का सफल संपादन। 'सवेरा न्यूज' साप्ताहिक में स्वास्थ्य कॉलम एवं संपादकीय लेखन के साथ-साथ आकाशवाणी (मथुरा व नई दिल्ली) से वार्त्ता आदि प्रसारित; 'टू मीडिया' मासिक द्वारा मेरे व्यक्तित्व-कृतित्व पर विशेषांक प्रकाशित ।

रचना-संसार : 'निबंध, पत्र एवं कहानी लेखन', 'सुबोध हिंदी व्याकरण', 'जीवनोपयोगी जड़ी-बूटियाँ', 'स्वास्थ्य के रखवाले, शाक-सब्जी-मसाले', 'सचित्र जीवनोपयोगी पेड़-पौधे', 'संक्षिप्त रामायण', 'स्वस्थ कैसे रहें?', 'स्वदेशी चिकित्सा सार', 'घर का डॉक्टर', 'शुद्ध अन्न, स्वस्थ तन', 'नगरी-नगरी, द्वारे-द्वारे' (यात्रा-संस्मरण); 'हिंदी काव्य धारा' (संपादन ।

पुरस्कार-सम्मान : श्रीनाथद्वारा की अग्रणी संस्था साहित्य मंडल द्वारा 'संपादक- रत्न' एवं 'हिंदी साहित्य-मनीषी' की मानद उपाधि।

संप्रति : आयुर्वेद पर शोध एवं स्वतंत्र लेखन ।

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