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Pariyon Ke Desh Mein   

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Author Ruskin Bond
Features
  • ISBN : 9789352663187
  • Language : Hindi
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  • Kindle Store

More Information

  • Ruskin Bond
  • 9789352663187
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2019
  • 128
  • Hard Cover

Description

मेरे एजेंट के रूप में उसने एक फिल्म कंपनी में मेरे लिए काम का जुगाड़ किया था। करतब (स्टंट) इतना साधारण किस्म का था कि उसका उल्लेख करना आवश्यक नहीं है। जब काम खत्म हो गया और अपना पैसा लेने का समय आया तो मैं ऐलन के पास गया। कंपनी ने उसे पहले ही भुगतान कर दिया था—मैंने अपना पारिश्रमिक माँगा।
‘तुम्हें उसके लिए इंतजार करना पड़ेगा।’ उसने जवाब दिया।
‘मुझे अभी चाहिए।’ मैंने कहा और अपना पैसा माँगा।
‘अभी तो नहीं मिल सकता। अच्छा, समय आने पर मैं तुम्हें भुगतान कर दूँगा।’
‘यानी जब तुम देना चाहोगे, तब दोगे, क्यों?’
‘ऐसा ही है।’
‘तो ठीक है,’ मैंने कहा, ‘मुझे वह मंजूर नहीं, इसलिए मैंने छोड़ दिया।’ चूँकि उसने मेरा पैसा नहीं दिया, मैंने उसके एक पैराशूट में छेद कर दिया।
लेकिन ऐलन और उसका सबकुछ अंदर तक निकृष्ट एवं निहायत घटिया था। वह पैराशूट नकली था।
—इसी संग्रह से

प्रसिद्ध  लेखक  रस्किन  बॉण्ड किस्सागोई के सशक्त हस्ताक्षर हैं। उनकी कहानियाँ केवल रोचक और पठनीय ही नहीं होतीं, वरन् वे सामाजिक ताना-बाना भी बुनती हैं। उनमें हास्य का पुट होता है, संबंधों की गरमाहट होती है, पारस्परिकता का भाव होता है; इसलिए पाठक स्वयं को उन कहानियों के पात्रों में देखता है।
कुछ श्रेष्ठ मर्मस्पर्शी-संवेदनशील कहानियों का संकलन है ‘परियों के देश में’।

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अनुक्रम

मेरी बात — 5

1. बाजार में एक ठंडी शाम — 9

2. जावेद खान तैयार — 13

3. चालीस भाइयों की पहाड़ी — 18

4. सात राजकुमारों के लिए सात वधुएँ — 22

5. परियों के देश में — 31

6. झुकी हुई कमरवाला भिखारी — 38

7. एक लंबी कहानी — 45

8. गुम माणिक — 52

9. हीरा और लाल की दोस्ती — 58

10. राजकुमार शमशेर जंग — 66

11. पर्वत झील — 79

12. अंकल केन के साथ साइकिल की सवारी — 89

13. दो खूबसूरत काली आँखें — 96

14. अध्ययन का रोमांच — 105

15. बिन्या चली गई — 115

The Author

Ruskin Bond

जन्म 19 मई, 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ था। बचपन में ही मलेरिया से इनके पिता की मृत्यु हो गई, तत्पश्‍चात् इनका पालन-पोषण शिमला, जामनगर, मसूरी, देहरादून तथा लंदन में हुआ। इनकी रचनाओं में हिमालय की गोद में बसे छोटे शहरों के जन-जीवन की छाप स्पष्‍ट है। इक्कीस वर्ष की आयु में ही इनका पहला उपन्यास ‘द रूम ऑन रूफ’ (The Room on Roof) प्रकाशित हुआ। इसमें इनके और इनके मित्र के देहरा में रहते हुए बिताए गए अनुभवों का लेखा-जोखा है। भारतीय लेखकों में बॉण्ड विशिष्‍ट स्थान रखते हैं। उपन्यास तथा बाल साहित्य की इनकी रचनाएँ अत्यंत लोकप्रिय हुई हैं। साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने 1999 में इन्हें ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया।

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