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Main Tilak Bol Raha Hoon PB   

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Author Giriraj Sharan
Features
  • ISBN : 9789350480793
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Giriraj Sharan
  • 9789350480793
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2013
  • 144
  • Soft Cover

Description

भारत माँ के अमर सपूत लोकमान्य बालगंगाधर तिलक एक संघर्षशील राजनेता थे। उन्होंने मृतप्राय भारतीय समाज को संघर्ष करने की प्रेरणा दी। इस संघर्ष से एक नए समाज का उदय हुआ, एक नए युग का आरंभ हुआ। स्वराज्य उनके लिए धर्म था, स्वराज्य उनके लिए जीवन था। स्वदेशी आंदोलन के लिए उन्होंने गणपति महोत्सव शुरू किया, भारतीयों को विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार के लिए तैयार किया।
कोरे आदर्शवाद से लोकमान्य का संपर्क नहीं था। उन्होंने व्यावहारिक विषयों पर व्यावहारिक दृष्टिकोण से चिंतन किया। उनका चिंतन उनके कार्यों का आधार बना। लोकमान्य तिलक तत्कालीन शिक्षा-प्रणाली से पूर्णत: असंतुष्ट थे। तिलक चाहते थे कि हमारी शिक्षा-प्रणाली स्वतंत्र देश के समान हो। उन्होंने राष्ट्रीय एकता के लिए मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा दिए जाने पर जोर दिया।
तिलक अपने तेज से एक पूरे युग को नई आभा से मंडित कर गए। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता-आंदोलन को केवल प्रेरणा ही नहीं दी, वरन् संघर्ष करने की एक निश्चित योजना भी दी।
ऐसे अमर साधक, कर्मयोगी, राष्ट्ररक्षक और सत्य के प्रतिपालक लोकमान्य बालगंगाधर तिलक की विचारधारा से अपने देश की युवा पीढ़ी को परिचित कराने और प्रेरित करने का मंगलकारी संकल्प लेकर तैयार किया गया प्रस्तुत संकलन युवा पीढ़ी को समर्पित है।

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विषय-क्रम बुद्ध —Pgs. 76
स्वराज्य के उद्घोषक —Pgs. 7 बुद्ध और ईसा —Pgs. 76
लोकमान्य बालगंगाधर तिलक —Pgs. 11 बुद्धि —Pgs. 77
मैं तिलक बोल रहा हूँ —Pgs. 29 बुद्धि और मन  —Pgs. 80
अंग्रेज —Pgs. 29 बौद्ध तथा ईसाई धर्म —Pgs. 80
अंग्रेजी शिक्षा —Pgs. 29 बौद्धधर्म  —Pgs. 80
अंग्रेजी सरकार —Pgs. 29 ब्रह्मचर्य —Pgs. 80
अंग्रेजों से  —Pgs. 30 भक्ति —Pgs. 81
अंतःकरण —Pgs. 30 भक्तिमार्ग —Pgs. 81
अधिकार —Pgs. 30 भय —Pgs. 82
अधिकारी —Pgs. 31 भाग्य —Pgs. 82
अपने विषय में —Pgs. 31 भारत —Pgs. 82
अभय-वचन —Pgs. 32 भारत में स्वशासन —Pgs. 83
अमृत बाजार पत्रिका —Pgs. 32 भारतीय —Pgs. 83
असंतोष —Pgs. 33 भारतीय कृषि —Pgs. 85
अस्पृश्यता —Pgs. 33 भारतीय धर्म-सिद्धांत —Pgs. 86
अहंकार —Pgs. 34 भारतीय नेता —Pgs. 86
अहिंसा का पालन —Pgs. 34 भारतीय साहित्य —Pgs. 86
आचरण  —Pgs. 34 भावना की भाषा —Pgs. 87
आतंकवाद —Pgs. 35 भाषा —Pgs. 87
आत्मनिर्भर  —Pgs. 35 भूलें —Pgs. 87
आत्मा —Pgs. 35 मजदूर किसान —Pgs. 87
आलसी  —Pgs. 36 मद्यनिषेध —Pgs. 88
आलस्य —Pgs. 36 मन —Pgs. 89
आलोचना —Pgs. 36 मनुष्य —Pgs. 89
इंद्रिय-निग्रह  —Pgs. 37 मनोदेवता —Pgs. 89
इंद्रियाँ —Pgs. 37 माँग —Pgs. 89
ईश्वर पर विश्वास —Pgs. 37 मातृभाषा —Pgs. 90
उत्तरदायी सरकार —Pgs. 38 मानव-प्रकृति —Pgs. 91
उत्सव  —Pgs. 38 मूर्ख  —Pgs. 91
उदारवाद-उग्रवाद —Pgs. 39 मैक्समूलर —Pgs. 91
उदारवादी-उग्रवादी —Pgs. 39 मोक्ष —Pgs. 91
उदारवादी सरकार —Pgs. 39 मोक्ष और कामना —Pgs. 91
उद्बोधन —Pgs. 40 युवक  —Pgs. 92
उपदेश —Pgs. 40 राजा —Pgs. 92
उपनिषद् —Pgs. 40 राज्य-सत्ता —Pgs. 92
एकता  —Pgs. 40 राष्ट्र —Pgs. 93
औद्योगिक शिक्षा —Pgs. 41 राष्ट्रभाषा —Pgs. 93
कठिनाइयाँ —Pgs. 41 राष्ट्रीय विद्यालय  —Pgs. 94
कर —Pgs. 41 लक्ष्य —Pgs. 94
कर्जन —Pgs. 41 लघु उद्योग —Pgs. 95
कर्तव्य-अकर्तव्य —Pgs. 42 लाला लाजपतराय —Pgs. 95
कर्तव्य-पथ —Pgs. 42 लिपि —Pgs. 95
कर्ता —Pgs. 42 लोक-संग्रह —Pgs. 96
कर्म —Pgs. 42 बजट —Pgs. 96
कर्मचारी —Pgs. 44 वर्ण —Pgs. 96
कर्मफल —Pgs. 45 वर्ण-व्यवस्था —Pgs. 97
कर्मयोग —Pgs. 45 विकेंद्रीकरण —Pgs. 97
कष्ट —Pgs. 46 विचार —Pgs. 97
कष्टभोग —Pgs. 46 विदेशी —Pgs. 97
कष्ट सहन —Pgs. 46 विदेशीपन —Pgs. 98
कांग्रेस —Pgs. 47 विदेशी भाषा —Pgs. 98
कानून —Pgs. 47 विपत्तियाँ —Pgs. 98
काल की मर्यादा —Pgs. 48 विद्यार्थी और राजनीति —Pgs. 99
किसान —Pgs. 48 विद्रोह करें —Pgs. 99
कृषि-नीति —Pgs. 48 विरोध —Pgs. 99
क्रोध —Pgs. 48 विवेकानंद —Pgs. 100
क्षत्रिय —Pgs. 49 विश्वास —Pgs. 100
गति —Pgs. 49 विषय —Pgs. 100
गीता —Pgs. 49 वीर  —Pgs. 100
गीता और महाभारत —Pgs. 51 वीरपूजा —Pgs. 101
गीता का तात्पर्य —Pgs. 52 वेदांग और योग —Pgs. 101
गीता धर्म —Pgs. 52 वैदिक धर्म —Pgs. 101
गीताध्ययन  —Pgs. 52 व्यवस्था —Pgs. 102
गीता-रहस्य —Pgs. 53 व्यवस्थापक —Pgs. 102
गुप्तचर  —Pgs. 53 शक्ति —Pgs. 102
गोपालकृष्ण गोखले —Pgs. 53 शक्तिशाली —Pgs. 103
ग्रंथ-परीक्षा —Pgs. 54 शब्द —Pgs. 103
ग्रामीण प्रशासन —Pgs. 55 शरीर  —Pgs. 103
चिकित्सा —Pgs. 55 शासक —Pgs. 104
जनता —Pgs. 55 शासक/जनता —Pgs. 104
जनता के सेवक —Pgs. 56 शासक-शासित —Pgs. 104
जनता से —Pgs. 56 शासन-प्रणाली —Pgs. 105
जनमत —Pgs. 57 शासन-शासक —Pgs. 105
जनहित —Pgs. 57 शास्त्रीय पद्धति —Pgs. 105
जमशेदजी टाटा —Pgs. 58 शिक्षा —Pgs. 106
जागरूकता —Pgs. 58 शिक्षा का माध्यम —Pgs. 107
जाति —Pgs. 59 शिक्षा-प्रणाली —Pgs. 108
जिज्ञासा  —Pgs. 59 शिक्षित वर्ग —Pgs. 108
ज्ञान —Pgs. 59 शिक्षितों से —Pgs. 108
डोमिनियन स्टेट्स —Pgs. 60 शिवाजी —Pgs. 108
थियोसॉफिस्ट —Pgs. 60 शिवाजी-उत्सव —Pgs. 109
थियोसॉफी —Pgs. 60 शिशिरकुमार घोष —Pgs. 111
दंड —Pgs. 60 शिष्टाचार —Pgs. 112
दादाभाई नौरोजी —Pgs. 61 श्रद्धा —Pgs. 112
दान —Pgs. 61 श्रद्धा-भक्ति —Pgs. 113
दुःख —Pgs. 61 संकल्प —Pgs. 113
दुःख-सुख —Pgs. 61 संकल्प-शक्ति —Pgs. 113
देवनागरी —Pgs. 61 संगठन —Pgs. 114
देवियाँ —Pgs. 62 संन्यास-मार्ग —Pgs. 114
देशभक्त —Pgs. 62 संस्था —Pgs. 114
धनी —Pgs. 62 सज्जन —Pgs. 115
धर्म  —Pgs. 63 सज्जनता —Pgs. 115
धर्म और सत्य —Pgs. 64 सत्य —Pgs. 115
धार्मिक शिक्षा —Pgs. 64 सत्याग्रही —Pgs. 116
नरम-गरम दल  —Pgs. 65 सदसद्विवेचन —Pgs. 116
नाम  —Pgs. 65 समबुद्धि —Pgs. 116
नायक  —Pgs. 65 समय  —Pgs. 118
नित्यधर्म —Pgs. 65 समर्थन —Pgs. 118
निर्बल  —Pgs. 66 सरकार —Pgs. 118
निष्ठा —Pgs. 66 सरकार की आलोचना —Pgs. 119
नीति  —Pgs. 66 सरकारी कार्य-प्रणाली —Pgs. 119
नीतिशास्त्र —Pgs. 66 सांप्रदायिकता —Pgs. 119
नेता —Pgs. 66 साहस —Pgs. 120
नौकरशाही —Pgs. 67 सुख —Pgs. 120
न्यायाधीश —Pgs. 67 सुख-दुःख —Pgs. 121
पत्नी का वियोग —Pgs. 68 सुनागरिक —Pgs. 121
पत्रकार —Pgs. 68 सेवा —Pgs. 122
पत्रकारिता —Pgs. 68 स्थितप्रज्ञ —Pgs. 122
परतंत्रता —Pgs. 68 स्मारक —Pgs. 122
पराधीन भारत —Pgs. 70 स्वतंत्रता —Pgs. 123
परिस्थिति —Pgs. 70 स्वतंत्रता की इच्छा  —Pgs. 123
परोपकार —Pgs. 70 स्वदेशी —Pgs. 123
पाप —Pgs. 71 स्वदेशी-आंदोलन —Pgs. 124
पूर्वजों की स्मृति —Pgs. 71 स्वदेशीवाद —Pgs. 124
प्रकृति —Pgs. 71 स्वदेशी शासक —Pgs. 124
प्रतिनिधि —Pgs. 72 स्वराज्य —Pgs. 125
प्रतीक  —Pgs. 72 स्वराज्य-कामना —Pgs. 130
प्रयास —Pgs. 73 स्वराज्य की माँग —Pgs. 130
प्रश्न —Pgs. 73 स्वराज्य-प्राप्ति —Pgs. 130
प्राचीन शासन-व्यवस्था —Pgs. 74 स्वशासन —Pgs. 131
प्रेस की स्वतंत्रता  —Pgs. 74 स्वहित  —Pgs. 133
फलभोग —Pgs. 74 हमारा कर्तव्य —Pgs. 133
फिरोजशाह मेहता —Pgs. 74 हरबर्ट स्पेंसर —Pgs. 134
बंगाल का विभाजन —Pgs. 75 हिंदू-धर्म —Pgs. 134
बहिष्कार —Pgs. 75 हिंसा —Pgs. 135
बात —Pgs. 76 होमरूल —Pgs. 136
बाधा न पहुँचाएँ —Pgs. 76 विविध —Pgs. 139

 

 

The Author

Giriraj Sharan

जन्म : सन् 1944, संभल ( उप्र.) ।
डॉ. अग्रवाल की पहली पुस्तक सन् 1964 में प्रकाशित हुई । तब से अनवरत साहित्य- साधना में रत आपके द्वारा लिखित एवं संपादित एक सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । आपने साहित्य की लगभग प्रत्येक विधा में लेखन-कार्य किया है । हिंदी गजल में आपकी सूक्ष्म और धारदार सोच को गंभीरता के साथ स्वीकार किया गया है । कहानी, एकांकी, व्यंग्य, ललित निबंध, कोश और बाल साहित्य के लेखन में संलग्न डॉ. अग्रवाल वर्तमान में वर्धमान स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिजनौर में हिंदी विभाग में रीडर एवं अध्यक्ष हैं । हिंदी शोध तथा संदर्भ साहित्य की दृष्‍ट‌ि से प्रकाशित उनके विशिष्‍ट ग्रंथों-' शोध संदर्भ ' ' सूर साहित्य संदर्भ ', ' हिंदी साहित्यकार संदर्भ कोश '-को गौरवपूर्ण स्थान प्राप्‍त हुआ है ।
पुरस्कार-सम्मान : उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ द्वारा व्यंग्य कृति ' बाबू झोलानाथ ' (1998) तथा ' राजनीति में गिरगिटवाद ' (2002) पुरस्कृत, राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली द्वारा ' मानवाधिकार : दशा और दिशा ' ( 1999) पर प्रथम पुरस्कार, ' आओ अतीत में चलें ' पर उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ का ' सूर पुरस्कार ' एवं डॉ. रतनलाल शर्मा स्मृति ट्रस्ट द्वारा प्रथम पुरस्कार । अखिल भारतीय टेपा सम्मेलन, उज्जैन द्वारा सहस्राब्दी सम्मान ( 2000); अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानोपाधियाँ प्रदत्त ।

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