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Author Dhirendra Narayan Singh
Features
  • ISBN : 9788193397480
  • Language : Hindi
  • ...more

More Information

  • Dhirendra Narayan Singh
  • 9788193397480
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2017
  • 136
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

मैं सुखी राम। कैदी नंबर पाँच सौ बत्तीस। कठघरे से बोल रहा हूँ। जो भी सुन रहे हों, मेरे घरवालो को इत्तला दे दें, मैं यहाँ अच्छी तरह हूँ। पक्का मकान है। बरसात में छप्पर चूने का भय नहीं। सवेरे चाय मिल जाती है। नाश्ते में चना-गुड़ और भोजन के लिए पूछो मत। सप्ताह में मांस, मछली और अंडे भी मिल जाते हैं। रोटी, चावल, चने की दाल और हरी सब्जी प्रतिदिन का भोजन है।
ओढ़ने और बिछाने को दो कंबल, पहनने को कपड़े, साबुन और तेल, सबकुछ मिलता है।
कह दें गिरधारी से, कर दे हरिकिशन का खून और चले आएँ जेल। इस प्रजातंत्र 
में घर की व्यवस्था से जेल की व्यवस्था अच्छी है।
—इसी संग्रह से
मन को झकझोर देनेवाली मर्मस्पर्शी व संवेदनशील कहानियों का संकलन, जिन्हें पढ़कर आप भावुक हो जाएँगे और आपकी संवेदना झंकृत हो जाएगी।

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अनुक्रम

भूमिका— Pgs. 5

1. कठघरे से— Pgs. 11

2. फिर एक नेता— Pgs. 12

3. सा की राजनीति— Pgs. 13

4. टेस्ट— Pgs. 15

5. मंत्रीजी का प्रोग्राम— Pgs. 16

6. प्रश्नोार— Pgs. 18

7. वसीयत— Pgs. 19

8. स्वर्ग में वकील— Pgs. 20

9. गाली— Pgs. 22

10. भगवान का मूल्य— Pgs. 23

11. समझदारी— Pgs. 24

12. छोड़ो कल की बातें— Pgs. 25

13. चैलेंज— Pgs. 26

14. पत्नी— Pgs. 27

15. बेईमान चेहरा— Pgs. 28

16. कर्तव्य— Pgs. 29

17. सवाल— Pgs. 30

18. यक्ष प्रश्न— Pgs. 31

19. जन्मकुंडली— Pgs. 33

20. सा का सच— Pgs. 35

21. टोपीवाले को नसीहत— Pgs. 37

22. अथ सामाजिक न्याय गाथा— Pgs. 39

23. भीड़ का मर्म— Pgs. 43

24. संरक्षण— Pgs. 45

25. बड़ी सोच— Pgs. 46

26. शति परीक्षण— Pgs. 47

27. बिहार बनाम नरक— Pgs. 48

28. आदमी और परिंदा— Pgs. 51

29. संक्षेपण— Pgs. 52

30. गांधीवादी— Pgs. 54

31. तुलसी जयंती और नेताजी— Pgs. 55

32. माँ, बेटा और पत्नी— Pgs. 57

33. एकाग्रता की जाँच— Pgs. 58

34. गांधीजी का सपना— Pgs. 60

35. बहुमत— Pgs. 62

36. सा की राजनीति— Pgs. 64

37. अखबारी सूचना— Pgs. 72

38. विश्वास करें : सच है— Pgs. 73

39. बिरादरी— Pgs. 78

40. इनरदेव भैया— Pgs. 79

41. आइए डॉटर बनिए— Pgs. 98

42. डॉटर का फेर— Pgs. 105

43. बाज आए मोबाइल से— Pgs. 111

44. भीड़ का आदमी— Pgs. 119

45. थाना— Pgs. 129

The Author

Dhirendra Narayan Singh

जन्म : 24 जून, 1942 को मुरलीगंज, मधेपुरा (बिहार) में।
शिक्षा : बी.एस-सी. एंड  डिप्लोमा इन ऐजुकेशन। बलदेव लक्ष्मी इंटर स्तरीय विद्यालय, मुरलीगंज से अवकाश प्राप्त शिक्षक।
प्रकाशन : खरीद लीजिए (कविता-संग्रह)।
पुरस्कार-सम्मान : राजभाषा बिहार सरकार मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा दो बार पुरस्कृत। हिंदी-उर्दू एकता मंच, सीतामढ़ी द्वारा पुपरी विभूषण सम्मान से सम्मानित। हिंदी साहित्य परिषद् खगडि़या द्वारा स्वर्ण सम्मान। भू.ना.मं. विश्वविद्यालय, मधेपुरा द्वारा कोशी साहित्य सेवी सम्मान। अन्य कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित।
संपर्क : मुरलीगंज, वार्ड-10, मधेपुरा-852122
चलितवार्त्ता : 7763882860

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