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Chumbak Chikitsa   

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Author S.K. Sharma
Features
  • ISBN : 9789386936066
  • Language : Hindi
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More Information

  • S.K. Sharma
  • 9789386936066
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2017
  • 144
  • Hard Cover

Description

संसार की प्रधान चिकित्सा पद्धतियों का सीधा संबंध संसार की प्रधान सभ्यताओं से है, जैसे—भारत की आयुर्वेद, चीन की पारंपरिक (Traditional) चिकित्सा विधि, मिस्र और ईरान की यूनानी और रोम की एलोपैथी। वैसे एलोपैथी को प्रधान और अन्य सबको वैकल्पिक (Alternate) चिकित्सा पद्धतियों के रूप में मान्यता प्राप्त है। होम्योपैथी वैसे ही एक स्वतंत्र चिकित्सा पद्धति (Therapy) है, जैसे कि आयुर्वेद, यूनानी, चीनी चिकित्सा प्रणालियाँ हैं।
संसार में आजकल लगभग 200 ऐसी वैकल्पिक चिकित्सा-पद्धतियाँ हैं, जिनका पूर्ण या आंशिक रूप से प्रयोग करके बहुत से सरल और जटिल रोगों का निदान किया जा रहा है और इनके परिणाम भी संतोषप्रद हैं। रोगी का रोग की पद्धति से कोई सरोकार नहीं होता। वह तो कम-से-कम समय में और कम खर्च करके ठीक होना चाहता है। उसे साधन से नहीं, साध्य से मतलब है। यदि डॉक्टर एक रोग को तो ठीक कर दे, परंतु इससे दूसरे अन्य लक्षण या रोग पैदा हो जाएँ तो ऐसा इलाज रोगी के किस काम का! एलोपैथी रोग को जल्दी ही समाप्त कर देती है, परंतु उसे जड़ से समाप्त नहीं करती। ऐसे में एक रोग का अंत किसी दूसरे नए रोग का कारण बन जाता है।
यही कारण है कि लोग चुंबक चिकित्सा, एक्यूपंक्चर, एक्यूप्रेशर, योग, शियात्शू, प्राकृतिक चिकित्सा, जल चिकित्सा आदि को स्वीकारने, अपनाने और इस्तेमाल करने लगे हैं। हमारे विचार में सभी चिकित्सा-प्रणालियों में स्वकीय गुण और उपादेयता है, अन्यथा वे कभी की काल-कवलित हो गई होतीं।

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अनुक्रम  
प्रस्तावना—5 चुंबक चिकित्सा और यूनानी तिब—67
विषय-प्रवेश—7 चुंबक चिकित्सा और होम्योपैथी—67
चेतावनी—9 अन्य वैकल्पिक चिकित्सा प्रणालियाँ और चुंबक चिकित्सा—68
स्वस्थ जीवन संबंधी सूतियाँ—10 चुंबक चिकित्सा और प्राकृतिक चिकित्सा—69
  चुंबक चिकित्सा, एयूप्रेशर और एयूपंचर चिकित्सा—70
1. प्राचीन संदर्भ में चुंबक का प्रयोग—15 संबद्ध सूचीभेदन बिंदु —71
2. आधुनिक युग में चुंबक चिकित्सा की उपादेयता, सीमाएँ और  11. चुंबक चिकित्सा में रोग-वृ लेने की विधि और महा—73
   आयाम—20 12. चुंबक चिकित्सा में आवश्यक सावधानियाँ—77
अंत:स्रावी ग्रंथियाँ और महव—21 13. चुंबक के प्रयोग की विभिन्न विधियाँ—80
चुंबक चिकित्सा के विभिन्न प्रकार  कम शतिवाले सिरेमिक चुंबक—81
(Various kinds of Magnets)—22 मध्यम शतिवाले चुंबक—81
चुंबक की नैरोग्य क्षमता—22 उच्च शतिवाले चुंबक—81
उपादेयता—23 विविध चुंबकीय उपकरण—82
3. मानव शरीर की संरचना और विभिन्न अंग समूहों की इलेट्रो-मैग्नेट्स (Electro-Magnets) —82
   कार्य-प्रणाली—25 एलनिको चुंबक—82
पाचन-तंत्र प्रणाली—26 फैराइट चुंबक—82
श्वसन और रत-संचार प्रणाली—27 रोगी को कैसे बिठाएँ—83
पुच्छहीन अंत:स्रावी ग्रंथियाँ चुंबक उपचार में समय-सीमा—84
(Ductless secretory endocrine glands) —29 चुंबक लगाने का आदर्श समय—86
लसीका ग्रंथियाँ (Lymphatic glands)—29 14. चुंबक से विभिन्न रोगों का उपचार—88
4. रोगों के मुय कारण—30 फोड़े (Abscess)—89
5. रोगों के प्रधान कारण—32 रताल्पता/पांडु रोग (Anaemia)—90
भोजन से संबंधित कारण—32 हड्डी एवं जोड़ों के रोग—91
दैनिकी, शारीरिक श्रम, विश्राम, कार्य-प्रणाली और दिनचर्या संबंधी  खाँसी और श्वास संबंधी रोग—96
  नियम—34 टॉन्सिल फूलना और दर्द—97
उपचार संबंधी नियम—35 खाँसी—98
मानसिक कारण —36 प्रतिश्याय/जुकाम (Catarrh/Coryza)—98
प्रदूषण और विषातता (Pollution & Toxity) —37 दमा (Asthma)—99
6. कारण का निवारण ही रोग का उपचार है—39 ब्रोंकाइटिस—100
रोगों से बचने के उपाय—39 निमोनिया—100
7. चुंबक के भेद और प्रकार—42 पाचन-तंत्र संबंधी रोग—101
चुंबक के विविध प्रयोग—43 बवासीर (Piles)—105
चुंबक के विविध रूप और प्रकार (Kinds of Magnets)—43 पेट की सूजन (Gastritis)—107
प्राकृतिक चुंबक—43 पेट का फोड़ा (Gastric Ulcer)—108
चुंबक के विलक्षण गुण—44 मधुमेह (Diabetes Mellitus)—108
एक से अनेक चुंबक—45 जिगर संबंधी रोग—110
चुंबक की शति के विभिन्न आयाम—45 विविध प्रकार के ज्वर—111
वास्तविक प्रयोग के लिए चुंबक के विभिन्न प्रकार —48 मूत्र मार्ग की पथरी—116
उपचार में प्रयुत चुंबक की शति (Gauss) —48 गुरदे की पथरी—117
चुंबकों की शति के आधार पर वर्गीकरण—48 पिशय की पथरी—118
चुंबक के प्रकार—49 गुरदे की सूजन (Bright’s Disease or Nephritis) —119
जिंक प्लेट की प्रयोग विधि—50 मूत्राशय की सूजन (Cystitis) —119
8. शरीर के विभिन्न अंगों पर चुंबक की सामान्य प्रयोग-विधि—54 प्रोस्टेट ग्रंथि की सूजन—120
छाती संबंधी रोग—54 मूत्रावरोध और कष्टकारक मूत्रस्राव  ———(Dysuria and painful micturition) —121
गला—54 अंडकोशों की सूजन (Swelling of Testicles) —122
कमर के रोग—55 अंडकोश में पानी भरना (Hydrocele) —122
घुटने और पैरों के रोग —55 मूत्र मार्ग से रत जाना (Haematuria) —122
नींद न आना—55 महिलाओं के रोग—123
दुरूह और असाध्य रोग—55 बाल रोग (Children’s diseases) —130
पेट के रोग—55 गल-ग्रंथियों का प्रदाह (Tonsillitis) —133
हाथों के रोग—56 15. अन्य रोगों की चुंबक चिकित्सा—135
रीढ़ की हड्डी और संबंधित रोग—56 उच्च रतचाप (High blood pressure, hypertension) —135
विद्युत् चुंबक का प्रयोग—57 रत-वाहिनियों का कड़ापन (Arterio or atherosclerosis) —136
9. चुंबकीय जल और तेल तैयार करने की विधि—58 रूसी (Dandruff) —137
चुंबकीय तेल —58 कान का दर्द (Otalgia) —138
चुंबकीय जल—61 शीतपि या पि उछलना (Urticaria, hives nettlerash)—138
सूर्य-स्नान (Sun-bath) —62 अनिद्रा (Insomnia, sleeplessness) —139
10. चुंबक चिकित्सा और अन्य चिकित्सा-पद्धतियों की तुलना—65 कमर दर्द (Backache, lumbago)—140
चुंबक चिकित्सा और एलोपैथी—66 मोटापा (Obesity) —140
चुंबक चिकित्सा और आयुर्वेद—66  

The Author

S.K. Sharma

जन्म : 26 मार्च, 1937 को पटियाला (पंजाब) में। 
शिक्षा : दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स) और एम.ए.।
औषधि विज्ञान, स्वास्थ्य, आहार-पोषण, योग, प्राणायाम, आयुर्वेद, होम्योपैथी आदि विषयों में विशेष अभिरुचि। हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, गुरुमुखी भाषाओं का पर्याप्त ज्ञान। अब तक विभिन्न विषयों पर 100 से ऊपर पुस्तकों का लेखन। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में स्वास्थ्य, योग, यौन, औषधि, धर्म संबंधी विषयों पर अनेक लेख प्रकाशित।

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