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Antyodaya   

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Author Prabhat Jha
Features
  • ISBN : 9789352669875
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Prabhat Jha
  • 9789352669875
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 168
  • Hard Cover

Description

देश में जब भी सामाजिक-आर्थिक चिंतन की बात की जाती है तो गांधी, जेपी-लोहिया और दीनदयालजी का नाम लिया जाता है। 
सामाजिक जीवन में और समाज 
के आर्थिक जीवन में यदि हमारी अर्थव्यवस्था अंत्योदय युक्त होगी तो समाज-जीवन की चिती की साधना स्वतः सफल होती जाएगी। अंत्योदय शब्द में संवेदना है, सहानुभूति है, प्रेरणा है, 
साधना है, प्रामाणिकता है, आत्मीयता है, कर्तव्यपरायणता है तथा साथ ही उद्देश्य की स्पष्टता है। दीनदयालजी कहा करते थे कि ‘जब तक अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का उदय नहीं होगा, भारत का उदय संभव नहीं है’। वे अश्रुपूरित आँखों से आँसू पोंछने और उसके चेहरे पर मुसकराहट को अंत्योदय की पहली सीढ़ी मानते थे। 
दीनदयालजी के अंत्योदय का आशय राष्ट्रश्रम से प्रेरित था। वे राष्ट्रश्रम को राष्ट्रधर्म मानते थे। अतः कोई श्रमिक वर्ग अलग नहीं है, हम सब श्रमिक हैं। 
राष्ट्रविकास में सबको सम्मिलित कर भारत निर्माण का मार्ग प्रशस्त करनेवाली चिंतनपरक पुस्तक।

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अनुक्रम

संपादक की कलम से — Pgs. 5

1. अंत्योदय : समाज की चिंता —सुंदर सिंह भंडारी — Pgs. 11

2. एकात्म मानववाद की परिपेक्ष में अंत्योदय —डॉ. मुरली मनोहर जोशी — Pgs. 17

3. अंत्योदय शब्दों से नहीं, जीवन से होगा —देवेंद्र स्वरूप — Pgs. 27

4. सांगोपांग समाज जीवन की शर्त है अंत्योदय —डॉ. महेशचंद्र शर्मा — Pgs. 33

5. भारतीय कृषि एवं भूमंडलीय चुनौतियाँ —सोमपाल शास्त्री — Pgs. 42

6. भारत का ग्रामीण समाज एवं अंत्योदय —शांता कुमार — Pgs. 58

7. राष्ट्र-शरीर का सर्वांगीण और स्वस्थ विकास ही अंत्योदय —डॉ. शैलेंद्रनाथ श्रीवास्तव — Pgs. 62

8. भारतीय महिलाएँ और आर्थिक अंत्योदय —डॉ. मृदुला सिन्हा — Pgs. 67

9. अंत्योदय भारतीय कृषि की अवहेलना के दुष्परिणाम —डॉ. कुँवरजीभाई जाधव — Pgs. 74

10. रचनात्मक आर्थिक विचारधारा की खोज —डॉ. राकेश सिन्हा — Pgs. 80

11. अंत्योदय का अभाव एवं उग्रवाद का प्रभाव —हरेंद्रप्रताप पांडे — Pgs. 88

12. दीनदयालजी का स्वप्न एवं लघु उद्योग —डॉ. एस.एस. अग्रवाल — Pgs. 97

13. अंत्योदय अर्थव्यवस्था बनाम पूँजीवाद एवं समाजवाद —डॉ. बजरंगलाल गुप्ता — Pgs. 101

14. युवा संगठन और अंत्योदय —ओमप्रकाश धनकड़ — Pgs. 115

15. अंत्योदय के लिए आधुनिक प्रबंधन —विनय सहस्रबुद्धे — Pgs. 121

16. कागजों से हटकर धरती पर कुछ करना होगा —नानाजी देशमुख — Pgs. 125

17. अंत्योदय के जनक के प्रेरणादायी संस्मरण —जगदीश प्रसाद माथुर — Pgs. 131

18. अंत्योदय के प्रणेता : दीनदयालजी —कुशाभाऊ ठाकरे — Pgs. 141

19. अंत्योदय पुरुष दीनदयाल : एक मानव तनधारी देवदूत —के.आर. मलकानी — Pgs. 146

20. अंत्योदय दर्शन से ही देश आत्मनिर्भर बनेगा —कैलाशपति मिश्र — Pgs. 151

21. अंत्योदय पुरुष के अद्वितीय संस्मरण—अंबाचरण वशिष्ठ — Pgs. 156

लेखक परिचय — Pgs. 162

 

The Author

Prabhat Jha

प्रभात झा

जन्म : सन् 1958, दरभंगा (बिहार)।
शिक्षा : स्नातक (विज्ञान), कला में स्नातकोत्तर, एल-एल.बी., पत्रकारिता में डिप्लोमा (मुंबई)। जगतगुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट (उ.प्र.) से डी.लिट की उपाधि प्राप्त।
कृतित्व : 'शिल्पी' (तीन खंड), 'अजातशत्रु दीनदयालजी', 'जन गण मन' (तीन खंड), 'समर्थ भारत', 'गौरवशाली भारत', कृतियों के अलावा विभिन्न स्मारिकाओं एवं पत्र-पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित। दैनिक भास्कर, नई दुनिया, हरिभूमि, स्वदेश, ट्रिब्यून, प्रभात खबर, राँची एक्सप्रेस, आज एवं वार्ता के नियमित स्तंभकार तथा राजनैतिक विश्लेषक के रूप में सतत लेखन कार्य जारी। हिंदी 'स्वदेश' समाचार-पत्र में सहयोगी संपादक रहे। वक्ता के रूप में प्रतिष्ठित संस्थानों में नियमित आमंत्रित।
संप्रति : राज्यसभा सांसद तथा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (भारतीय जनता पार्टी) एवं संपादक 'कमल संदेश' (हिंदी एवं अंग्रेजी)।

इ-मेल : prabhatjhabjp@gmail.com

 

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