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Acid wali ladki   

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Author Pratibha Jyoti
Features
  • ISBN : 9789386231871
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Pratibha Jyoti
  • 9789386231871
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2016
  • 208
  • Hard Cover

Description

यह पुस्तक करुण और मर्मांतक दास्तान है उन पीडि़तों की, जिन पर एसिड उड़ेलकर उनकी जिंदगी नर्क बना दी गई। यह दस्तावेज है, उन अनसुनी-अनकही हकीकतों का, जिन पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया। एसिड हमले के बाद पीडि़त किस किस्म की शारीरिक और मानसिक यंत्रणा से गुजरती है; वो और उसका परिवार कैसे टूटता चला जाता है और सिस्टम कैसे मूकदर्शक बनकर सबकुछ देखता रह जाता है, यह पुस्तक उसी की छानबीन है। पीडि़तों के संघर्ष के मनोवैज्ञानिक पहलू भी बेहद विचलित करनेवाले हैं, जिनका इस पुस्तक में गहराई से विश्लेषण है। 
समाज में एसिड फेंककर किसी का जीवन बरबाद कर देनेवाली बढ़ती घटनाओं के प्रति आक्रोश, उनको रोकने के प्रयास और पीडि़तों के संघर्ष की सफल-गाथा है यह पुस्तक।

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अनुक्रम

मेरी बात —7

1. एसिड वाली लड़की : सोनाली मुखर्जी—13

2. जिंदगी इम्तिहान लेती है : कविता—33

3. याद रखना, याद आऊँगी मैं... : प्रीति राठी—46

4. आईना मेरी पहली सी सूरत माँगे : प्रज्ञा सिंह—64

5. बदकिस्मती की वो कविता : कविता बिष्ट—76

6. डरना मुझे आता नहीं : रेशम फातिमा—92

7. वो बार-बार मरती रही... : अनु मुखर्जी—104

8. दलित बेटी की दमन कथा... : चंचल पासवान—115

9. एसिड पर अटैक कब? : कानून के नजरिए से—127

10. कैसे बुझेगी ये जलन?—144

11. मुआवजे का मरहम—159

12. दक्षिण एशिया-एसिड से जंग जारी—169

13. सोच बदलो, सूरत बदलेगी : जस्टिस कुरियन जोसेफ—185

14. एसिड पर रोक तो हिंसा पर रोक : किरेन रीजीजू—189

15. कानून का कवच जरूरी है : उज्ज्वल निकम—192

16. पैरों पर खड़े होने की बुनियाद दो : ललिता कुमारमंगलम—194

17. वीभत्स अपराध की गहरी पीड़ा : डॉ. अशोक गुप्ता—197

18. लक्ष्मी की कलम से... 200

19. एक पैगाम पीड़ितों के नाम—204

संदर्भ सूची—208

 

The Author

Pratibha Jyoti

हजारीबाग के सेंट कोलंबस कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से मास मीडिया में पी.जी. डिप्लोमा की डिग्री प्राप्त की। विगत 16 वर्षों से पत्रकारिता से संबद्ध। रिपोर्टिंग की शुरुआत दिल्ली में ‘अमर उजाला’ से हुई। ‘चरखा फीचर सर्विस’ में काम करने के दौरान विकास-पत्रकारिता को करीब से समझने का मौका मिला और सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए ‘विकास संवाद’ नामक एक मार्गदर्शिका तैयार की। 
अमर उजाला, नई दुनिया और राजस्थान पत्रिका के पॉलिटिकल ब्यूरो में एक दशक तक संसदीय और राजनीतिक मुद्दों की रिपोर्टिंग एवं लेखन। इसी दौरान महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर सरोकार की पत्रकारिता की। इन मुद्दों पर लगातार लेखन की वजह से वर्ष 2006 में भारत-चीन मैत्री वर्ष पर हुए विशेष सम्मेलन में भाग लेने बीजिंग भी गईं। लेखिका को हिंदी मीडिया के प्रतिनिधि के रूप में प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया। अभी महिलाओं पर केंद्रित ई-मैगजीन ‘वुमनिया’ की संपादक हैं। 
इ-मेल : jpratibha.jyoti@gmail.com

 

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