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Ab Kal Ayega Yamraaj   

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Author Abhimanyu Anat
Features
  • ISBN : 8188139343
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Abhimanyu Anat
  • 8188139343
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2010
  • 144
  • Hard Cover

Description

अब कल आएगा यमराज अपनी पत्नी के हाथ में प्लास्टिक की टोकरी देखते ही वह पूछ उठा, “क्या है यह?” “तुम्हारा नहीं, मेरी गुड़िया का जीवन है इसमें।” “और मेरा?” बिना कुछ कहे रंजीता ने प्लास्टिक की टोकरी से ऑस्ट्रेलियन बेबी मिल्क की दो डिबियाँ बाहर निकालीं। करन फर्श पर पसरे-पसरे चिल्ला उठा, “मेरावाला क्यों नहीं पहुँचा? रंजू! मैं...मैं अब ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता। कहाँ है मेरी दवा? प्लीज रंजू...मुझे बचा लो...कहीं से, किसी-न-किसी तरह आज भर के लिए थोड़ा सा ले आओ। रंजू!...रंजू!!” रंजीता की बच्ची चारपाई पर पड़ी फिर रोने लगी। वह फर्श पर फिर से गिड़गिड़ाने लगा, “चुटकी भर ही सही, ला दो, रंजू! मुझे मरने से बचा लो, रंजू!” रंजीता ने दूध की दोनों डिबियों की ओर देखा। अपने आपसे भीतर-ही-भीतर सवाल किया, ‘इन्हें बेचकर अपने सुहाग को बचा लूँ?’ उसके हाथ में स्वयमेव उसके गले का मंगलसूत्र आ गया। उसने फिर उसी खामोशी में अपने आपसे पूछा, ‘या इसे गिरवी रखकर अपने सुहाग और अपने हृदय के टुकड़े दोनों को बचा लूँ?’ चारपाई पर उसकी बच्ची भूख-प्यास से व्याकुल हो चीत्कार कर रही थी और फर्श पर उसका पति आँखों और स्वर में याचना लिये गिड़गिड़ाए जा रहा था। रंजीता अपने आपसे पूछती रही, ‘किसको किसके लिए दाँव पर लगाऊँ?’
—इसी संग्रह से स्त्रा् के पातिव्रत्य, ममता और समर्पण का ऐसा अनोखा संगम, जो पठनीय ही नहीं, संग्रहणीय भी है। निस्संदेह यह एक कालजयी कृति है।

The Author

Abhimanyu Anat

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