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Padumlal Punnalal Bakshi   

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Author Ramesh Nayyar
Features
  • ISBN : 9788173158889
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Ramesh Nayyar
  • 9788173158889
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2010
  • 112
  • Hard Cover

Description

भारतीय पत्रकारिता का इतिहास अथक संघर्षों और संकटों से जूझने की लंबी कहानी है। इसे अनेकानेक स्वनामधन्य पत्रकारों और संपादकों ने अपने खून-पसीने से सींचा है। आज पत्रकारिता का जो भव्य भवन दृष्टिगोचर होता है, जो कलश चमकते हैं, उसकी नींव के पत्थर और प्राण-प्रतिष्ठा के शिल्पी वही पुरखे हैं, जिन्होंने पत्रकारिता का विशाल फलक रचा। श्री पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी लगभग छह दशकों तक हिंदी साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रहे। उनकी दृष्टि में साहित्य और पत्रकारिता में कोई बड़ा भेद नहीं था। हिंदी की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘सरस्वती’ के संपादक पद को सुशोभित करने का गौरव बख्शीजी को तीन बार मिला। करीब दो वर्षों तक उन्होंने रायपुर से प्रकाशित दैनिक ‘महाकोशल’ के रविवारीय परिशिष्ट का संपादन किया। हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता में बख्शीजी ने 1920 के आस-पास जिस भाषा और शैली को अपनाया था, वह आज भी जीवंत है। अखबारों के बारे में उनकी बेबाक राय थी—“जिन पत्रों का जनता पर कोई प्रभाव नहीं है, उनके समाचारों का भी कोई मूल्य नहीं होता।”
सरलता और सादगी की प्रतिमूर्ति, बहुविज्ञ बख्शीजी के संपादकीय कौशल से रचनाओं का जैसा परिष्कृत और परिमार्जित स्वरूप सामने आता था, वह रचनाकारों के लिए मार्गदर्शक होता था। नव रचनाकार, लेखक, प्रशिक्षु पत्रकार ही नहीं आम पाठक के लिए भी समान रूप से उपयोगी एवं प्रेरणादायी पुस्तक।

The Author

Ramesh Nayyar

जन्म : 10 फरवरी, 1940 को कुंजाह (अब पाकिस्तान) में ।
शिक्षा : एम.ए. (अंग्रेजी) सागर विश्‍वविद्यालय, एम.ए. ( भाषा विज्ञान) रविशंकर विश्‍वविद्यालय ।
पत्रकारिता : सन् 1965 से पत्रकारिता में । ' युगधर्म ', ' देशबंधु ', ' एम.पी. क्रॉनिकल ' और ' दैनिक ट्रिब्यून ' में सहायक संपादक । ' दैनिक लोकस्वर ', ' संडे ऑब्जर्वर ' (हिंदी) और ' दैनिक भास्कर ' का संपादन ।
आकाशवाणी, दूरदर्शन और अन्य टी.वी. चैनलों से वार्त्ताओं, रूपकों, भेंटवार्त्ताओं और परिचर्चाओं का प्रसारण । टी. वी. सीरियल और वृत्तचित्रों का पटकथा लेखन ।
पत्रकारिता और आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विषयों पर राष्‍ट्रीय- अंतरराष्‍ट्रीय संगोष्‍ठ‌ियों में भागीदारी ।
प्रकाशन : चार पुस्तकों का संपादन । अंग्रेजी, उर्दू और पंजाबी की सात पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद ।
आजकल ' दैनिक भास्कर ' और अंग्रेजी दैनिक ' द हितवाद ', रायपुर के सलाहकार संपादक ।

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