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Swarsamrat Dinanath Mangeshkar   

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Author Vandana Ravindra Ghangurde
Features
  • ISBN : 9789350485521
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Vandana Ravindra Ghangurde
  • 9789350485521
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2016
  • 280
  • Hard Cover

Description

मास्टर दीनानाथ मंगेशकर बहुआयामी व्यक्‍त‌ित्व के धनी और प्रख्यात गायक थे। अपने ओजस्वी व मधुर स्वर के जाने-माने प्रज्ञा-पुरुष थे। असाधारण प्रतिभावाले, अपनी अलग छवि बनानेवाले अद्‍भुत नटगायक थे। शास्त्रीय संगीत में उनकी गहरी पैठ थी। प्रचलित रागरूपों को वे पूरी शिद्दत के साथ अपने अलग अंदाज में पेश करते थे। शास्त्रीय संगीत की मजबूत बुनियाद के कारण ही वे रंगमंच पर ‘नाट्यगीत’ गायन में जलवे दिखा सके तथा अपनी अनोखी गायन शैली को प्रस्थापित कर सके। आज भी दीनानाथी गायन शैली का प्रभावशाली संगीत अपनी धाक जमाए हुए है तथा सर्वाधिक लोकप्रिय है।

मास्टर दीनानाथ एक ‘नाट्य निर्माता’, कई नाटकों को संगीत देनेवाले ‘संगीतकार’, अलौकिक प्रतिभासंपन्न ‘संगीतज्ञ’, नाटकों में प्रमुख भूमिकाएँ करनेवाले गायक नट, व्यासंगी, मूलगामी, विश्‍लेषक, विशिष्‍ट अवधारणा के आग्रही स्वतंत्रचेता शलाका-पुरुष थे। 

स्वरसम्राट् मास्टर दीनानाथ मंगेशकर के संगीतयम जीवन के विविध आयामों को बड़ी सरस-सुमधुर शैली में प्रस्तुत करती एक जीवनी जो न केवल गायकों, संगीतज्ञों तथा संगीत-प्रेमियों अपितु स्वर तथा संगीत के प्रति जिज्ञासु आम पाठकों के लिए भी अत्यंत ग्राह्य एवं पठनीय है। 

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अनुक्रम

दिल की बात  —Pgs. 12

दीनानाथ : अनुवंश —Pgs. 21

प्रस्ताविक—Pgs. 22

दीनानाथ का परिवार—Pgs. 24

दीनानाथ का चारित्रिक आलेख—Pgs. 30

लौकिक एवं कलात्मक व्यतित्व —Pgs. 39

दीनानाथ : संगीत की अनन्यता —Pgs. 117

नट गायक—Pgs. 118

दैवी आवाज—Pgs. 133

देवदा प्रतिभा—Pgs. 144

गहरा व्यासंग—Pgs. 146

वीर वृत्ति —Pgs. 159

पृथगात्मकता एवं प्रयोगशीलता —Pgs. 171

‘बळवंत’ का न्यारापन  —Pgs. 172

मेधावी संगीतकार  —Pgs. 175

बळवंत पिचर्स—Pgs. 193

पंथ मंगेशकरी—Pgs. 199

समापन—Pgs. 205

परिशिष्ट —Pgs. 223

1. भारतरत्न लता मंगेशकर—Pgs. 224

2. बाप छोटा था—हृदयनाथ मंगेशकर—Pgs. 234

3. ज्योतिषाचार्य मास्टर दीनानाथ—Pgs. 254

4. मास्टर दीनानाथ की भूमिकाओंवाले नाटक —Pgs. 260

5. मास्टर दीनानाथ के रिकॉर्ड—Pgs. 262

6. मास्टर दीनानाथ का आत्मकथन : मेरी प्रिय भूमिकाएँ —Pgs. 265

7. मंगेशी के ब्रह्मवृंदों का आशीर्वाद—Pgs. 269

8. संदर्भ सूची—Pgs. 270

The Author

Vandana Ravindra Ghangurde

शिक्षा : बी.ए., संगीत अलंकार, डॉक्टर ऑफ म्यूजिक, ‘मास्टर दीनानाथ मंगेशकर का संगीत एवं रंगमंच को योगदान’ विषय पर पी-एच.डी.।
कृतित्व : मराठी संगीत एवं रंगमंच की सफल गायिका-अभिनेत्री, ‘नादब्रह्म परिवार’ पुणे की संस्थापक, न्यासी, अध्यक्षा; अभिजात मराठी संगीत नाटकों का पुनरुत्थान, निर्मिति तथा मंचीय प्रस्तुति, विगत कई वर्षों से देश भर में विभिन्न प्रतिष्‍ठ‌ित क्षेत्रों में गायन तथा संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति।
सम्मान-पुरस्कार : दीनानाथ प्रतिष्‍ठान, मुंबई का ‘आनंदमयी पुरस्कार’, पुणे महानगर पालिका का ‘बालगंधर्व पुरस्कार’, अखिल भारतीय नाट्य परिषद् पुणे का ‘बलवंत पुरस्कार’।
संप्रति : संगीत विषय की अध्यापिका।

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