Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Sookar Utpadan Evam Prabandhan   

₹700

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Dr. Sant Kumar Singh , Dr. Hemant Kumar , Dr. Basant Kumar , Dr. Virendra Prasad Yadav , Dr. Archana Kumari
Features
  • ISBN : 9788177214215
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Dr. Sant Kumar Singh , Dr. Hemant Kumar , Dr. Basant Kumar , Dr. Virendra Prasad Yadav , Dr. Archana Kumari
  • 9788177214215
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2019
  • 288
  • Hard Cover

Description

सूकर पालन हमारे देश में मुख्य व्यवसाय के रूप में उभर रहा है, जिसकी लोकप्रियता दिन-प्रति-दिन बढ़ती ही जा रही है, परंतु सूकर पालन विज्ञान पर हिंदी में प्रामाणिक पुस्तकों का बहुत अभाव है। इस अभाव को देखते हुए यह पाठ्य-पुस्तक पशु विज्ञान के स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पी-एच.डी. छात्रों के साथ-साथ शोधकर्ता, पशु चिकित्सक एवं प्रगतिशील सूकर पालकों के लिए लिखी गई है। पुस्तक लिखने के क्रम में यह महसूस किया गया कि बहुत से हिंदी के तकनीकी शब्द कठिन हैं। इसलिए जगह-जगह पर कोष्ठक में अंग्रेजी शब्दों का व्यवहार किया गया है। इसके साथ ही अंत में चुने हुए तकनीकी हिंदी शब्दों के अंग्रेजी शब्द भी दिए गए हैं।
पुस्तक में सूकर पालन विज्ञान का परिचय एवं उनकी विकास-यात्रा के साथ-साथ उनकी जातियों, प्रजनन, आवास व्यवस्था, पोषण के मूल सिद्धांत, बीमारियाँ, कृत्रिम गर्भाधान प्रणाली, वैज्ञानिक रख-रखाव, सूकर उत्पाद का विपणन इत्यादि का सरल भाषा में विवेचन किया गया है। 
छात्रों, शिक्षकों एवं वैज्ञानिकों के साथ-साथ पशु-चिकित्सक, पैरा पशु चिकित्सक, विस्तार-कार्यकर्ता, परामर्शदाता, स्वयंसेवी संस्था, सूकर विकास से जुड़े अन्य पदाधिकारीगण इत्यादि के लिए भी पठनीय एवं अत्यंत उपयोगी पुस्तक।

__________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

अनुक्रम

प्रस्तावना —Pgs.  —Pgs. 5

भूमिका —Pgs.  —Pgs. 7

1. संक्षिप्त इतिहास (पृष्ठभूमि) —Pgs. 17

2. सूकर पालन से लाभ —Pgs. 26

3. सूकरों की जातियाँ/नस्लें —Pgs. 28-49

• जंगली सूकर —Pgs.

• अज्ञातकुल/नान डिसक्रिप्ट (देशी) —Pgs.

• विदेशी नस्ल —Pgs.

• उन्नत नस्ल के भारतीय सूकर —Pgs.

4. सूकरों की जननीय प्रणाली (रिप्रोड​क्टिव सिस्टम) —Pgs. 50-62

• सूकरियों के जनन अंग —Pgs.

• यौन परिपक्वता पर वातावरण का प्रभाव —Pgs.

• सूकरों में स्त्रीमद चक्र (इसट्रस साइकिल) —Pgs.

• डिंब (अंडाणु) का क्षरण —Pgs.

• निषेचन (फ​र्टिलाइजेशन) —Pgs.

• सूकरों में सगर्भता अवधि (जेस्टेसन पीरीयड) —Pgs.

• मातृत्व प्रवृत्ति (मेटरनल इंसीटोंक्ट) —Pgs.

• बच्‍चा देने के बाद प्रजनन —Pgs.

• नर का जननांग —Pgs.

• नर में यौन परिपक्वता की उम्र —Pgs.

• काममद का समकालीकरण (सीनक्रोनाइजेशन आॅफ इसट्रस) —Pgs.

• जनन (रीप्रोडक्शन) में हॉर्मोनों की महत्ता —Pgs.

• सभी हॉर्मोनों का परस्पर संतुलन —Pgs.

5. सूकरों में कृत्रिम गर्भाधान प्रणाली —Pgs. 63-69

• कृत्रिम गर्भाधान से लाभ —Pgs.

• कृत्रिम गर्भाधान विधि की सीमाएँ —Pgs.

• वीर्य एकत्र करना तथा उनका रक्षण (सीमेन कलेक्शन एवं ​ प्रिजर्वेशन) —Pgs.

• सूकरों में कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया —Pgs.

6. सूकरों में ऐच्छिक (दिन में) प्रसव —Pgs. 70

7. प्राप्य निष्पादन लक्ष्य पैमाना —Pgs. 72

8. सूकरों का प्रजनन —Pgs. 74-92

• गुण एवं परिमाणसूचक लक्षण —Pgs.

• विभिन्न प्रकार के सूकरों का चयन —Pgs.

• प्रजनन के लिए नर का चयन —Pgs.

• प्रजनन के लिए मादा का चयन —Pgs.

• पीठ पर वसा की मोटाई (बैक फैट ​ थिकनेस) नापने की विधि —Pgs.

• मांस वाले सूकर की कुछ विशेषताएँ —Pgs.

• सूकरों में प्रजनन की तकनीक —Pgs.

• सूकरों के कुछ गुणों की जीनी बनावट —Pgs.

• सूकरों के कुछ गुणों में सह-संबंधता (कोरीलेशन) —Pgs.

• चयन की विधियाँ —Pgs.

• व्यावसायिक सूकर उत्पादन की तकनीक —Pgs.

• क्रीस क्रॉसिंग प्रजनन तकनीक —Pgs.

• घूर्णनीय प्रजनन (रोटेशनल क्रॉसिंग) —Pgs.

• विपरीतांग प्रजनन (क्रॉस ब्रीडिंग) विधि —Pgs.

• अंतःप्रजनन संततियों का प्रजनन (मेटिंग आॅफ इनब्रेड लाइंस) —Pgs.

• अन्योन्य पुनरावर्ती चयन (रेसीप्रोकल रीकरेंट सेलेक्शन) —Pgs.

• सूकरों के कुछ आर्थिक गुण —Pgs.

9. सूकरों के आवास —Pgs. 93-105

• सूकर पालन की विभिन्न पद्धतियाँ —Pgs.

• नर सूकर कक्ष —Pgs.

• प्रसूति कक्ष —Pgs.

• विसुकी मादा एवं गिल्ट के लिए आवास —Pgs.

• स्तन्यमोचन के पश्चात् सूकरों के लिए आवास —Pgs.

• सूकरों के लिए अलगाव कक्ष (सेग्रीगेशन रूम) —Pgs.

• सूकर प्रक्षेत्र के लिए आवश्यक अन्य कक्ष —Pgs.

• पानी एवं मैले के निकासी की व्यवस्था —Pgs.

• स्थानीय सामानों से सस्ता आवास —Pgs.

• प्रतिकूल मौसम में आवास व्यवस्था —Pgs.

10. सूकर का पाचन तंत्र एवं पाचन क्रिया —Pgs. 106

11. सूकरों का आहार —Pgs. 111-137

• संतुलित आहार —Pgs.

• सूकर के आहार में विद्यमान विभिन्न पौष्टिक तत्त्वों का कार्य —Pgs.

• कार्बोहाइड्रेट —Pgs.

• लिपिड —Pgs.

• प्रोटीन —Pgs.

• छोटी उम्र में प्रोटीन की आवश्यकता —Pgs.

• खनिज लवण —Pgs.

• विटामिन —Pgs.

• जल —Pgs.  —Pgs.

• सूकरों को प्रतिजीवी (एंटीबायोटिक) खिलाना —Pgs.

• फीड एडिटिव्स —Pgs.

• सूकरों को प्रीबायोटिक एवं प्रोबियोटिक खिलाना —Pgs.

12. सूकरों के खानपान —Pgs. 138-147

• क्रीप राशन

• स्टार्टर राशन

• ग्रोवर राशन

• फिनीशर राशन

• विभिन्न उम्र के सूकरों के लिए पौष्टिक तत्त्वों की मात्रा

• खनिज मिश्रण बनाने के विधि

• विभिन्न प्रकार के सूकर आहारों की गणना

13. ग्रामीण क्षेत्रों में सूकर पालन —Pgs. 148

14. सूकरों का रख-रखाव एवं प्रबंधन —Pgs. 151-165

• सूकरों का नियंत्रण

• मादा सूकरों का रख-रखाव

• स्तन्यस्रवण (लैक्टेसन) के समय मादा का रख-रखाव

• नर सूकर का रख-रखाव

• सूकर के नवजात शावकों का रख-रखाव

• सूकरों का बधियाकरण (काॅन्स्ट्रेशन)

• अभिज्ञानता/पहचान (आइडेंटीफिकेशन) के लिए सूकर के बच्‍चों को चिह्न‍ित करना

• स्तन्यमोचन (वीनिंग)

• वृद्धिशील सूकरों का रख-रखाव

• मांस के लिए बेचे जानेवाले सूकरों का रख-रखाव

15. सूकरों की बीमारियाँ —Pgs. 166-205

• स्वस्थ एवं रोगी सूकरों की पहचान

• कीटाणु, विषाणु, परजीवी एवं कवक (फफूँद) जनित रोग

• सूकर ज्वर (स्वाइन फीवर) या हौग कलरा

• खुरहा-चपका रोग (फूट एंड माउथ डीजीज)

• सूकर चेचक/सूकर शीतला (स्वाइन पॉक्स)

• सूकर इनफ्लूएंजा

• कोष्ठकी स्फोटक ज्वर (वेसीक्युलर एक्जान्यीमा)

• मिथ्यारैबीज (स्यूडोरैबीज—Pseudo Rabies/Aujeskys’s Disease)

• फेफड़ा का प्रदाह (पी.पी.एल.ओ. यानी प्लूरोयूमोनिया सम सूक्ष्म जीव)

• आंत्र शोध कंप्लेक्स (इंटेराइटीस कंप्लेक्स)

• सूकर दस्त

• सूकर पेचिश

• संचरणशील जठरांत्र शोथ

• अन्य प्रकार के आंत्र शोध

• सूकरों में शोषकर नासा शोथ

• सूकर विषर्प

• जहरी बुखार/एंथेक्स

• ब्रुसेलोसिस

• क्षय रोग (यक्ष्मा/टी.बी.)

• एम.एम.ए. (मा) संलक्षण

• परजीवियों द्वारा सूकरों में होनेवाली बीमारियाँ

• आंतरिक परजीवी

• आँतों की बड़ी गोल कृमि (राउंडवर्म)

• फेफड़ा परजीवी

• फेफड़ा का पर्ण कृमि (फ्लूक वर्म)

• सूकरों में वृक्क कृमि (किडनी वर्म)

• आँतों के धागा कृमि

• सूकरों के काँटे ​ सिरवाले कृमि

• सूकरों के आंतरिक परजीवी के लिए कुछ दवाएँ

• बाह्य‍‍ परजीवी

• सूकरों की खाज (मेंज)

• सूकरों का यूका (लाइस)

• सूकरों में दाद (रिंग वर्म)

16. छोटी उम्र के सूकरों में होनेवाली बीमारियाँ —Pgs. 206

17. सूकरों में होनेवाली मिश्रित बीमारियाँ —Pgs. 210

18. सूकरों में तनाव के लक्षण (पोर्सीज स्ट्रेस सिंड्रोम या पी.एस.एस.) —Pgs. 214

19. पाराकीटोसिस —Pgs. 215

20. विशिष्ट संक्रमण से मुक्त सूकर (एस.पी.एफ.) —Pgs. 216

21. जूनोटिक रोग —Pgs. 217

22. सूकरों में सिस्टीसरकोसिस —Pgs. 219

23. आनुवं​शिक बीमारियाँ —Pgs. 222

24. पशुओं का वानस्पतिक औष​धीय उपचार —Pgs. 224

25. जीवन चक्र में अनिवार्य दवाइयाँ —Pgs. 228

26. सूकर एवं सूकर उत्पाद का विपणन —Pgs. 230-263

• स्वच्छ सूकर मांस उत्पादन

• सूकर मांस कट्स

• सूकरों के मांस से तैयार किए जाने वाले वि​भिन्न व्यंजन

• सूकर वध एवं मांस उत्पादन

• सूकरों का परिवहन (ट्रांसपोरटेशन)

• मांस के लिए जीवित सूकरों का मूल्यांकन एवं वर्गीकरण

• कटाई-छँटाई के बाद सूकर का वर्गीकरण

• पीठ पर वसा की गहराई मापने की विधि

• वध के पूर्व सूकरों की परीक्षा

• सूकरों के वध तथा उसके बाद की क्रिया

• सूकरों के वध के लिए व्यवहार में आनेवाले उपकरण

• वधशाला के उपजातों की उपयोगिता

• वध-गृह के उपजातों (बाइप्रोडक्ट) को हानि रहित करना तथा उनका निस्तारण (डिसपोजल)

• विभिन्न प्रकार के उपजातों (बाइप्रोडक्ट) का उपचार

• वध गृह के द्रव का निस्तारण

• अच्छिष्ट वेस्ट पानी के उपचार की विधि

• वध-गृह की बनावट तथा रख-रखाव

27. सूकर व्यवसाय के आर्थिक पहलू —Pgs. 264

28. एक दस मादा वाले सूकर प्रक्षेत्र के आय-व्यय का ब्योरा —Pgs. 269

29. दैनिक तकनीकी प्रबंध कौशल —Pgs. 272

30. समन्वित सूकर-सह-मछली पालन —Pgs. 274-280

• सूकर-सह-मछली पालन से लाभ

• सूकर-सह-मछली पालन की तैयारी

• तालाब में पालने योग्य मछलियाँ

• वि​भिन्न प्रकार के मछली के बीजों का संचय अनुपात

• जीरा संचय के बाद तालाब की देखभाल

शब्दावली —Pgs. 281

लेखकों के बारे में —Pgs. 286

The Author

Dr. Sant Kumar Singh

डॉ. संत कुमार सिंह
सेवानिवृत्ति के बाद भी विभिन्न अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय संगठनों (अंतरराष्ट्रीय पशुधन अनुसंधान संस्थान-ढ्ढरुक्त्रढ्ढ, झारखंड आदिवासी विकास समाज कल्याण विभाग, झारखंड राज्य आजीविका पदोन्नति समाज-छ्वस्रुक्कस्, असम का आरोहन वर्ल्ड विजन, नई दिल्ली का अफ्रीकी एशियाई विकास संघ, टाटा ट्रस्ट का सीनी इत्यादि) में पशुधन एवं पॉल्ट्री सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं। संगठनों के कार्यक्रमों को ग्रामीण स्तर पर सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने में मदद कर रहे हैं।

Dr. Hemant Kumar

डॉ. हेमंत कुमार
पशुपालन के क्षेत्र में अनुसंधान के अनेक कार्य किए तथा कुल 12 अनुसंधान पत्रिकाएँ प्रकाशित हैं। 2017 में डॉ. कुमार को सोसाइटी फॉर बायोइन्फॉरमेटिक्स ऐंड बायोलॉजिकल साइंसेज ने सर्वश्रेष्ठ प्रसार वैज्ञानिक के पुरस्कार से नवाजा।

Dr. Basant Kumar

डॉ. बसंत कुमार
पशु प्रजनन एवं आनुवंशिकी विषय में स्नातक तथा राँची पशु चिकित्सा महाविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त कीं। राज्य स्तर पर पशुधन विकास योजना बनाने में भी जुड़े। राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर की पत्रिकाओं में 10 लोकप्रिय शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं।

Dr. Virendra Prasad Yadav

डॉ. वीरेंद्र प्रसाद यादव
बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय, पटना से स्नातक की डिग्री, फिर भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन। बिहार के विभिन्न जिलों में जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत रहे। वर्तमान में बिहार सरकार में विशेष सचिव के पद पर हैं।

Dr. Archana Kumari

डॉ. अर्चना कुमारी
सहायक प्राध्यापक, सह कनीय वैज्ञानिक, पशु शल्य चिकित्सा, विकिरण विभाग, बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय, पशु शल्य चिकित्सा एवं विकिरण में पी-एच.डी.।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW