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Loksahitya Mein Rashtriya Chetna   

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Author Dr. Shanti Jain
Features
  • ISBN : 9789386054418
  • Language : Hindi
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More Information

  • Dr. Shanti Jain
  • 9789386054418
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2017
  • 320
  • Hard Cover

Description

‘लोकसाहित्य में राष्ट्रीय चेतना’ एक व्यापक और प्रभावशाली विषय है, साथ ही यह आज की पीढ़ी के लिए अतीत का एक आईना भी है, जिसपर पड़ी हुई गर्द को हटाना अपेक्षित है और अनिवार्य भी।
इस पुस्तक में लोकगीतों में राष्ट्रीय चेतना विविध रूपों में चित्रित है। कहीं तिरंगे झंडे की लहर है, कहीं चरखे का स्वर है, कहीं मातृभूमि की महिमा का गुणगान है, तो कहीं देश पर मर-मिटने का अरमान है। कहीं सीमा पर जाकर लड़ने का आह्वान है, कहीं देश का प्रहरी बनने का निमंत्रण है। इस क्रम में नारियों का त्याग और बलिदान भी बेमिसाल है।
डॉ. शांति जैन ने इस पुस्तक में लोकसाहित्य से जुड़ी प्रायः सभी विधाओं को समेकित किया है। इन्होंने राष्ट्रीय गौरव और आत्मसम्मान जगानेवाले साहित्यकारों, कवियों, गीतकारों के विचारों और रचनाओं को भी उद्धृत किया है, जिन्होंने गुलामी की जंजीरों को तोड़ने और भारतमाता को स्वतंत्र करने के लिए आम लोगों को जगाया। यह पुस्तक आज और कल की पीढ़ी को स्वाधीनता आंदोलन से अवगत कराने में सार्थक भूमिका निभाएगी।

The Author

Dr. Shanti Jain

जन्म : 04 जुलाई, 1946।
शिक्षा : एम.ए. (संस्कृत एवं हिंदी), पी-एच.डी., डी.लिट्., संगीत प्रभाकर। आकाशवाणी, दूरदर्शन की कलाकार एवं कवयित्री, अवकाश प्राप्त प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष (संस्कृत), एच.डी. जैन कॉलेज, आरा।
रचना-संसार : एक वृत्त के चारों ओर, हथेली का आदमी, हथेली पर एक सितारा (काव्य); पिया की हवेली, छलकती आँखें, धूप में पानी की लकीरें, साँझ घिरे लागल, तरन्नुम, समय के स्वर, अँजुरी भर सपना (गजल, गीत-संग्रह); अश्मा, चंदनबाला (प्रबंधकाव्य); चैती (पुरस्कृत), कजरी, ऋतुगीत : स्वर और स्वरूप, व्रत और त्योहार : पौराणिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, उगो हे सूर्य, लोकगीतों के संदर्भ और आयाम (पुरस्कृत), बिहार के भक्तिपरक लोकगीत, व्रत-त्योहार कोश, तुतली बोली के गीत (लोकसाहित्य); वसंत सेना, वासवदत्ता, कादंबरी, वेणीसंहार की शास्त्रीय समीक्षा (क्लासिक्स); एक कोमल क्रांतिवीर के अंतिम दो वर्ष (डायरी)।
पुरस्कार-सम्मान : संगीत नाटक अकादमी सम्मान राष्ट्रपति द्वारा, ‘राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान’,  के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा ‘शंकर सम्मान’, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘नेशनल सीनियर फेलोशिप’,  ऑल इंडिया रेडियो का ‘राष्ट्रीय सम्मान’। ‘चैती’ पुस्तक के लिए बिहार सरकार का राजभाषा सम्मान, कलाकार सम्मान।

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