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Kanoon Tatha Aaspass Ghatit Honewale Apradh   

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Author Vijay Sonkar Shastri
Features
  • ISBN : 9789351866183
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1 st
  • ...more

More Information

  • Vijay Sonkar Shastri
  • 9789351866183
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1 st
  • 2016
  • 72
  • Hard Cover

Description

आस-पास होनेवाले अपराध को नियंत्रित करने के लिए भारतीय दंड संहिता को एक हथियार के रूप में प्रयोग किया जाता है। भारतीय दंड संहिता की धाराओं को दुरूह समझकर प्रायः लोग उससे दूरी बना लेते हैं। कानूनी धाराओं एवं उनके उल्लंघन के उपरांत उसके लिए निर्धारित दंड का यदि प्रत्येक नागरिक को ज्ञान हो जाए तो संभावित अपराधों पर नियंत्रण किया जा सकता है।
प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय दंड संहिता की विविध धाराओं का सरल, सरस एवं स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। इस पुस्तक का वास्तविक उद्देश्य है कि हमारे देश का प्रत्येक नागरिक सरलता से भारतीय दंड संहिता को समझ सके। इस पुस्तक में साधारण घटनाओं एवं काल्पनिक कहानियों के साथ कार्टून चित्रों के माध्यम से कानून की अनेकों धाराओं को आकर्षक ढंग से दरशाया गया है।
वास्तव में कानून का ज्ञान कराना लोकतांत्रिक एवं सामाजिक सीमा में अपने देश के नागरिकों के मौलिक अधिकार के हित-संरक्षण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम माना जा सकता है। ‘कानून का अधिकार’ नामक एक जन-अभियान के माध्यम से कानून का ज्ञान कराना इस पुस्तक का प्रमुख लक्ष्य है।

The Author

Vijay Sonkar Shastri

डॉ. विजय सोनकर शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश में वाराणसी जनपद में हुआ।
काशी हिंदू विश्‍वविद्यालय से बी.ए., एम.बी.ए., पी-एच.डी. (प्रबंध शास्त्र) के साथ ही संपूर्णानंद संस्कृत विश्‍वविद्यालय से शास्त्री की उपाधि प्राप्‍त। बाल्यकाल से ही संघ की शाखाओं में राष्‍ट्रोत्थान एवं परमवैभव के भाव से परिचित डॉ. शास्त्री की संपूर्ण शिक्षा-दीक्षा काशी में हुई।
तीन जानलेवा बीमारियों के बाद पूर्णरूपेण स्वस्थ हुए डॉ. शास्त्री ने प्रकृति के संदेश को समझा। हिंदू वैचारिकी और हिंदू संस्कृति को आत्मसात् कर राजनीति में प्रवेश किया और लोकसभा सदस्य बने। सामाजिक न्याय एवं सामाजिक समरसता के पक्षधर डॉ. सोनकर शास्त्री को राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार का अध्यक्ष भी नियुक्‍त किया गया।
देश एवं विदेश की अनेक यात्राएँ कर डॉ. शास्त्री ने हिंदुत्व के प्रचार-प्रसार में अपनी भूमिका को सुनिश्‍च‌ित किया तथा मानवाधिकार, दलित हिंदू की अग्नि-परीक्षा, हिंदू वैचारिकी एक अनुमोदन, सामाजिक समरसता दर्शन एवं अन्य अनेक पुस्तकों का लेखन किया। विश्‍वमानव के ‘सर्वोत्तम कल्याण की भारतीय संकल्पना’ को चरितार्थ करने का संकल्प लेकर व्यवस्था के सभी मोरचा पर सतत सक्रिय एवं वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।

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