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Cyber Encounters: Cops' Adventures with Online Criminals—Hindi Version (साइबर एनकाउंटर्स)   

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Author O.P. Manocha , Ashok Kumar, IPS
Features
  • ISBN : 9789390372409
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • O.P. Manocha , Ashok Kumar, IPS
  • 9789390372409
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2023
  • 216
  • Soft Cover
  • 250 Grams

Description

जैसे-जैसे तकनीक विकसित हुई, वैसे-वैसे अपराध ने भी तरक्की कर ली। डिजिटल तकनीकें अपने साथ ऑनलाइन किए जानेवाले अनेक अपराधों को लेकर आई हैं, जिनमें भोले-भाले लोगों से करोड़ों रुपए ठगे जाते हैं, नकली वेबसाइटों पर झूठे विज्ञापनों का झाँसा दिया जाता है, पेमेंट गेटवे के माध्यम से संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने के लिए उकसाया जाता है, और उन ऐप्स को डाउनलोड कराया जाता है, जिससे दूर बैठे अपराधी उनके उपकरण तक अपनी पहुँच बना लेते हैं। क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से लेकर फिशिंग तक की यह सूची अंतहीन है।

‘साइबर एनकाउंटर्स’ पुस्तक साइबर अपराध की गहराइयों में जाकर बारह रोचक कहानियाँ आपके समक्ष प्रस्तुत करते हैं। उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार राज्य में साइबर अपराध के विरुद्ध योजनाबद्ध लड़ाई लडऩे का अनुभव रखते हैं, और ओ.पी. मनोचा डी.आर.डी.ओ. के पूर्व वैज्ञानिक हैं। दोनों हर कहानी में एक खास किस्म के साइबर अपराध के बारे में बताते हैं, जो एक सच्ची घटना पर आधारित होती है।

अपराध, उसकी जाँच और अपराधियों की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी से भरपूर, आँखें खोल देनेवाली यह पुस्तक सभी को अवश्य पढऩी चाहिए।

The Author

O.P. Manocha

ओ. पी. मनोचा भौतिकी (इलेक्ट्रॉनिक्स) में पोस्ट ग्रैजुएट हैं और उन्हें रक्षा मंत्रालय के अनुसंधान विंग डी.आर.डी.ओ. में काम करने का पैंतीस साल का अनुभव है, जहाँ उन्होंने विभिन्‍न रक्षा परियोजनाओं को धरातल पर उतारा।

विभिन्‍न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पत्रिकाओं तथा सम्मेलनों में उनकी छह कृतियाँ प्रकाशित हैं, जिनमें डिफेंस साइंस जर्नल, इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ इमेज इन्फॉर्मेशन प्रोसेसिंग और इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एडवांसेज इन कंप्यूटर साइंस की काररवाइयाँ शामिल हैं।

वे इंस्टीट्यूशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर्स के लाइफ फेलो हैं और कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया तथा इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग के आजीवन सदस्य हैं। वह IETE, देहरादून चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष हैं।

वह वर्ष 2018 में डी.आर. डी.ओ. से सेवानिवृत्त हुए, जहाँ वैज्ञानिक 'जी' के रूप में काम कर रहे थे और फिर यात्रा और लेखन के अपने शौक को आगे बढ़ाया। वे एक धावक, साइकिल चालक, प्रकृति-प्रेमी, योग-चिकित्सक और कवि हैं। वे टाइम्स ऑफ इंडिया में सक्रीय ब्लॉगर भी है।

Ashok Kumar, IPS

अशोक कुमार ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) दिल्‍ली से बी.टेक. और एम.टेक. की पढ़ाई की। वह वर्ष 1989 में आई.पी.एस. में शामिल हुए और यू.पी. तथा उत्तराखंड में विभिन्‍न चुनौतिपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्होंने प्रतिनियुक्ति के आधार पर सी.आर. पी.एफ. और बी.एस.एफ. में भी काम किया है।

वर्तमान में वे पुलिस महानिदेशक (डी.जी.पी. ), उत्तराखंड के रूप में तैनात हैं। इस कार्यभार से पहले उन्होंने खुफिया और सुरक्षा प्रमुख के रूप में काम किया और उत्तराखंड के महानिदेशक ( डी.जी. ) कानून और व्यवस्था भी रहे।

संकटग्रस्त कोसोवो में सेवा के लिए उन्हें साल 2001 में संयुक्त राष्ट्र पदक मिला। वर्ष 2006 में उन्हें सराहनीय सेवा के लिए भारतीय पुलिस पदक और 2013 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।

उन्होंने अनोखे विचारों से पूर्ण 'ह्यूमन इन खाकी' ( खाकी में इनसान ) नाम की पुस्तक लिखी है, जिसे बी.पी.आर. एंड डी. और गृह मंत्रालय की ओर से जी. बी. पंत पुरस्कार दिया गया है। उन्होंने एक और प्रसिद्ध पुस्तक, चैलेंजेज़ टू इंटरनल सिक्योरिटी ऑफ इंडिया भी लिखी है।

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