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Bharatiya Senadhyakshon Ka Prerak Jeevan   

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Author A.K. Shori
Features
  • ISBN : 9789351869726
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
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More Information

  • A.K. Shori
  • 9789351869726
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2018
  • 168
  • Hard Cover

Description

निस्संदेह भारतीय सेना विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है। हमारा आयुधागार, हमारी सामरिक क्षमता, हमारी परमाण्विक सामर्थ्य, हमारा सैन्य कौशल और हमारी रेजीमेंट्स की वीरता विश्व स्तर पर हमें यदि सर्वश्रेष्ठ नहीं तो सर्वश्रेष्ठ से कम भी नहीं बनाती हैं। स्वतंत्रता के अनंतर भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ 1948, 1965, 1971, फिर कारगिल में भी तीन युद्ध जीते हैं।
इन सभी युद्धों में एक विशेष तथ्य सामने आया, जो भारत की शांतिप्रिय राष्ट्रीयता का परिचायक भी है कि इनमें से कोई भी युद्ध भारत के द्वारा शुरू नहीं किया गया था। दूसरे शब्दों में कहें तो ये सभी युद्ध भारत पर थोपे गए थे। भारतीय सेनाध्यक्षों ने हर युद्ध में अपने सैन्य कौशल का श्रेष्ठ परिचय दिया और भारत के शौर्य व स्वाभिमान की लाज रखी। 
युद्ध तथा शांतिकाल, दोनों में ही अपनी अद्भुत कार्यक्षमता, नेतृत्व-कौशल और अनुपम आदर्शों से उन्होंने भारतीय थलसेना के जवानों और अधिकारियों का हौसला बुलंद किया, उन्हें सदा प्रेरित किया तथा भारवासियों को सदा आश्वस्त किया कि हमारी सीमाएँ और हम भारतीय सुरक्षित हैं।
भारतीय सेनाध्यक्षों का प्रामाणिक जीवनवृत्त प्रस्तुत करती पुस्तक, जिसे पढ़कर न केवल भारतीय सेना के प्रति हमारा सम्मान बढ़ेगा वरन् उसके शौर्य और पराक्रम से हम प्रेरित भी होंगे ।

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अनुक्रम

प्रस्तावना — Pgs. 5

1. भारतीय सेना की पृष्ठभूमि — Pgs. 11

2. ब्रिटिश-भारतीय सेना—परिचय — Pgs. 13

3. ब्रिटिश-भारतीय सेना—स्थापना — Pgs. 14

4. सिपाही विद्रोह और मंगल पांडे  — Pgs. 16

5. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम और भारतीय सेना का जन्म — Pgs. 18

6. सेना की उत्पत्ति का सामुदायिक आधार — Pgs. 20

7. सेना का सामयिक परिवर्तन  — Pgs. 21

8. प्रारंभ से स्वतंत्रता तक — Pgs. 22

9. लॉर्ड किचनर द्वारा सेना में सुधार — Pgs. 23

10. सेना की कमान एवं अधिकारी — Pgs. 24

11. सेना के कमीशन अधिकारी  — Pgs. 26

12. सेना में वैकल्पिक भरती — Pgs. 27

13. कार्यकारी इतिहास—प्रेसिडेंसी सेनाएँ — Pgs. 28

14. कार्यकारी इतिहास—भारतीय सेनाएँ — Pgs. 30

15. भारतीय सेना—उत्तरदायित्व  — Pgs. 31

16. प्रथम विश्वयुद्ध का दौर  — Pgs. 33

17. प्रथम विश्वयुद्ध और भारतीय सेना — Pgs. 37

18. द्वितीय विश्वयुद्ध का दौर  — Pgs. 39

19. द्वितीय विश्वयुद्ध और भारतीय सेना — Pgs. 41

20. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद स्थिति — Pgs. 44

21. प्रथम भारत-पाक युद्ध — Pgs. 45

22. द्वितीय भारत-पाक युद्ध  — Pgs. 47

23. भारत-चीन युद्ध — Pgs. 49

24. कारगिल युद्ध — Pgs. 51

25. विजय-दिवस — Pgs. 53

26. भारतीय सेनाध्यक्ष — Pgs. 55

27. जनरल सर मैकग्रेगर मेकडोनाल्ड लोखार्ट  — Pgs. 58

28. जनरल सर फ्रांसिस रॉबर्ट रॉय बूचर — Pgs. 60

29. फील्डमार्शल कोदनदरा मदप्पा करियप्पा  — Pgs. 63

30. जनरल महाराज राजेंद्र सिंहजी जडेजा  — Pgs. 67

31. जनरल सत्यवंत मल्लान्नह श्रीनागेश — Pgs. 72

32. जनरल कोदनदरा सुबैया थमैया — Pgs. 75

33. जनरल प्राणनाथ थापर  — Pgs. 80

34. जनरल जोयंतो नाथ चौधरी — Pgs. 83

35. जनरल परमाशिवा प्रभाकर कुमारमंगलम  — Pgs. 87

36. फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ — Pgs. 90

37. जनरल गोपाल गुरुनाथ बेवूर — Pgs. 94

38. जनरल तपिश्वर नारायण रैना — Pgs. 98

39. जनरल ओम प्रकाश मल्होत्रा — Pgs. 101

40. जनरल कोटिकलपूरी वेंकट कृष्णा राव — Pgs. 104

41. जनरल अरुण कुमार श्रीधर वैद्य — Pgs. 106

42. जनरल कृष्णास्वामी सुंदरजी — Pgs. 109

43. जनरल विश्वनाथ शर्मा  — Pgs. 112

44. जनरल सनिथ फ्रांसिस रॉड्रिक्स — Pgs. 116

45. जनरल बिपिन चंद्र जोशी — Pgs. 119

46. जनरल शंकर रॉय चौधरी — Pgs. 122

47. जनरल वेद प्रकाश मलिक — Pgs. 124

48. जनरल सुंदरराजन पद्मनाभन — Pgs. 128

49. जनरल निर्मल चंद विज — Pgs. 131

50. जनरल जोगिंदर जसवंत सिंह — Pgs. 135

51. जनरल दीपक कपूर — Pgs. 140

52. जनरल विजय कुमार सिंह — Pgs. 144

53. जनरल बिक्रम सिंह  — Pgs. 147

54. जनरल दलबीर सिंह सुहाग — Pgs. 150

55. स्वतंत्रता पूर्व के ब्रिटिश भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ  — Pgs. 164

The Author

A.K. Shori

मेजर जनरल ए.के. शोरी भारतीय डाक सेवा के 1982 बैच के अधिकारी हैं, गत 22 वर्षों तक वे सेना डाक सेवा कोर में कार्यरत रहे। संप्रति चीफ पोस्टमास्टर जनरल, हिमाचल प्रदेश डाक परिमंडल के रूप में भारग्रहण करने से पूर्व सेना डाक सेवा कोर के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में कार्य कर रहे थे। इन्होंने भारत और विदेशों में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों/पाठ्यक्रमों में भाग लिया है। अभी तक चार पुस्तकें लिखीहैं। हाल ही में इनकी चौथी पुस्तक ‘वाय आर वी लाइक दिस’ का विमोचन हि.प्र. विश्वविद्यालय के उपकुलपति ने किया।
प्रस्तुत पुस्तक अंग्रेजी में लिखित ‘द सेवन शेड्स ऑफ रामा’ का हिंदी अनुवाद है, जो श्रीराम के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर जनमानस के हृदय-परिवर्तन का एक प्रयास है।
जनरल शोरी की अध्यात्म में गहरी रुचि है, हमेशा नया सीखते रहने का उत्साह है, साथ ही एक कुशल खिलाड़ी तथा विचारक के रूप में इनकी विशिष्ट पहचान है।

 

 

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