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Shri Mohanlal Upadhyaya

Shri Mohanlal Upadhyaya

श्री मोहनलाल उपाध्याय का जन्म 21 मई, 1920 को लोहई (मथुरा) में हुआ था। उनके पिताजी पं. नंनदकिशोर उपाध्याय एक विद्यालय में हेडमास्टर थे। मोहनलाल जी बाल्यकाल से ही अध्ययनशील और मेधावी थे। उन्होंने संस्कृत और अंग्रेजी में एम.ए. की डिग्रियाँ अर्जित कीं। वे उत्तर प्रदेश के जाने-माने शिक्षाविद् रहे और लंबे समय तक राजकीय इंटर कॉलेजों में अंग्रेजी के प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। वर्ष 1980 में अलीगढ़ के राजकीय इंटर कॉलेज से अवकाश प्राप्त किया।
कई वर्षों के शोध के उपरांत अपना प्रथम उपन्यास 'अतीत के अंतराल प्रकाशित किया। इसके अतिरिक्त एक और उपन्यास 'प्रणय वीणा' भी प्रकाशित हो चुका है। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने ‘अतीत के अंतराल के लिए 'सर्जना पुरस्कार' तथा 'प्रणय वीणा' के लिए बाबू प्रेमचंद पुरस्कार' प्रदान किए। सन् 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इन उपन्यासों पर लेखक को एक प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था।

Books by Shri Mohanlal Upadhyaya