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Dr. Rahul

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राष्ट्रवादी यशस्वी कवि-आलोचक डॉ. राहुल हिंदी-भाषा-साहित्य के अध्येता हैं। कविता, कहानी, उपन्यास, आलोचना पर अब तक इनकी 65 कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें ‘महानायक-सुभाष’, ‘जंगल होता शहर’, ‘कहीं अंत नहीं’ एवं उत्तर रामकथा से संबद्ध ‘युगांक’ (प्रबंध-काव्य) बहुचर्चित हैं। ‘युगांक’ को लोकार्पित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने कहा था—‘इसमें राष्ट्रीय चेतना का प्रबल स्वर है, इससे हमारी सामाजिक-सांस्कृतिक एकता भी मजबूत होती है।’

इनके अलावा ‘महाभारत’, ‘रामायण’ और ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ की मूलकथा (दो खंड), भूमिका लेखक सुप्रसिद्ध साहित्य- मनीषी एवं सांसद डॉ. कर्ण सिंह, संपादित कृतियाँ ‘20वीं सदी : हिंदी की मानक कहानियाँ’ (चार खंड) और ‘20वीं सदी : हिंदी के मानक निबंध’ (दो खंड)। आलोचनात्मक ग्रंथ प्रसाद के ‘मानक गीत’, ‘गिरिजाकुमार माथुर : काव्यदृष्टि और अभिव्यंजना’ तथा ‘शमशेर और उनकी कविता’ विशेष उल्लेखनीय हैं।

डॉ. राहुल (राममोहन श्रीवास्तव) का जन्म 2 अक्तूबर, 1952 में उत्तर प्रदेश, वाराणसी के खेवली गाँव में हुआ। हिंदी अकादमी, दिल्ली एवं देश की अन्य अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित।

संपर्क : साहित्य कुटीर, साइट-2/44, विकासपुरी, नई दिल्ली-110 018

मोबाइल : 09289440642

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