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"यारी, यायावरी और अल्हड़पन। अकसर कुछ इसी तरह हम अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हैं। पर जो युवा बहुवांछित भारतीय सिविल सेवाओं में जाने के लिए तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए कॉलेज की जिंदगी में एक परत और जुड़ जाती है। ‘आरोही’ तीन ऐसे ही युवाओं— मिहिर, उदय और संदीप—के इर्द-गिर्द घूमती कहानी है, जो सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने का संकल्प लेकर एक साथ निकले हैं। गंभीर और जुनूनी मिजाज के मिहिर की आँखों से कहानी देखते हुए हम पाते हैं कि यह पुस्तक कॉलेज की जिंदगी, दोस्ती, रोमांस, घर से निकलकर एक नए माहौल में ढलने का सफर साझा करती है, साथ ही यह दरशाती है कि धर्म और लिप्सा, प्रेम और वासना के बीच सामंजस्य का रास्ता कितना दुष्कर हो सकता है। मिश्रित मानवीय भावनाओं को चित्रित करने के लिए तीन प्रतीकों का बखूबी इस्तेमाल किया गया है— ‘मोनालिसा’, ‘सोम’ और ‘शिव’।
‘आरोही’ एक जिंदादिल तिकड़ी के आपसी तालमेल की एक चित्ताकर्षक कहानी है, जो आपको संकल्प के ऐसे सफर पर ले जाएगी, जहाँ युवा परिपक्व होकर पुरुष और छात्र संघर्ष में ढलकर सिविल सेवा अधिकारी बनते हैं। यह पुस्तक हमें यह भी बताती है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान क्या नहीं करना चाहिए। जीवन की वास्तविकताओं के बीच से गुजरते हुए, यह बहुपरती उपन्यास व्यावहारिक फलसफे से भी रूबरू कराता हैं, जो आकांक्षी युवाओं को जीने का सलीका सिखाएगा और उनका मार्ग सूची-पत्रों के लिए प्रशस्त करेगा।
जन्म : 1966 में आरा (बिहार) के संदेश थाने के तीर्थकौल गाँव में।
शिक्षा : एम.ए. राजनीति विज्ञान।
कृतियाँ : सन् 2000 में ‘परिदृश्य के भीतर’ और सन् 2006 में ‘ग्यारह सितंबर और अन्य कविताएँ’ कविता-संग्रह प्रकाशित। कविता की आलोचना पर ‘कविता का नीलम आकाश’ तथा कैंसर पर एक किताब शीघ्र प्रकाश्य। देश की तमाम हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में कविता, कहानी, समीक्षा और आलेखों का नियमित प्रकाशन।
कॉलम : ‘दैनिक अमर उजाला’ में 1997-1999 के बीच साप्ताहिक कॉलम ‘बिहार : तंत्र जारी है’ का लेखन।
ब्लॉगिंगः पिछले चार सालों से ‘कारवाँ’ ब्लॉग का संचालन, संपादन। इसके अलावा आधा दर्जन ब्लॉग।
संपादन : द्वैमासिक साहित्यिक लघु पत्रिका ‘संप्रति पथ’ का दो वर्षों
2005-07 तक संपादन। त्रैमासिक ‘मनोवेद’ में 2007 से कार्यकारी संपादक के रूप में कार्य।
सम्मान : सन् 2000 में ‘परिदृश्य के भीतर’ के लिए पटना पुस्तक मेले का ‘विद्यापति सम्मान’।
संपर्क : kumarmukul07@gmail.com