Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Rajee Seth ki lokpriya kahaniyan   

₹250

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Rajee Seth
Features
  • ISBN : 9789351868972
  • Language : Hindi
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Rajee Seth
  • 9789351868972
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2016
  • 176
  • Hard Cover

Description

एक-एक वाक्य बोलता हुआ...बाहर से भीतर और फिर भीतर से बाहर की ओर लौटने की प्रक्रिया प्रभावशाली, गहरी।...स्थिति चित्रण करती हुई राजी की ये कहानियाँ उससे ऊँची उठ जाती हैं। उनमें एक विशिष्ट कहानीपन आ जाता है।
—भीष्म साहनी
राजी की कहानियों में लेखकीय अनुभव की जो संजीदगी, जो थिरायापन व्याप्त रहता है, वह आवेग में बुद्धि के अनुबंध से पैदा हुआ है। कहानी में कोई अनुभव, कोई विचार कच्चे माल की तरह, हड़बड़ी में, अनपके, अधपके रूप में नहीं आता। सबकुछ अंततः पुख्ता, प्रौढ़ा, तराशा हुआ...।
—डॉ. निर्मला जैन
अच्छी कहानी किसे कहते हैं, इस बारे में राजी सेठ की कहानियाँ कुछ मौलिक सवाल उठाती हैं। अनुभव से अर्थ तक पहुँचने की यात्रा इन्हें विशिष्ट बनाती है।
—राजेंद्र यादव
कमल की तरह आकंठ अनुभव में डूबी राजी की रचना संकेतों के आकाश में खुलती है या यह अनुभव कराती है कि अपने पैरों पर खड़ा व्यक्ति कितने आकाशों को देख सकता है।
—डॉ. प्रभाकर श्रोत्रिय
——1——
हिंदी की यशस्वी लेखिका राजी सेठ ने अपनी हृदयस्पर्शी तथा सामाजिक चेतना जाग्रत् करनेवाली कहानियों से पाठकों के बीच अपना विशिष्ट स्थान बनाया है। प्रस्तुत है उनकी लोकप्रिय कहानियों का पठनीय संकलन।

____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

अनुक्रम

कुछ मनोगत — Pgs. 7

1. अंधे मोड़ से आगे — Pgs. 13

2. उसका आकाश — Pgs. 22

3. मीलों लंबा पुल — Pgs. 32

4. अनावृत कौन — Pgs. 45

5. दूसरी ओर से — Pgs. 60

6. तुम भी...? — Pgs. 78

7. नगर-रसायन — Pgs. 92

8. उतनी दूर — Pgs. 104

9. आमने-सामने — Pgs. 116

10. यात्रा-मुक्त — Pgs. 126

11. पासा — Pgs. 147

12. अमूर्त कुछ — Pgs. 153

13. गमे-हयात ने मारा — Pgs. 165

The Author

Rajee Seth

राजी सेठ
जन्म : 1935, नौशेहरा (अविभाजित भारत)।
शिक्षा : एम.ए (अंग्रेजी) : विशेषाध्ययन (तुलनात्मक धर्म तथा भारतीय दर्शन)।
रचना-संसार : तत-सम; निष्कवच  (उपन्यास), अंधे मोड़ से आगे, तीसरी हथेली, यात्रामुक्त, दूसरे देशकाल में, यह कहानी नहीं, सदियों से, किसका इतिहास, गमे हयात ने मारा, मार्था का देश, खाली लिफाफा (कहानी-संग्रह)। देशीय-विदेशीय लेखकों के हिंदी अनुवाद के अतिरिक्त रिल्के के 100 पत्रों का अनुवाद।
पुरस्कार-सम्मान : हिंदी अकादमी शिखर सम्मान, भारतीय भाषा परिषद् पुरस्कार, अनंत गोपाल शेवड़े हिंदी पुरस्कार, हिंदीतर भाषी लेखक पुरस्कार, संसद् साहित्य परिषद् सम्मान, वाग्मणि सम्मान, अंतरराष्ट्रीय प्रथम टैगोर लिटरेचर अवार्ड। फैलो, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला।
संपर्क :  एम-16, साकेत, नई दिल्ली। 
फोन : 011-29562232/29563256 
इ-मेल : rajeeseth22@gmail.com

 

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW