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Savistar Hindi Gita   

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Author Acharya Ratnakar
Features
  • ISBN : 9788173154775
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Acharya Ratnakar
  • 9788173154775
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2007
  • 156
  • Hard Cover
  • 300 Grams

Description

श्रीमद्भगवद्गीता में सात सौ श्लोक और अठारह अध्याय हैं। गीता का एक भी श्लोक यदि भलीभाँति समझ लिया जाय और यथार्थ जीवन में उसपर आचरण किया जाय तो उससे मनुष्य की प्रत्येक समस्या का समाधान हो सकता है, फिर चाहे वह भारत में रहता हो या कहीं विदेश में। यही कारण है कि श्री गीताजी का संसार की एक सौ भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। ‘सविस्तार हिंदी गीता’ श्री गीता का अनुवाद मात्र ही नहीं है, इसमें गीता के सरल पद्यानुवाद के साथ ही स्थान-स्थान में महत्त्वपूर्ण वृत्त मिलाकर अनुवाद को विस्तारित किया गया है। ज्ञान के हेतु से इस विवरण में श्री गीता की यथोचित पार्श्व भूमिका दी गई है; उसके मुख्य पात्रों का परिचय एवं उसका महाभारतीय इतिहास स्पष्ट किया गया है; गीता के विशेष शब्दों की सरल व्याख्याएँ दी गई हैं; योग्य स्थानों में उपयुक्त जानकारियाँ दी गई हैं; गहन पदों को स्पष्ट करने हेतु पर्यायवाची एवं विस्तारपूर्वक पद्य भी जोड़े गए हैं; और इष्ट स्थानों में विषयों की प्रस्तावना व टीका की गई है।

The Author

Acharya Ratnakar

रत्‍नाकर का नागपुर में जन्म हुआ। उन्होंने नागपुर विश्‍वविद्यालय के से विज्ञान में स्नातक और पुणे विश्‍वविद्यालय से स्नातकोत्तर तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (आई.आई.टी.), खड़गपुर से पी-एच.डी. किया। कालीदास संस्कृत विश्‍वविद्यालय द्वारा आचार्य की मानक उपाधि से सम्मानित। कविता, भारतीय संस्कृति, साहित्य और इतिहास में उनकी गहरी रुचि है। कंप्यूटर, मुद्राशास्‍द्घ, चित्रकारी और अध्ययन उनके शौक हैं। उनकी सद्य: प्रकाशित ‘गीता ज्ञान कोश’ डी.लिट. की उपाधि के लिए कवि-कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्‍वव‌ि‍द्यालय में प्रस्तुतत की गई सामग्री का अंश है। अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में उनकी आनेवाली पुस्तकें ‘भारतीय इतिहास’, ‘गीता’ और शब्दकेश- निर्माण जैसे विषयों पर हैं। उनकी अन्य कृतियाँ हैं— ‘हिंदी फॉर इंगलिश स्पीकिंग पीपल’ (इंडियन कल्चरल एडीशन तथा इंटरनेशनल एडीसन), ‘संस्कृत फॉर इंगलिश स्पीकिंग पीपल’, ‘आत्म-गीता’ (संस्कृत-अंग्रेजी), ‘गीता दर्शन, खंड-1, 2’ (मराठी), ‘गीतेच शब्दकोश’ (मराठी), ‘ए क्रीटिकल ट्रीटाइज ऑन दि गीता’ (खंड-1,2)। ‘ए ग्रामेटिकल डिक्‍‍शनरी ऑफ दि गीता’ (शीघ्र प्रकाश्य)। संप्रति : यॉर्क यूनिवर्सिटी, टोरंटो में अंतरराष्‍ट्रीय एम.बी.ए. कार्यक्रम के लिए एडवांस्ड हिंदी पाठ्यक्रम का निर्देशन और अध्यापन। संस्कृत विद्या परिषद‍् के अध्यक्ष और हिंदू इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग, टोरंटो में संस्कृत एवं ‘गीता’ अध्यापन, जिसके वे निदेशक और प्रिंस‌िपल हैं। उत्तरी अमेरिका में हिंदी भाषा के विकास हेतु प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका ‘हिंदी चेतना’ के परामर्शदाता। संपर्क :marale@yahoo.ca पर इ-मेल द्वारा या (905) 760-9958 पर फोन या फैक्स तथा 1, अभिनव कॉलोनी, सीतानगर, नागपुर, एम.एस., इंडिया या 964 Yorkhill Blvd., Thornhill, ontario, canada Laj 5L6.

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