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Sabse Bada Rupaiya   

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Author Suresh Padmanabhan
Features
  • ISBN : 818826654X
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Suresh Padmanabhan
  • 818826654X
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2016
  • 236
  • Hard Cover

Description

पुस्तक का शीर्षक ‘सबसे बड़ा रुपैया’ पैसे अथवा रुपए के साथ हमारे संबंधों की मौलिक रूपरेखा प्रस्तुत करता है। पुस्तक को जब भी आप खोलेंगे, आपको याद आएगा कि जब ‘पैसा’, ‘व्यक्‍तिगत शक्‍ति’ और ‘व्यापक बल’ : ये तीनों आपके साथ होंगे तो आपको जीवन में संतुलित और सामंजस्यपूर्ण विकास की अनुभूति होगी।
रुपए से संबद्ध ऐसी कई तकनीकें और सूत्र हैं, जिन्हें मनी वर्कशॉप (रुपए की कार्यशाला) में पहले आजमाया जा चुका है। अत: आपको स्वयं कुछ नया खोजने की जरूरत नहीं है; इन तकनीकों या सूत्रों के माध्यम से आपका जीवन सरल और सुखमय बन सकता है।
इस पुस्तक में आपको ऐसे कई विचार और अवधारणाएँ मिलेंगी, जो आपको पसंद आएँगी और जिन्हें आप स्वीकार भी करेंगे; क्योंकि आपको ऐसा महसूस होगा जैसे ये सभी विचार आपके अपने ही हैं।
‘सबसे बड़ा रुपैया’ पुस्तक में निहित विचारों या तकनीकों के आधार पर अपनी कार्य-योजना तैयार करें, क्योंकि ‘कार्य’ ही आपकी जेब में पैसों के संचालन या प्रवाह को बढ़ाएँगे और इस प्रकार आप उच्च श्रेणी के जीवन का आनंद ले सकेंगे। पुस्तक में रुपए की महत्ता व समर्थता के साथ ही यह भी बताया गया है कि रुपए की आसक्‍ति में मानवीय और भावनात्मक संबंधों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

The Author

Suresh Padmanabhan

सुरेश पद्मनाभन प्रतिष्‍ठित लेखक, वक्‍ता, स्तंभकार तथा ‘मनी वर्कशॉप’ के संस्थापक हैं। उनकी पुस्तक ‘आइ लव मनी’ अंतरराष्‍ट्रीय बेस्टसेलर है और इसका बारह भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। ‘मनी वर्कशॉप’ आयोजित करने के लिए विश्‍व के अनेक देशों में भ्रमण।
टी.वी. चैनल ‘जी’ के माध्यम से उनकी वार्त्ताएँ विश्‍व भर में प्रसारित होती रही हैं। विभिन्न औद्योगिक समूहों, स्कूल, कॉलेज तथा जनसामान्य के बीच निज-विकास, धन, अध्यात्म, शेयर बाजार आदि पर दिए उनके प्रेरणाप्रद व्याख्यान अत्यंत लोकप्रिय और चर्चित हुए हैं।
लेखन और भ्रमण की अदम्य इच्छाशक्‍ति के धनी सुरेशजी की अनेक पुस्तकें शीघ्र प्रकाशित होने वाली हैं, जिनका उद‍्देश्य लोगों को धन-संपत्ति के आध्यात्मिक पक्ष से परिचित कराना है।

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