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Simmi Harshita ki Lokpriya Kahaniyan   

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Author Simmi Harshita
Features
  • ISBN : 9789351868996
  • Language : Hindi
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  • Kindle Store

More Information

  • Simmi Harshita
  • 9789351868996
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2016
  • 176
  • Hard Cover

Description

‘तुम्हारी भाषा अद्भुत है। तुम्हारी शैली अद्भुत है।’
—मन्नू भंडारी

सिम्मी हर्षिता की हर कहानी अपने आप में संपूर्णता का एहसास लेकर आती है। सुधी पाठक केवल कहानी पढ़ता ही नहीं है, उसकी हर स्थिति के साथ अपना तादात्म्य स्थापित करता है। सिम्मी हर्षिता की कहानी पढ़ना ऐसा है, जैसे ठंडे शर्बत को एक-एक घूँट पीना और हर घूँट के साथ उसका स्वाद लेना।
—डॉ. महीप सिंह

‘बनजारन हवा’ कहानी में तुमने भाषा का बहुत ही प्रभावी रूप प्रयोग किया है। 
—राजेंद्र यादव

सिम्मी हर्षिता की कहानियाँ कथ्य की दृष्टि से तो महत्त्वपूर्ण हैं ही किंतु वे कथन-भंगिमा की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण और आकर्षक हैं। वे इस कौशल से कहानी कहती हैं कि कहीं भी अति नहीं होती। इन कहानियों को उनकी कथन-भंगिमा और  अच्छे गद्य के लिए भी पढ़ा जा सकता है। अच्छा गद्य लिखना आसान काम नहीं है। इसलिए तो ‘गद्यं कवीना निकषं’ कहा गया है। उनके गद्य में काव्यात्मकता है और यहाँ से वहाँ तक प्रसृत वाग्वैदग्ध्य है, जिसमें परिहास भी है और व्यंग्य भी। उनके गद्य में एक क्रीडा-भाव सर्वत्र विद्यमान है। यह क्रीडा-भाव कहानियों के पात्रों के प्रति भी है और भाषा के प्रति भी।
—डॉ. हरदयाल

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अनुक्रम

दो शब्द —Pgs. 7

1. आओ बातें करें —Pgs. 11

2. बनजारन हवा —Pgs. 22

3. आत्मकथा का मनोभाव —Pgs. 40

4. चक्रभोग —Pgs. 62

5. आपकी मेहरबानी —Pgs. 72

6. कब्रगाथा —Pgs. 77

7. उस फूल का नाम —Pgs. 88

8. विस्थापित सदी —Pgs. 108

9. मैं आ रहा हूँ —Pgs. 118

10. इलायची के पौधे —Pgs. 133

11. विरोध —Pgs. 147

12. तरु को देख आना —Pgs. 157

13. कुछ था तो था —Pgs. 170

The Author

Simmi Harshita

जन्म : 29 नवंबर, 1940, रावलपिंडी के निकट देवी (अविभाजित भारत)।
शिक्षा : हिंदी तथा समाजशास्त्र में एम.ए.।
व्यवसाय : लंबे अरसे तक अध्यापन से जुड़े रहने के बाद अब स्वतंत्र लेखन।
पहली कहानी ‘अपने-अपने दायरे’ 1969 में ‘संचेतना’ पत्रिका में प्रकाशित।
प्रकाशित कृतियाँ : कमरे में बंद आभास, धराशायी, तैंतीस कहानियाँ (पुरस्कृत), बनजारन हवा, इस तरह की बातें, प्रेम संबंधों की कहानियाँ, सिम्मी हर्षिता की लंबी कहानियाँ, चुनी हुई कहानियाँ।
उपन्यास : संबंधों के किनारे, यातना शिविर, रंगशाला, जलतरंग (पुरस्कृत)।
प्रथम दोनों उपन्यासों के पंजाबी में अनुवाद प्रकाशित—संबंधां दे कंडे-कंडे तथा तसीहेघर।
मेरे साक्षात्कार तथा कृति विमर्श।
विभिन्न  कृतियों  पर  एम.फिल.  तथा 
पी-एच.डी., 1983 के विश्वपंजाबी लेखक सम्मेलन बैंकॉक (थाइलैंड) में भागीदारी।
विभिन्न कहानियों पर दूरदर्शन के लिए टेलीफिल्म का निर्माण।
सम्मान-पुरस्कार : पंजाब भाषा विभाग द्वारा वर्ष 1997 के श्रेष्ठ कथा-साहित्य के लिए ‘33 कहानियाँ’ संग्रह पुरस्कृत; हिंदी अकादमी दिल्ली द्वारा वर्ष 2006 का साहित्यकार सम्मान; उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा वर्ष 2006 का सौहार्द सम्मान तथा ‘जलतरंग’ उपन्यास के लिए 2014 का कुसुमांजलि साहित्य सम्मान।

 

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