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Gautam Buddha ki Prerak Kahaniyan   

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Author Mukesh Nadan
Features
  • ISBN : 9789384344764
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Mukesh Nadan
  • 9789384344764
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2020
  • 168
  • Hard Cover

Description

गौतम बुद्ध तथागत नाम से भी जाने गए। गौतम बुद्ध ने अपने सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार में जाति व्यवस्था का भी घोर विरोध किया था। उन्होंने मानव-मानव की समानता पर बल दिया। उन्होंने जन्म को न मानकर बुद्धि तथा चरित्र के आधार को छोटे-बड़े होने का मापदंड माना है। उन्होंने घोषणा भी की थी कि मनुष्य जन्म से नहीं, अपितु कर्म से ब्राह्मण अथवा शूद्र होता है।
गौतम बुद्ध द्वारा अनेक ऐसी बातों का प्रचार किया गया, जो आज भी मानव को एक-दूसरे से प्रेम, सद्भाव, दया और भाईचारे का संदेश देती हैं। इन्हीं संदेशों से प्रेरित गौतम बुद्ध की अनेक कथाएँ समाज-जीवन में प्रचलित हैं, जो मानव को असीम ज्ञान की ओर प्रेरित करती हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में ऐसी भी कुछ कथाओं को संगृहीत किया गया है, जो गौतम बुद्ध के जन्म से लेकर निर्वाण तक की घटनाओं का वर्णन करती हैं तथा उनके आचार-विचार से ओतप्रोत हैं। अपने शिष्यों को समय-समय पर उपदेश देते हुए उन्होंने अनेक कथाओं को उदाहरणार्थ समझाने का प्रयास किया और उन्हीं कथाओ का प्रचार-प्रसार उनके शिष्यों ने भी आगे किया। कथाएँ पूर्ण रूप से शिक्षात्मक एवं संस्कारित हैं। 
हमें आशा ही नहीं, अपितु पूर्ण विश्वास है कि गौतम बुद्ध की ये पठनीय कथाएँ अवश्य ही प्रत्येक वर्ग के पाठकों को ज्ञान का बोध कराने में सहायक सिद्ध होंगी और समरस समाज बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगी।

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अनुक्रम  
लेखकीय—5 46. बुद्ध की सीख—91
1. गौतम बुद्ध की जन्म कथा—9 47. सच्ची मित्रता—93
2. गौतम बुद्ध का नामकरण—14 48. सत्य का महत्त्व—95
3. हंस की प्राण रक्षा—16 49. सच्ची दयालुता—97
4. धनी और निर्धन का अंतर—18 50. उचित अवसर—99
5. सिद्धार्थ और यशोधरा—20 51. मोक्ष का मार्ग—100
6. देवदत्त का विरोध—22 52. धर्म का उजाला—101
7. सत्य से परिचय—23 53. सत्य से दूर—102
8. मृत्यु ही अटल सत्य—25 54. शांति की खोज—103
9. सत्य की खोज—27 55. वाणी का प्रभाव—104
10. साधना की ओर—30 56. कर्म की महिमा—105
11. सिद्धार्थ से गौतम—32 57. सबका हित—106
12. गौतम को बोध प्राप्ति—34 58. सच्चा पथ—108
13. यक्ष का उत्पात—36 59. लोभ का परिणाम—110
14. साधु का नुस्खा—37 60. अहंकार का त्याग—112
15. त्याग का महत्त्व—39 61. भिन्न-भिन्न कसौटी—113
16. बिना सेवा विद्या नाहि—41 62. अज्ञानी—114
17. शांति का मार्ग—44 63. ज्ञान का दीपक—115
18. साधु का बोध—46 64. साधना और साध्य—117
19. सुख और दुख—48 65. सबकी मंजिल एक—118
20. अंतरात्मा की आवाज—50 66. ईर्ष्या अग्नि—120
21. सच्ची मेहनत—52 67. जैसा आहार, वैसा विचार—124
22. बुद्ध की सिखावन—54 68. अज्ञानता का परिणाम—126
23. उपदेश का मोल—56 69. त्याग में आनंद—131
24. आलस का फल—58 70. दुख का निवारण—132
25. साँच को आँच नहीं—60 71. मानवता प्रथम—135
26. पसीने की कमाई—61 72. भगवान का वादा—137
27. त्याग और लोभ—62 73. सत्य की महिमा—138
28. सच्चा साधु—64 74. सच्ची लगन—139
29. सबसे बड़ा धनी—66 75. स्नेह का मूल्य—140
30. प्रेम का अमोघ अत्र—67 76. काल करे सो आज कर—142
31. क्रोध सबसे बड़ा शत्रु—69 77. अदृश्य बंधन—143
32. बुराई की जड़ —71 78. उपदेश का परिणाम—144
33. सुख और शांति—72 79. लालच का फल—146
34. मन की महिमा—73 80. जब आवे संतोष धन—150
35. दान का महत्त्व—75 81. बदनामी और नेकनामी—152
36. जहाँ चाह है वहाँ सुख नहीं—77 82. आम्रपाली और बुद्ध—154
37. धीरज और शांति का महत्त्व—78 83. बौद्ध धर्म की दीक्षा—155
38. लालच का फल—79 84. देवदत्त का षत्रं—158
39. क्रोध का उपचार—81 85. तथागत गौतम और मतवाला हाथी—160
40. शांति का स्रोत—82 86. अजातशत्रु का क्षमा माँगना—162
41. उपकार—84 87. ज्ञान का अथाह सागर—164
42. जीने का मार्ग—85 88. महिलाओं को शरण—165
43. बुद्ध का चमत्कार—87 89. मृत्यु पर किसी का वश नहीं—166
44. कल की चिंता—89 90. महानिर्वाण—167
45. अपंग कौन?—90  

The Author

Mukesh Nadan

5 नवंबर, 1964 को नगर नजीबाबाद (उ.प्र.) में जनमे लेखक एवं चित्रकार मुकेश ‘नादान’ ने साहित्य-जगत् में अपनी अलग पहचान बनाई है। विभिन्न विषयों पर संपादित एवं लिखी गई दो सौ से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं। बाल पाठकों के लिए अनेक सचित्र एवं शिक्षाप्रद पुस्तकें लिखकर उनमें शिक्षा एवं संस्कृति का संचार किया है। ‘नन्ही मुनिया’, ‘जंगल और आदमी’, ‘शिक्षाप्रद बाल कहानियाँ’, ‘शिक्षाप्रद बाल गीत’ जैसी पुस्तकें आज भी बाल पाठकों की पहली पसंद बनी हुई हैं। विभिन्न विषयों पर उपयोगी श्रंखला में लिखी ‘महानायक ए.पी.जे. अब्दुल कलाम’ (जीवनी), ‘प्रदूषण का कहर’, ‘बुढ़ापा : वरदान या अभिशाप’, ‘विश्‍व प्रसिद्ध महान् संत’ (जीवनियाँ), ‘बचपन॒: दशा और दिशा’ आदि पुस्तकें भी लोकप्रिय हुई हैं।

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