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Everest Par Tiranga

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Author Arjun Vajpayee , Anu Kumar
Features
  • ISBN : 9789350482230
  • Language : Hindi
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  • Kindle Store

More Information

  • Arjun Vajpayee , Anu Kumar
  • 9789350482230
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2018
  • 120
  • Hard Cover
  • 264 Grams

Description

मैंने एक-एक सेकंड जो वहाँ पर गुजारा, मुझे अच्छी तरह याद है। अंततोगत्वा मैं दुनिया के सबसे ऊँचे शिखर पर था। वहाँ पर भगवान् बुद्ध की एक मूर्ति रखी हुई थी। मैंने झुककर उसे प्रणाम किया। जैसे ही मैंने सिर उठाया, अपने जीवन का सबसे अद‍्भुत सूर्योदय देखा। यहाँ से सूर्य भी हमसे नीचे दिख रहा था और जैसे-जैसे वह ऊपर उठा, हरेक पहाड़ की चोटी, जो बर्फ से ढकी थी, सोने की तरह चमकने लगी। मीलों तक हमारी दृष्‍टि के लिए कोई बाधा नहीं थी। मैं पृथ्वी की वक्राकार सतह को देख सकता था।
हमने 8,848 मीटर (29,028 फीट) की ऊँचाई से थोड़ी देर चारों तरफ का नजारा देखा, क्योंकि अतिशय शीत के कारण हम वहाँ ज्यादा देर ठहर नहीं सकते थे। हम वहाँ से तिब्बत के पठार के पार की अन्य हिमालयी चोटियाँ देख सकते थे; जैसे—चोयू, मकालू और कंचनजंघा। यह एक आश्‍चर्यचकित करनेवाला 3600 का दृश्य है।
मुझे शिखर पर अपने देश भारत का राष्‍ट्रीय ध्वज लगाते हुए बहुत गर्व का अनुभव हुआ। मेरा ऑक्सीजन मास्क अभी लगा हुआ था, अतएव मन-ही-मन मैंने अपना राष्‍ट्रगान गाया।
—इसी पुस्तक से
जीवन में कुछ कर दिखाने, लकीर से हटकर कुछ करने का हौसला रखनेवाले जाँबाज युवा की प्रेरणाप्रद कहानी, जो किसी भी साहसिक व रोमांचपूर्ण कार्य को करने के लिए प्रेरित करेगी। "

The Author

Arjun Vajpayee

अर्जुन वाजपेयी 16 वर्ष की उम्र में (मई 2010 में) एवरेस्ट पर चढ़नेवाले सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बने थे। अर्जुन हमेशा से एक उम्दा एथलीट एवं एक चैंपियन स्पोर्ट्स पर्सन हैं। उन्होंने अपने स्कूल रेयान इंटरनेशनल स्कूल, नोएडा का कई खेलों; जैसे—रोलर स्केटिंग, ताइक्वांडो, बास्केट बॉल, वॉलीबॉल और फुटबॉल में प्रतिनिधित्व किया और कई इनाम जीते हैं। इतनी कम उम्र के होने के बावजूद वे बड़े-बड़े एडवेंचर्स के सपने देख रहे हैं, जैसे—दोनों ध्रुवों—नॉर्थ और साउथ पोल पर जाना, दुनिया की अन्य 13 चोटियों पर चढ़ना, जो 8,000 मीटर से ज्यादा की ऊँचाई पर हैं तथा उसके बाद दुनिया के सातों महाद्वीपों की सबसे ऊँची चोटियों पर चढ़ना।
अपने पिता की तरह वे भी एक फौजी बनना चाहते हैं। जब वे खेलकूद या पर्वतारोहण नहीं कर रहे होते हैं, तब एडवेंचरर्स और एक्सप्लोरर्स के बारे में कहानियाँ पढ़ना पसंद करते हैं।

Anu Kumar

अनु कुमार का उपन्यास ‘द डॉलमेकर्स आइलैंड’ ज्ञान बुक्स द्वारा 2010 में प्रकाशित हुआ है। पफिन इंडिया ने बच्चों के लिए उनकी पुस्तक ‘अतिसा और उसकी टाइम-मशीन : एडवेंचर्स विद ह्वेनसांग’ प्रकाशित की।

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