Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Chaak Par Ghoomti Rahi Mitti   

₹250

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Aradhana Prasad
Features
  • ISBN : 9789392013119
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Aradhana Prasad
  • 9789392013119
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2022
  • 128
  • Hard Cover
  • 175 Grams

Description

इक नई जिंदगी की चाहत में चाक पर घूमती रही मिट्टी अपनी मिट्टी, अपनी जमीन और अपने लोगों की ख़ुशी तथा ग़म को महसूस करके संवेदनशीलता के साथ उन्हें शायरी का हिस्सा बनाने का हुनर आराधना प्रसाद की विशिष्टता है ।
आराधना प्रसाद की ग़ज़लों में भाषा की सरलता के साथ-साथ छंद, शिल्प व कथ्य का स्तर उत्कृष्ट है । कुछ अशआर देखिये-

झील पर यूँ चमक रही है धूप
जैसे पानी की हो गई है धूप

ऊँची परवाज़ हो पर पाँव ज़मीं पर ही रहे
आसमां से भी उतर जाते हैं अच्छे-अच्छे

बग़ावत पर इस आमादा हवा से
चराग़ों को भी लड़ना आ गया है

चाँद का तो रंग फीका पड़ गया
खुशनुमा पीतल की थाली हो गई

अपनी मेहनत की कमाई से जलाओगे अगर
घर के दीपक से भी आँगन में उजाला होगा

डूबता सूरज जहाँ से कह गया
सर बुलंदी से उतर जाते हैं सब

मंज़िल की आरजू में सलामत रहे जुनूं
काँटे हैं राह में कि हैं पत्थर न देखिए

मैं आराधना प्रसाद के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूँ कि वह इन्हें दीर्घायु प्रदान करें। आराधना सुयश के उच्चतम शिखर को छूने में कामयाब हों ।


(आर.के. सिन्हा)
वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार एवं पूर्व सांसद

The Author

Aradhana Prasad

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW