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Author Nandani Agrawal
Features
  • ISBN : 9789390900060
  • Language : Hindi
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More Information

  • Nandani Agrawal
  • 9789390900060
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 216
  • Soft Cover

Description

भारत में किस्से-कहानियों में राजा और उनकी रियासत को आज भी जिंदा रखा गया है। राजाओं के भोग-विलास की कहानियाँ उस दौर में प्रजा के साथ हुई घटनाओं और राजा के कुटिल स्वभाव को भी बयान करती हैं। ‘तीसा’ उपन्यास का तानाबाना भी राजा और मंत्री की चालबाजी से शुरू होता है। जहाँ राजा लालची तो है ही लेकिन एक खौफ के साये में अपनी जिंदगी को जी रहा है।  राजा का अपनी ही रानी से मोहभंग सिर्फ इसलिए हो जाता है क्योंकि रानी राजा की कुटिल करतूतों पर खामोश नहीं होती है। कहानी का केंद्र बिंदु तीसा का शांत स्वभाव और चाँद सी शीतलता ओढ़े उसकी खूबसूरती है जो जंगल में चंदन की खूशबू फैलाती हुई सी लगती है। अब जहाँ चंदन हो, वहाँ विषैले साँप तो होंगे ही। ऐसे में राजा के मायाजाल से खुद को बचाना, यह चुनौती का काम तो होगा ही।
तीसा कैसे मुश्किल समय में धैर्य और साहस से अपनी जीत को सुनिश्चित करती है, यह हम सबके लिए एक सबक की तरह हो सकता है। आप किसी भी मुश्किल समय में क्यों न हों, बस उम्मीद रखिए कि बुरा समय जरूर बीत जाएगा और अधर्म कितना भी क्यों न पाँव पसारे, जीत अंत में धर्म की ही होती है।

The Author

Nandani Agrawal

जन्म : 14 जुलाई को श्योपुर, मध्य प्रदेश में।
जन्म उस राज्य में हुआ जहाँ की स्थापत्य कला ने पूरे भारत को ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोगों को अपनी ओर खींचा। बनारसी पान के बाद कुछ प्रसिद्ध हुआ तो वो भोपाली पान और सूरमा भोपाली, ऐसी ही मातृभूमि जिसको कहते हैं मध्य प्रदेश। जिंदगी के ककहरे से लेकर स्कूल तक का सफर श्योपुर, मध्य प्रदेश में तय हुआ। बी.एस-सी. (बायोलॉजी) और एम.एस-सी. (जूलॉजी) की पढ़ाई करने के साथ बी.एड. भी किया हुआ है। इन्हें गाँव, कस्बों और शहरों में घूमकर किस्से-कहानियाँ लिखना अच्छा लगता है। यह कहना ठीक रहेगा कि घुमक्कड़ी इनका पसंदीदा शौक है। तिलस्मी, विज्ञान और भारतीय संस्कृति से जुड़ी किताबों को पढ़ना काफी पसंद है। यहाँ से उपन्यास लिखने का सफर शुरू होता है।
इ-मेल : author.nandaniagrawal@gmail.com

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