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Johannes Kepler   

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Author Manjari Sinha
Features
  • ISBN : 9789355210272
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Manjari Sinha
  • 9789355210272
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2022
  • 200
  • Soft Cover
  • 250 Grams

Description

"केपलर का जन्म सन् 1571 में दक्षिणी जर्मनी के एक शहर वाइल में हुआ था। अभी वह चार साल के ही थे कि चेचक के शिकार हो गए। इससे उनकी आँखें बहुत कमजोर हो गईं और हाथों से लगभग अपंग ही हो गए। इन सब बाधाओं के बावजूद केपलर बचपन से ही एक प्रतिभाशाली विद्यार्थी थे। चर्चों की व्यवस्थापक संस्था ने उनका भविष्य निर्धारित कर दिया और वे धर्म विज्ञान का अध्ययन करने के लिए ईसाइयों के ‘गुरुकुल’ में दाखिल हो गए।

उन्होंने ट्यूविंजेन विश्वविद्यालय की छात्रवृत्ति उपार्जित की। यहाँ वे कोपरनिकस के विचारों के संपर्क में आए, जैसे किस प्रकार ग्रह-नक्षत्र सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं। गणित पर आधारित नक्षत्रों की गतिविधि का ‘सूक्ष्म’ अध्ययन जहाँ उनका विषय था, वहाँ उन्होंने मूर्त आकृतियों, धन वर्ग, चतुष्फलक, अष्टफलक, द्वादशफलक तथा विशंतिफलक की पूर्णता के संबंध में भी एक अंतर्सूत्र सा, एक ‘स्थूल’ नियम सा प्रस्तुत करने की कोशिश की।

केपलर ने विज्ञान के अन्य क्षेत्रों में भी अन्वेषण किए। मानव दृष्टि तथा दृष्टि विज्ञान के संबंध में जो स्थापनाएँ उन्होंने विकसित कीं, उनका प्रकाश के ‘अपसरण’ के क्षेत्र में बहुत महत्त्व है। इस पुस्तक में जोहैनीज केपलर की जीवनकथा का रोचक एवं प्रेरक वर्णन है।"

The Author

Manjari Sinha

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