Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Drishtikon

₹700

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Lal Krishna Advani
Features
  • ISBN : 9789350481424
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Lal Krishna Advani
  • 9789350481424
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2016
  • 444
  • Hard Cover
  • 750 Grams

Description

श्री लालकृष्ण आडवाणी के ब्लॉग सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए प्रासंगिक हैं। जहाँ उनके समकालीनों के लिए इनमें पुरानी स्मृतियाँ हैं, वहीं देश के भविष्य को आकार देने के लिए बेचैन युवाओं के लिए इतिहास संबंधी अंतर्दृष्टि है। वे सरदार पटेल जैसे नेताओं के दौर की उथल-पुथल तथा आधुनिक भारत के निर्माण में उनके विशिष्ट योगदान की जानकारी देते हैं। आडवाणीजी के ब्लॉग दोहरे उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं, इनमें अतीत की झलक है और ये भारतीयों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। ये ब्लॉग दो युगों का मेल कराते हैं—पहला युग वह है, जिससे स्वयं आडवाणी संबंधित हैं, और दूसरा वह, जिसमें वे मार्गदर्शक की भूमिका में हैं।
आडवाणी एक प्रभावशाली राजनेता रहे हैं। दशकों लंबे राजनीतिक जीवन में श्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ अहम भूमिका निभाते हुए उन्होंने न केवल भारतीय जनता पार्टी का गठन किया, बल्कि उसका उत्तरोत्तर विकास भी किया। अगर भाजपा आज राष्ट्रीय स्तर पर जानी-पहचानी जाती है, तो उसका श्रेय अटल-आडवाणी की विचारदृष्टि को है, जिन्होंने इसे हाशिए से उठाकर केंद्रीय भूमिका में पहुँचाया। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता को पुनर्परिभाषित किया। सोमनाथ से अयोध्या की उनकी ऐतिहासिक यात्रा के कारण देश को धर्मनिरपेक्षता को फिर से परिभाषित करने तथा विरोधियों द्वारा समर्थित छद्म-धर्मनिरपेक्षता से इसे भिन्न समझने पर विवश होना पड़ा।
आडवाणी का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण योगदान सार्वजनिक जीवन में उच्च मानदंड स्थापित करने और उनका अनुपालन करने का प्रबल आग्रह है। उन्होंने सदैव राजनीतिक शुचिता और पारदर्शिता की हिमायत की है। 
आडवाणीजी के ब्लॉग की ताकत उनके व्यक्तित्व की तरह प्रत्यक्ष, निर्भीक और स्पष्टवादी है। वे किसी मुद्दे को दबाने या हलका करने का प्रयत्न नहीं करते। वे तथ्यों को बढ़ा-चढ़ाकर बताने का प्रयास नहीं करते, बल्कि बिलकुल वास्तविक रूप में पेश करते हैं। उनका लेखन उनके मन की तरह स्वच्छ है। उनके ब्लॉग अनेक व्यापक विषयों पर केंद्रित हैं : इतिहास, राजनीति, पुस्तकें, और भी बहुत कुछ। भारतीय राजनीतिक भविष्य में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए आडवाणी के ब्लॉग बहुत प्रभावशाली मार्गदर्शक की भूमिका निभा सकते हैं; अन्य पाठकों के लिए भी ये ब्लॉग बहुत दिलचस्प और पठनीय हैं।

 

The Author

Lal Krishna Advani

भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी सत्तर के दशक से देश के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण राजनेताओं में से एक हैं। पचास वर्षों से अधिक समय से अपने अभिन्न सहयोगी, पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ उन्होंने देश के राजनीतिक परिदृश्य में महत्त्वपूर्ण और निर्णायक परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभाई है। सन् 1980 में ‘भारतीय जनता पार्टी’ की स्थापना से लेकर अब तक के विकास में उनका अमूल्य योगदान 
रहा है।
आडवाणी 8 नवंबर, 1927 को कराची में पैदा हुए, जहाँ उन्होंने आरंभिक शिक्षा प्राप्‍त की। विभाजन के बाद उनके परिवार को सिंध छोड़कर विभाजित भारत में आकर बसना पड़ा। चौदह वर्ष की आयु में भारतीय राष्‍ट्रवाद और चरित्र निर्माण के लिए समर्पित सामाजिक संगठन ‘राष्‍ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ से जुड़े आडवाणी, सन् 1951 में 
डॉ. श्यामाप्रसाद मुकर्जी द्वारा ‘भारतीय जनसंघ’ की स्थापना के बाद सक्रिय राजनीति में आए। जनसंघ के प्रमुख स्तंभ एवं चिंतक 
पं. दीनदयाल उपाध्याय का उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा। आडवाणी सन् 1973 में जनसंघ के अध्यक्ष चुने गए और लगातार तीन कार्यकाल तक इस पद पर रहे। 1975 में आपातकाल के दौरान वे 
19 महीने के लिए नजरबंद रहे।
वे चार बार राज्यसभा के लिए तथा पाँच बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। भाजपा ने सन् 1998 में कांग्रेस को पटखनी दी, जब वह राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की मिली-जुली सरकार बनाने में सफल रही। राजग की स्थापना और उसकी विजय में आडवाणी की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।
राजग की सरकार (1998-2004) में वे भारत के गृहमंत्री एवं उपप्रधानमंत्री रहे। वर्ष 1999 में आडवाणी को प्रतिष्‍ठ‌ित सर्वोत्तम सांसद पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। वर्तमान में वे लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता हैं। अपनी राजनीतिक सूझ-बूझ और सबको साथ लेकर चलने की नीति के कारण वे अपने समर्थकों और आलोचकों के बीच समान रूप से लोकप्रिय हैं। ओजस्वी वक्‍ता और अनुभवी सांसद आडवाणी राष्‍ट्र-विकास के लिए सुशासन के प्रखर प्रणेता रहे हैं। सक्रिय राजनीति में आने से पहले एक पत्रकार रहे आडवाणी पुस्तकों, रंगमंच और सिनेमा के सूक्ष्म पारखी हैं। वर्तमान में वे पत्‍नी कमला, पुत्र जयंत, पुत्रवधू गीतिका और पुत्री प्रतिभा के साथ दिल्ली में रह रहे हैं।

 

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW