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Anandiben Patel : Pratibadhhata Ke Padchinha   

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Author Ashok Desai & Keyur Sampat
Features
  • ISBN : 9789355620118
  • Language : HIndi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Ashok Desai & Keyur Sampat
  • 9789355620118
  • HIndi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2022
  • 204
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

"आनंदीबेनजी की सबसे बड़ी खूबी है—अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूरी शक्ति से और निरंतर उत्साह से प्रवृत्त रहना। कभी भी हार न मानना, कर्तव्य में शिाथिलता न लाना और आसपास उदासीनता उभरने नहीं देना। उत्साहपूर्वक प्रवृत्त होना ही उत्थान या अभ्युत्थान कहलाता है। महाभारत के शांति पर्व, अनुशासन पर्व आदि में सर्वत्र कहा गया है कि उत्साहपूर्ण कर्म ही राजधर्म का मूल है। इस कर्म के बल पर ही आनंदीबेनजी ने गुजरात में बड़े-बड़े लोकहितकारी परिवर्तन कर दिखाए।

आज हमें यह कहने में जरा भी संकोच नहीं है कि लोकहित के प्रति ऐसा समर्पण, ऐसी चिंता और ऐसी सजगता आज के परिदृश्य में दुर्लभ हो चुकी है। लोगों से संवाद, अधिकारियों के साथ बैठक और फाइल पर निर्णय लेने में उनकी सकारात्मकता देखते ही बनती है। 'समय पर न्याय न मिलना भी अन्याय ही है', इसको हमेशा ध्यान में रखकर आनंदीबेनजी ने कभी कोई काम कल पर नहीं टाला। ऐसी अनगिनत विशेषताएँ आनंदीबेनजी को सच्चा राजनेता बनाती हैं। उनके द्वारा किए कार्यों का संकलन करते समय हम बार-बार आश्चर्य में पड़ते रहे कि कितनी सहजता से आनंदीबेनजी बड़े-बड़े कार्य करती चली गईं।
कर्मयोग का जीवंत दस्तावेज बन गई यह पुस्तक निश्चय ही सभी कर्मयोगियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी ।

The Author

Ashok Desai & Keyur Sampat

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