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Amar Suktiyan   

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Author Jayshri
Features
  • ISBN : 8177210858
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
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  • Kindle Store

More Information

  • Jayshri
  • 8177210858
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2011
  • 100
  • Hard Cover

Description

सूक्‍त वचन ज्ञान का सार होते हैं। हमारे मनीषियों, विद्वानों, महापुरुषों, नीतिज्ञों के अनुभव, दर्शन और परिपक्व विचारों से हमारा जीवनपथ प्रशस्त होता है। सूक्‍तियाँ हमारी मानसिकता व विचारों का निर्माण करती हैं। अनेक अवसरों व परिस्थितियों में ये किसी सुहृद् मित्र की भाँति हमारा पथ-प्रदर्शन करती हैं। जीवन के महत्त्वपूर्ण निर्णयों की पूर्व-पीठिका तैयार करती हैं। सूक्‍त वचनों की महानता, महत्ता एवं उपयोगिता को देखते हुए प्रस्तुत कृति तैयार की गई है। अत्यंत पठनीय, व्यावहारिक व संग्रहणीय सूक्‍तियों का संग्रह।

The Author

Jayshri

डॉ. जयश्री का जन्म वाराणसी में हुआ। आपने रुहेलखंड विश्‍वविद्यालय, बरेली (उ.प्र.) से अर्थशास्‍‍त्र में स्नातकोत्तर और पटना विश्‍वविद्यालय, पटना से अर्थशास्‍‍त्र में डॉक्टरेट किया है। आप विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग से जूनियर एसोसिएट फैलो एवं नेट (NET) उत्तीर्ण हैं।
कृतित्व : विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ तथा दो पुस्तकें—‘खिलाडि़यों के मुख से’ एवं ‘मसालों का औषधीय महत्त्व’ प्रकाशित।

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